Maharashtra Byelections 2023: पुणे की दो विधानसभा सीटों पर मतदान शुरू, जानें किन-किन के बीच है मुकाबला
Maharashtra Byelections 2023: महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी पुणे की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान शुरू हो चुका है। कस्बा और चिंचवाड़ विधानसभा सीटों पर बीजेपी विधायकों के असमय निधन के कारण उपचुनाव की नौबत आई है।
Maharashtra Byelections 2023: महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी पुणे की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान शुरू हो चुका है। कस्बा और चिंचवाड़ विधानसभा सीटों पर बीजेपी विधायकों के असमय निधन के कारण उपचुनाव की नौबत आई है। महाराष्ट्र की राजनीति के लिहाज से इस उपचुनाव को बेहद अहम माना जा रहा है। इनके नतीजे सत्तारूढ़ बीजेपी – शिवसेना और विपक्षी महाविकास अघाड़ी की भविष्य में राजनीति की दिशा क्या होगी, वो तय करेगी। दोनों सीटों के नतीजे 2 मार्च को आएंगे।
किन-किन के बीच है मुकाबला
पुणे से सटे चिंचवाड़ में बीजेपी ने अश्विनी जगताप को मैदान में उतारा है। उनके सामने एनसीपी के नाना कोटे हैं। दोनों के बीच बेहद कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है। वहीं, कस्बा सीट से बीजेपी ने हेमंत सराने को टिकट दिया है। महाविकास अघाड़ी की तरफ से यहां कांग्रेस मैदान में है। कांग्रेस ने रवींद्र धांगेकर को टिकट दिया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कस्बा निर्वाचन क्षेत्र में 2,75,428 और चिंचवाड़ में 5,68,954 मतदाता हैं।
जमकर हुआ था चुनाव-प्रचार
पुणे की इन दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए जमकर चुनाव प्रचार हुआ था। सत्तारूढ बीजेपी और विपक्षी महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडनवीस, सीएम एकनाथ शिंदे से लेकर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और पूर्व डिप्टी सीएम अजीत पवार ने जमकर रैलियां और रोड शो किए। इन चुनाव में उद्धव गुट का भले ही कोई उम्मीदवार न हो लेकिन आदित्य ठाकरे ने दोनों सीटों पर एनसीपी और कांग्रेस के लिए कैंपेन किया है। चुनाव आयोग के फैसले के बाद पहली बार चुनाव हो रहे हैं। इसलिए इस उपचुनाव को शिंदु गुट और उद्धव गुट के बीच सम्मान की लड़ाई के तौर पर भी देखा जा रहा है।
बीजेपी के सामने है बड़ी चुनौती
भारतीय जनता पार्टी के विधायकों मुक्ता तिलक एवं लक्ष्मण जगता के निधन के कारण कस्बा और चिंचवाड़ में उपचुनाव हो रहे हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने इन दोनों सीटों पर आराम से जीत हासिल की थी। लेकिन उस दौरान उनके पास एकीकृत शिवसेना का समर्थन था। ऐसे में पार्टी के सामने इन सीटों पर अपने बलबूते जीत दर्ज करने की चुनौती है। अगर उसे अपेक्षित सफलता नहीं मिलती है तो माना जाएगा कि शिवसेना के मतदाता अभी भी उद्धव ठाकरे के साथ ही हैं। आपको बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उपचुनाव को लेकर सीधे प्रचार में तो नहीं उतरे लेकिन पिछले दिनों पुणे में एक कार्यक्रम के बहाने जरूर पहुंचे थे। जिसे उपचुनाव से जोड़कर ही देखा जा रहा था।