Maharashtra Cabinet Vistar : महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार, इन मंत्रियों ने ली शपथ

Maharashtra Cabinet Vistar : महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है। राज्यपाल ने नागपुर में मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

Newstrack :  Network
Update:2024-12-15 16:38 IST

Devendra Fadnavis   (PHOTO: social media )

Maharashtra Cabinet Vistar : महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार के पहले मंत्रिमंडल का विस्तार आज नागपुर में हो रहा है। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है। बताया जा रहा है कि इस दौरान करीब 39 मंत्री शपथ लेंगे। सूत्रों ने बताया कि ये मंत्रिमंडल विस्तार ढाई साल के लिए ही होगा। सीएम देवेन्द्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता बड़े नेता मौजूद हैं। बता दें कि करीब 33 साल बाद नागपुर में राज्य मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है। 

इन्हें दिलाई गई मंत्री पद की शपथ

यहां सबसे पहले चंद्रशेखर बावनकुले ने मंत्रिपद की शपथ ली है। वह इससे पहले देवेन्द्र फडणवीस सरकार में ऊर्जा मंत्री रह चुके हैं। 2019 में उनका विधानसभा का टिकट भी काट दिया गया था। इनके बाद राधाकृष्ण विखे पाटिल ने शपथ ली, वह लगातार दूसरी बार मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। वह उत्तर महाराष्ट्र से हैं, जिनका मराठा समुदाय से नाता है। 

- एनसीपी नेता हशन मुशरिफ को मंत्री पद की शपथ दिलाई है, वह अकेले मुस्लिम समुदाय है। वह एनसीपी अजित पवार के कोटे से मंत्री बने हैं। 

- चंद्रकांत पाटिल को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। वह भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 

- गिरीश महाजन, देवेन्द्र फडणवीस से काफी करीबी माने जाते हैं, उन्हें उनका संकट मोचक भी कहा जाता है। इन पर भी कई आरोप लग चुके है। यह उत्तर महाराष्ट्र से हैं।

- गुलाब राव पाटिल, शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट से हैं। इन्हें लगातार दोबारा मंत्री बनाया गया है। इन्हें उद्धव ठाकरे का काफी करीबी माना जाता था, लेकिन यह एकनाथ शिंदे के साथ आ गए थे। 

- गणेश नाईक, यह नवी मुंबई से विधायक हैं और पिछड़े समाज से आते हैं। 

- दादा भूसे, इन्हें एकनाथ शिंदे का काफी करीबी माना जाता है। ये मालेगांव से विधायक हैं। एकनाथ शिंदे सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। इन्हें लगातार दूसरी बार भी मौका मिला है। 

- संजय राठौड़, शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के नेता हैं। इन पर कई गंभीर आरोप भी लगे थे। बीजेपी ने मंत्री बनाए जाने का पहले विरोध किया था। यह पिछड़े समाज से आते हैं। 

- धनंजय मुंडे, एनसीपी अजित पवार के नेता हैं। 

- मंगल प्रभात लोढ़ा, मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं। मालाबार हिल विधानसभा से विधायक हैं। उन्हें देवेन्द्र फडणवीस का काफी करीबी माना जाता है, उन्हें एक बार फिर मौका दिया गया है। बीजेपी संगठन में भी कई पदों पर रह चुके हैं।

- उदय सामंत, एकनाथ शिंदे के काफी करीबी हैं। ये कांग्रेस से एनसीपी और उसके बाद शिवसेना में शामिल हुए थे। उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल में भी मंत्री रहे और इसके बाद एकनाथ शिंदे सरकार में भी मंत्री रहे हैं। अब एक बार और उन्हें मौका दिया गया है।

- जयकुमार रावल, वह बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं। आदिवासी इलाके से हैं। देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

- पंकजा मुंडे, बीजेपी की वरिष्ठ नेता हैं। लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्हें विधान परिषद भेजा गया था। उन्हें दोबारा मंत्री बनने का मौका दिया गया था।

-  अतुल सावे, बीजेपी के नेता हैं और औरंगाबाद पूर्व से विधायक हैं। इनके पिता शिवसेना से पहले मेयर और पहले सांसद बने थे।

- अशोक उइके, इन्हें देवेंद्र फडणवीस का काफी करीबी माना जाता है। 

- शंभूराज देसाई, पाटन से शिवसेना के विधायक हैं। उन्हें एकनाथ शिंदे का काफी करीबी माना जाता है। बगावत के समय एकनाथ शिंदे के साथ सबसे पहले खड़े हुए थे।

- आशीष शेलार, मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष है। बीसीसीआई में ट्रेजरार के पद पर रह चुके हैं, उन्हें बीसीसीआई अध्यक्ष जय शाह का काफी करीबी माना जाता है। 

- दत्तात्रेय भरणे ने मंत्री पद की शपथ ली है।

- आदिती तटकरे, श्रीवर्धन सीट से एनसीपी विधायक हैं, वह कद्दावर नेता सुनील तटकरे की बेटी हैं। वह पहले उद्योग मंत्रालय संभाल चुकी हैं।

- शिवेन्द्र राजे भोंसले, वह सतारा से बीजेपी विधायक हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज हैं। 2019 के चुनाव से पहले वह बीजेपी में शामिल हुए थे।

- मणिकराव कोकाटे, नासिक के सिन्नर सीट से चौथी बार विधायक हैं। 

- जय कुमार गोरे, सतारा जिले की मान सीट से विधायक है। 

- नरहरि झिरवाल, वह एनसीपी नेता हैं। ये आदिवासी समुदाय से हैं। डिंडोरी से चौथी बार विधायक बने हैं। वह डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं।

- संजय सावकारे, वह बीजेपी के नेता है, भुसावल से चौथी बार विधायक बने हैं। वह 2009 से लगातार जीत रहे हैं।

- संजय शिरसाट, इन्हें एकनाथ शिंदे का काफी करीबी माना जाता है। औरंगाबाद पश्चिम से विधायक बने हैं। उनका मराठवाड़ा से ताल्लुक है। इन्होंने उद्धव ठाकरे गुट के राजू शिंदे को हराया है।

- प्रताप सरनाइक, वह शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट के नेता हैं। वह मराठा समुदाय से हैं। 

- भरत गोगावले, रायगढ़ जिले के महाड़ से शिवसेना विधायक है। वह मराठा कुनबी समुदाय से आते हैं।

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