महाराष्ट्र कांग्रेस में बवाल, मंत्री नहीं सुन रहे अपने विधायकों की बात, सोनिया तक पहुंची शिकायत

Maharashtra: कांग्रेस के कई विधायक अपनी ही सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं। पार्टी के करीब 25 विधायकों का कहना है कि सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा

Report :  Anshuman Tiwari
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-03-30 17:05 IST

सोनिया गांधी (फोटो : सोशल मीडिया ) 

Maharashtra: महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल कांग्रेस के कई विधायक अपनी ही सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं। पार्टी के करीब 25 विधायकों का कहना है कि सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इन विधायकों की नाराजगी विशेष रूप से कांग्रेस के मंत्रियों से है।

उन्होंने अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से इस बाबत शिकायत की है। उन्होंने इस बाबत अपनी बात रखने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात का समय भी मांगा है। उनका कहना है कि राज्य में सरकारी कामकाज की व्यवस्था में बदलाव के लिए सोनिया गांधी को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।

शिकायतों की अनदेखी का आरोप

महाराष्ट्र में इस समय कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना गठबंधन की सरकार चल रही है। ऊपर से तो सबकुछ दुरुस्त दिख रहा है मगर अंदरखाने गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं को अपनी सरकार से ढेरों शिकायतें हैं। यही कारण है कि शिवसेना प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से नाराजगी बढ़ती जा रही है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के कई विधायकों का कहना है कि राज्य के मंत्री और विशेष रूप से कांग्रेस से जुड़े हुए मंत्री उनकी बातों को कोई महत्व नहीं दे रहे हैं।

नाराज विधायकों का कहना है कि जब वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों की कोई समस्या लेकर मंत्रियों के पास जाते हैं तो उनके अनुरोध की अनदेखी कर दी जाती है। नाराज विधायकों में शामिल एक कांग्रेस नेता ने कहा कि जब वे अपने चुनाव क्षेत्रों की समस्याएं ही नहीं दूर कर पाएंगे तो कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन कैसे कर सकती है।

पार्टी में समन्वय की कमी उजागर

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लिखी गई चिट्ठी में पार्टी विधायकों का कहना है कि पार्टी में समन्वय की कमी उजागर हो रही है। सोनिया (Sonia Gandhi) को चिट्ठी लिखने वालों में पार्टी के 25 विधायक शामिल हैं। पार्टी विधायकों ने कहा कि कांग्रेस के प्रत्येक मंत्री से तीन-तीन विधायकों को जोड़ा गया है मगर यह बात ढाई साल बाद पिछले सप्ताह पता चली है। अभी भी पार्टी के कई विधायकों को इस बात की जानकारी नहीं है कि किस मंत्री को उनके साथ जोड़ा गया है।

मंत्रियों की ओर से विधायकों के कामकाज को कोई महत्व नहीं दिया जाता। इसी कारण विभिन्न विधायकों के चुनाव क्षेत्रों की समस्याएं लंबित पड़ी हुई हैं। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात का समय मांगा है ताकि अपनी शिकायत हाईकमान तक पहुंचा सकें।

एनसीपी से इसलिए पिछड़ रही पार्टी

पार्टी विधायकों ने इस संबंध में एनसीपी की नजीर भी दी है। उन्होंने कहा कि एनसीपी नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar) नियमित रूप से एनसीपी विधायकों से मुलाकात करके उनकी समस्याएं दूर करते हैं। इसका नतीजा भी दिख रहा है और कांग्रेस लगातार एनसीपी से पिछड़ती जा रही है। एक विधायक ने शिकायती लहजे में कहा कि एनसीपी नेताओं के मंत्रालय को ज्यादा धन का आवंटन किया जाता है। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि अगर सबकुछ इसी तरह चलता रहा तो पार्टी महाराष्ट्र में भी अन्य राज्यों की तरह पिछड़कर हाशिए पर चली जाएगी।

कांग्रेस विधायकों ने नेतृत्व को पंजाब के चुनाव नतीजों की भी याद दिलाई है। उन्होंने कहा कि पंजाब के चुनावी नतीजों से सबक लेते हुए इस मामले में तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की हालत पंजाब जैसी ही हो सकती है।

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