Maharashtra Election 2024 : MVA में अभी तक नहीं हो सका बड़े भाई का फैसला, कांग्रेस, उद्धव और पवार कोई झुकने को तैयार नहीं

Maharashtra Election 2024 : महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में विपक्षी महाविकास अघाड़ी गठबंधन में आखिरकार बड़ा भाई कौन है, इसका फैसला अभी तक नहीं हो सका है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2024-10-24 18:53 IST

Maharashtra Election 2024 : महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में विपक्षी महाविकास अघाड़ी गठबंधन में आखिरकार बड़ा भाई कौन है, इसका फैसला अभी तक नहीं हो सका है। बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कांग्रेस, शिवसेना के उद्धव गुट और शरद पवार की एनसीपी की ओर से तीनों दलों में बराबर-बराबर सीट बंटवारे का ऐलान जरूर कर दिया गया। तीनों दलों ने बराबर-बराबर 85-85 सीटों पर लड़ने की घोषणा की है।

तीनों दलों की ओर से सीट बंटवारे का ऐलान तो जरूर कर दिया गया है मगर असली पेंच 15 सीटों को लेकर फंसा हुआ है। इन 15 सीटों से ही तय होने वाला है कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन में आखिरकार बड़ा भाई कौन होगा। जानकारों का करना है कि कई दौर की बातचीत के बावजूद अभी तक यह गुत्थी नहीं सुलझ सकी है।

तीन दलों के बीच 255 सीटों का बंटवारा

महाविकास अघाड़ी गठबंधन की ओर से बुधवार को बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उद्धव गुट के नेता संजय राउत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने तीनों दलों के बीच बराबर-बराबर सीट बंटवारे का ऐलान किया था। दोनों नेताओं का कहना था कि तीनों दलों के बीच बराबर-बराबर 85-85 सीटें बांटी गई हैं। उनका कहना था कि 270 सीटों के बाद बाकी बची 18 सीटें सहयोगी और छोटे दलों को दी जाएगी।

अगर तीनों दलों के बीच बांटी गई सीटों का योग किया जाए तो वह 255 ही होता है और बाकी बची 15 सीटों को लेकर तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो सकी है। इन बाकी बची सीटों के बंटवारे से ही तय होना है कि गठबंधन में बड़ा भाई कौन होगा। इस मामले में कांग्रेस, उद्धव गुट और शरद पवार गुट कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। इसलिए इन सीटों का मामला अभी भी फंसा हुआ है।

अब तीनों दलों के बीच बड़ा भाई बनने की होड़

महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से ही विधानसभा सीटों को लेकर खींचतान की स्थिति पैदा हो गई थी। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 13 सीटों पर जीत हासिल की थी। उद्धव गुट 21 सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ नौ पर जीत हासिल कर सका था। इसी आधार पर कांग्रेस की ओर से शुरुआत से ही सबसे अधिक विधानसभा सीटों का दावा किया जा रहा है मगर शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट इसके लिए तैयार नहीं है। उद्धव सेना की ओर से भी सौ से अधिक सीटों की दावेदारी की जाती रही है।

दरअसल कांग्रेस और शिवसेना का उद्धव गुट दोनों गठबंधन में बड़ा भाई बनना चाहते हैं। दोनों दलों के बीच चल रही लड़ाई में शरद पवार भी अपना पावर दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अपनी सियासी ताकत के दम पर ही पवार ने 85 सीटें झटक ली हैं और बाकी बची सीटों में से भी वह कुछ सीटें झटकने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

सीट बंटवारे में देरी से बढ़ रही नाराजगी

एनसीपी नेता शरद पवार की ताकत को इस बात से भी समझा जा सकता है कि बराबर-बराबर सीट बांटने के फॉर्मूले पर भी उन्होंने ही समझौता कराया है। शरद पवार की ओर से मुहर लगाए जाने के बाद ही संजय राउत, नाना पटोले और जयंत पाटिल ने 85-85 सीटों के फॉर्मूले का ऐलान किया था।

इस तरह तीनों दलों के बीच 255 सीटों पर सहमति बन गई है जबकि विधानसभा की 18 सीटें समाजवादी पार्टी, पीडब्ल्यूपी, आप और लेफ्ट आदि दलों को देने का फैसला किया गया है। सीट बंटवारे में हो रही देरी को लेकर छोटे दलों में भी नाराजगी दिख रही है। समाजवादी पार्टी की ओर से 12 सीटों की डिमांड की गई है जबकि 5 सीटों पर पार्टी ने अपने प्रत्याशी तक घोषित कर दिए हैं।

सीएम चेहरे की जंग का भी दिख रहा असर

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होने वाला है जबकि नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 अक्टूबर है। ऐसे में अब नामांकन दाखिल करने के लिए काफी कम वक्त बचा है मगर फिर भी सीट बंटवारे का पेंच नहीं सुलझ पाया है। महाविकास अघाड़ी गठबंधन की ओर से सीएम चेहरे का ऐलान भी नहीं किया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे खुद को सीएम चेहरा घोषित कराने के लिए दबाव बनाते रहे हैं मगर कांग्रेस और शरद पवार इसके लिए तैयार नहीं हैं। दोनों का मानना है कि जिस पार्टी के सबसे अधिक विधायक चुने जाएंगे, उसी पार्टी के नेता को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलेगा।

इस कारण भी महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल तीनों दलों के बीच ज्यादा से ज्यादा सीट झटकने की होड़ मची हुई है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से सीएम चेहरे को लेकर की गई नारेबाजी के बाद कांग्रेस नेता नाना पटोले ने साफ किया है कि इस बाबत आखिरी फैसला पार्टी हाईकमान की ओर से लिया जाएगा। वैसे अब बाकी बची 15 सीटों के बंटवारे से ही तय होगा कि गठबंधन में आखिरकार बड़ा भाई कौन है।

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