Maharashtra Politics: विवादों में घिरे गवर्नर कोश्यारी ने पद छोड़ने की जतायी इच्छा, भांपी केंद्र की मंशा !

Maharashtra Politics: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा, मुझे महाराष्ट्र की जनता से काफी प्यार और स्नेह मिला, जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा।

Written By :  aman
Update:2023-01-23 20:53 IST

 प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) ने पद से हटने की इच्छा जाहिर की है। कोश्यारी ने ऐसे वक़्त इस्तीफे की पेशकश की है जब वो अपने कई विवादित बोल की वजह से खुद की और बीजेपी की किरकिरी करवा चुके हैं। उनके शिवाजी पर दिए बयान पर खूब बवाल मचा था। यूं तो, भारतीय जनता पार्टी ने 75 वर्ष से अधिक आयु वाले कई वरिष्ठ नेता किनारे किए जाते रहे हैं। मगर, 80 वर्षीय कोश्यारी अभी भी राजनीति में सक्रिय हैं। केंद्र की इसी मंशा को भांपते हुए कोश्यारी ने पीएम मोदी से पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की।

गवर्नर कोश्यारी ने सोमवार (23 जनवरी) को कहा कि, 'मैंने प्रधानमंत्री को अपनी सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने की इच्छा से अवगत कराया।' इस संबंध में महाराष्ट्र राजभवन ने प्रेस रिलीज जारी की है। कोश्यारी को भी ये बात पता है कि वो उम्र के जिस पड़ाव पर हैं, वहां पार्टी अब उनके राजनीतिक करियर पर विराम की सोचे उससे पहले खुद ही किनारा कर लें तो बेहतर है। ज्ञात हो कि, 75 वर्ष पूरा कर चुकीं नजमा हेपतुल्ला, मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी पहले ही बगल किए जा चुके हैं। कोश्यारी वैसी परिस्थिति न आए, इसलिए पहले ही पद छोडने की इच्छा जाहिर कर दी।

कोश्यारी के ये बयान रहे विवादों में

महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के अचानक इस्तीफे की पेशकश ने कई लोगों को चौंका गया। उनके इस घोषणा को कई लोग पुराने विवादों से जोड़कर देख रहे हैं। दरअसल, अपने विवादित बोल की वजह से हाल के महीनों में कोश्यारी सुर्ख़ियों में रहे थे। भगत सिंह कोश्यारी से जुड़े विवादों की शुरुआत सावित्री बाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी (Savitribai Phule Pune University) में एक कार्यक्रम के दौरान हुई थी। उस प्रोग्राम में कोश्यारी ने महात्मा ज्योतिबा फुले (Mahatma Jyotiba Phule) और सावित्रीबाई फुले के बाल विवाह पर विवादित बयान दे दिया था। जिसके बाद, उन्होंने छत्रपति शिवाजी को लेकर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके अलावा, गुजराती तथा मराठी समुदाय को लेकर भी उन्होंने अजीबोगरीब बातें कही थी। जिसके बाद, महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियों सहित सत्ताधारी दल से भी विरोध के सुर उठे थे।

क्या था शिवाजी विवाद? 
 
महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी ने पिछले साल नवंबर महीने में छत्रपति शिवाजी महाराज को 'पुराने दिनों' का आइकॉन बताया था। राज्य में आइकॉन के बारे में बात करते हुए उन्होंने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का जिक्र किया था। गवर्नर ने कहा था, 'पहले जब आपसे पूछा जाता था कि आपका आइकॉन कौन है? तो लोग जवाहरलाल नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी आदि का नाम लेते थे। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में आपको कहीं और देखने की जरूरत नहीं है। यहां बहुत सारे आइकॉन हैं।'

'गुजराती-राजस्थानी हट जाएं तो'

गवर्नर कोश्यारी ने इससे पहले भी एक बयान दिया था जिस पर बवाल मचा था। उन्होंने पिछले साल जुलाई में कहा था कि, 'अगर महाराष्ट्र से गुजराती और राजस्थानी हट जाएं तो मुंबई देश की आर्थिक राजधानी होने का अपना स्टेट्स खो देगी।' जिस पर उनकी खूब किरकिरी हुई थी। साथ ही, बीजेपी को भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था।  

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