Maharashtra News: विपक्ष की शिकायत पर गवर्नर का एक्शन, उद्धव सरकार से तीन दिनों के फैसलों पर मांगा स्पष्टीकरण

Maharashtra political Crisis: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भी एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने शिवसेना में हुई बगावत के बाद उद्धव सरकार की ओर से किए जा रहे फैसलों की जानकारी मांगी है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2022-06-28 06:34 GMT

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Social media)

Maharashtra Political News: महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से जारी सियासी संकट के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भी एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने शिवसेना में हुई बगावत के बाद उद्धव सरकार की ओर से किए जा रहे फैसलों की जानकारी मांगी है। राज्यपाल ने इस बाबत राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। राज्यपाल ने मुख्य सचिव को 22 से 24 जून के बीच जारी किए गए सरकारी प्रस्तावों (जीआर) की पूरी जानकारी मांगी है। 

जानकारों का कहना है कि राज्यपाल ने विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर की शिकायत पर यह कदम उठाया है। सूत्रों के मुताबिक तीन दिनों के दौरान 160 सरकारी प्रस्तावों पर सैकड़ों करोड़ रुपए जारी करने का आदेश दिया गया है। सरकार के इन फैसलों को लेकर विपक्ष की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं जिस पर राज्यपाल में राज्य सरकार से जानकारी मांगी है।

सैकड़ों करोड़ रुपए के आदेश जारी 

दरअसल विपक्ष की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि शिवसेना में हुई बगावत के बाद उद्धव सरकार अल्पमत में आ गई है मगर इसके बावजूद सरकार की ओर से अंधाधुंध फैसले किए जा रहे हैं। अब तक सैकड़ों करोड़ रुपए के सरकारी आदेश जारी किए गए हैं। विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने इस बाबत राजभवन से शिकायत की थी। उनका कहना है कि उद्धव सरकार अल्पमत में आ चुकी है मगर इसके बावजूद सरकार की ओर से धड़ाधड़ आदेश जारी किए गए। उन्होंने इन आदेशों पर रोक लगाने की भी मांग की है।

इस शिकायत के बाद अब राजभवन भी एक्शन में आ गया है। राज्यपाल ने 22 से 24 जून के बीच राज्य सरकार की ओर से जारी जीआर के संबंध में पूरी जानकारी देने को कहा है। राज्यपाल का यह पत्र उद्धव सरकार की मुसीबतें बढ़ाने वाला है क्योंकि 3 दिनों के दौरान 160 सरकारी प्रस्तावों को मंजूरी देने की बात सामने आई है।

उद्धव सरकार की मुसीबतें बढ़ीं

शिवसेना में हुई बगावत के बाद शिवसेना का नेतृत्व लगातार बागियों की पार्टी में वापसी की कोशिश में जुटा हुआ है। हालांकि अभी तक इस काम में कामयाबी नहीं मिल सकी है। विधानसभा उपाध्यक्ष की ओर से 16 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस भी जारी किया गया था मगर सोमवार को बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट की ओर से 12 जुलाई तक राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से अंतरिम राहत मिलने के बाद उद्धव सरकार की मुसीबतें और बढ़ गई हैं क्योंकि बागी गुट राज्य में फ्लोर टेस्ट कराने की तैयारी में जुट गया है।

विपक्ष उद्धव सरकार के खिलाफ हमलावर 

एक और शिवसेना का बागी गुट सरकार गिराने की रणनीति बनाने में जुटा हुआ है तो दूसरी ओर उद्धव सरकार की ओर से धड़ाधड़ फैसले लिए जा रहा है। इन फसलों को लेकर अब उद्धव सरकार घिर गई है। राज्यपाल के प्रमुख सचिव संतोष कुमार का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से लिए गए फैसलों के संबंध में राजभवन में जानकारी मांगी है। 

विकास कार्यों के लिए करोड़ों रुपए जारी करने का उद्भव सरकार का फैसला अब बड़ी मुसीबत बनता दिख रहा है। अभी तक शिवसेना की ओर से राज्यपाल के इस पत्र पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर हमलावर रुख अपना रखा है और अब सबकी निगाहें राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले जवाब पर टिकी हैं।

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