Maharashtra: अब चुनाव आयोग तक पहुंची शिवसेना की लड़ाई, सिंबल बचाने के लिए उद्धव ने दाखिल की कैविएट

Maharashtra Politics: पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पार्टी का सिंबल बचाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने पार्टी के चुनाव निशान को लेकर चुनाव आयोग में एक कैविएट दाखिल की है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-07-11 17:44 IST

Uddhav Thackeray। (Social Media)

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Maharashtra Politics: शिवसेना में हुई बड़ी बगावत के बाद पार्टी पर वर्चस्व कायम रखने की जंग अब सुप्रीम कोर्ट के बाद चुनाव आयोग (election Commission) तक पहुंच गई है। शिंदे (Shinde Group) गुट की बगावत के बाद पार्टी पर अपना प्रभुत्व जमाने की कोशिश में जुटे पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पार्टी का सिंबल बचाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने पार्टी के चुनाव निशान को लेकर चुनाव आयोग में एक कैविएट दाखिल की है। 

उद्धव ठाकरे ने आयोग से कहा है कि यदि शिंदे गुट की ओर से शिवसेना के चुनाव निशान पर दावा किया जाता है तो मेरा पक्ष सुने बिना किसी भी प्रकार का आदेश न पारित किया जाए। जानकारों का कहना है कि उद्धव ठाकरे पार्टी के चुनाव निशान को लेकर सतर्क हो गए हैं। उन्हें लग रहा है कि शिंदे गुट की ओर से जल्द ही इस दिशा में प्रयास किया जाएगा और यही कारण है कि उन्होंने आयोग में पहले ही कैविएट दाखिल कर दी है।

शिंदे गुट की सिंबल पर दावेदारी 

शिवसेना में बगावत के बाद दोनों गुटों की ओर से असली शिवसेना होने का दावा किया जा रहा है। शिंदे गुट ने भी शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे में आस्था जताई है और इस गुट का कहना है कि कि उनका ठाकरे की नीतियों में पूरा भरोसा है। शिंदे गुट ने ठाकरे के बताए हिंदुत्व के रास्ते पर ही आगे बढ़ने की बात कही है। शिंदे गुट की ओर से शिवसेना के चुनाव निशान को लेकर भी एक बयान जारी किया गया है। पार्टी के एक विधायक का कहना है कि पार्टी के अधिकांश विधायक और सांसद शिंदे गुट के साथ हैं और ऐसे में शिंदे गुट ही असली शिवसेना का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि पार्टी के चुनाव निशान पर भी हमारा ही हक है। 

महाराष्ट्र में जल्द ही कई नगर निगमों के चुनाव होने हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि शिंदे गुट की ओर से शिवसेना के चुनाव निशान को लेकर दावेदारी की जाएगी। इसीलिए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के पास कैविएट दाखिल की है ताकि चुनाव निशान को लेकर होने वाले किसी भी फैसले से पूर्व उनका भी पक्ष सुना जाए।

सुप्रीम कोर्ट से मिली उद्धव गुट को राहत 

इससे पहले महाराष्ट्र (Maharashtra) के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट से उद्धव ठाकरे के गुट को बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने विधानसभा के नए स्पीकर को उद्धव ठाकरे से जुड़े विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली याचिका पर फैसला करने से रोक दिया है। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि जब तक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है तब तक स्पीकर को इस मामले में कोई फैसला नहीं करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि विधानसभा के नए अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने उद्धव धड़े के विधायकों को अयोग्यता के मामले में नोटिस जारी की थी। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई होने तक वे इस संबंध में कोई फैसला नहीं कर सकेंगे। 

विधायकों के प्रति आभार जताया

वैसे शिवसेना में हुई बगावत के बाद शुरू हुई वर्चस्व की जंग में अब उद्धव ठाकरे की अग्निपरीक्षा होनी है। पार्टी के 40 विधायक शिंदे गुट के साथ चले गए हैं और उद्धव ठाकरे के पास अब सिर्फ 15 विधायकों का समर्थन ही रह गया है। उद्धव ठाकरे ने साथ देने वाले 15 विधायकों को पत्र लिखकर आभार भी जताया है। इन विधायकों को भेजे गए पत्र में उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उन्होंने कठिन समय में साथ दिया है। उन्होंने सच्चे शिवसैनिक की भूमिका निभाई है। 

कई सांसदों के भी टूटने का खतरा

दूसरी ओर विधायकों के बाद शिवसेना सांसदों में भी टूट की आशंका जताई जा रही है। उद्धव ठाकरे की ओर से आज बुलाई गई सांसदों की बैठक में 18 में से सिर्फ 10 सांसद ही भाग लेने के लिए पहुंचे। यह बैठक राष्ट्रपति चुनाव पर शिवसेना का रुख तय करने के लिए बुलाई गई थी। इतने कम सांसदों के पहुंचने के बाद अब यह बात तय मानी जा रही है कि कई सांसद भी उद्धव ठाकरे को छोड़कर शिवसेना शिंदे गुट को समर्थन दे सकते हैं। 

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