Maharashtra: राणा दंपति की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, अवमानना के मामले में कोर्ट जा सकती है सरकार

Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा के खिलाफ दोबारा कोर्ट जा सकती है।

Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-05-08 15:56 IST

नवनीत राणा (फोटो-सोशल मीडिया)

Maharashtra: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान कर सुर्खियों में आए राणा दंपति की मुश्किलें एकबार फिर बढ़ सकती है। दरअसल महाराष्ट्र सरकार अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा के खिलाफ दोबारा कोर्ट जा सकती है। पब्लिक प्रॉसिक्यूटर राणा दंपति के खिलाफ अदालत की अवमानना याचिका दायर कर सकते हैं।

दरअसल कोर्ट ने जमानत के दौरान शर्त रखी थी कि नवनीत और रवि राणा हनुमान चालीसा विवाद पर मीडिया में कुछ नहीं बोलेंगे। लेकिन अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद रविवार को अमरावती सांसद नवनीत राणा मीडिया में खूब बोलीं।

उन्होंने महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर हनुमान चालीसा का पाठ करना अपराध था, तो वह इसे बार – बार करेंगी। इस दौरान उनके हाथ में हनुमान चालीसा भी देखा गया।

उद्धव ठाकरे को दिया चैलेंज

मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने के ऐलान के कारण सलाखों के पीछे पहुंचे निर्दलीय लोकसभा सांसद नवनीत राणा रविवार को अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही अपनी सियासी विरोधी सीएम उद्धव ठाकरे ठाकरे पर टूट पड़ीं।

अमरावती सांसद ने मुख्यमंत्री को चैलेंज देते हुए कहा कि वे महाराष्ट्र में कहीं से भी चुनाव लड़ें और मैं उनके खिलाफ खड़ी होऊंगी। राणा ने कहा कि हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए मैं 14 दिन क्या 14 साल जेल में रहने के लिए तैयार हूं।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राज्य की जनता सीएम उद्धव ठाकरे को बताएगी हनुमान का नाम औऱ राम का नाम लेने वालों को परेशान करने का क्या परिणाम होता है। नवनीत राणा ने कहा कि अदालत के आदेश का मैं सम्मान करूंगी, लेकिन सरकार ने जो मेरे खिलाफ अत्याचार किया है, उसके खिलाफ मैं लड़ूंगी ।

बता दें कि अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को जमानत मिलने के बाद 5 मई को रिहा किया गया था। दोनों को 23 अप्रैल को मुंबई से गिरफ्तार किया था। राणा दंपति की गिरफ्तारी ने महाराष्ट्र की सियासत को गरमा दिया था। 

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