दर्जनों बाघों की मौत: घिरी महाराष्ट्र सरकार, CM उद्धव ठाकरे ने सदन को दिया लिखित जवाब
महाराष्ट्र में लगातार बाघों की मौत का मामला अब गरमा गया है। साल के शुरुआती छह महीने यानी जनवरी से जुलाई 2021 के बीच राज्य में विभिन्न वजहों से कुल 23 बाघों की मौत दर्ज की गई। बाघों के असामयिक मौत के कई कारण बताए गए।
महाराष्ट्र में लगातार बाघों की मौत का मामला अब गरमा गया है। साल के शुरुआती छह महीने यानी जनवरी से जुलाई 2021 के बीच राज्य में विभिन्न वजहों से कुल 23 बाघों की मौत दर्ज की गई। बाघों के असामयिक मौत के कई कारण बताए गए। इनमें बिजली के झटके, शिकार और जहर आदि से मौत के मामले सामने आए।
इसके बाद विपक्ष ने इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया। जिस पर आज सदन को लिखित जवाब में राज्य सरकार ने बताया, कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) मानदंडों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की गई है। यह जानकारी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बाघों की मौत मामले पर विधानसभा को एक लिखित जवाब में बताया।
बता दें, कि इस साल यानी वर्ष 2021 में देश के कई हिस्सों से बाघों के मरने की खबर आई। इस खबर ने वन्य जीव प्रेमियों सहित सरकार को सकते में डाल दिया। साल के शुरुआती साढ़े चार महीने में ही 66 बाघों की मौत हुई थी। इनमें सबसे अधिक मामला महाराष्ट्र से था। यह जानकारी राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने समाजसेवी व अधिवक्ता रंजन तोमर की ओर से लगाई एक आरटीआई के जवाब में दी थी।
इनमें से कुछ बाघों की मौत प्राकृतिक तौर पर हुई थी, जबकि कुछ शिकारियों के भेंट चढ़ गए थे। वहीं, कुछ आपसी लड़ाई या दुर्घटना का शिकार हुए थे। प्राधिकरण के मुताबिक जब ये आंकड़ा दिया गया था तब तक यानी 17 मई 2021 तक 66 बाघों की मौत हुई थी जिनमें सबसे अधिक बाघों की मौत महाराष्ट्र में हुई थी। दूसरे स्थान पर नागालैंड था। जबकि, इस दौरान मध्यप्रदेश में महज तीन बाघों की मौत हुई थी।
इसी साल 23 मार्च को महाराष्ट्र के विदर्भ में दो बाघों के शव बरामद हुए थे। यह शव सर्रा गांव के पास मिला था। बाघ का शव कंपार्टमेंट नंबर 707 में रिसाला रेंज में बरामद हुआ था। बाघ के सभी पंजे कटे हुए मिले थे। शुरुआती जांच में वन विभाग यह मामला बाघों के शिकार का बताया था। इसी के बाद महाराष्ट्र में बाघों की मौत पर बवाल मचना शुरू हुआ था।