ममता की पवार से मुलाकात पर टिकीं निगाहें, भेंट से पहले मलिक के बयान से दीदी को लगा झटका

Mamta Banerjee Mumbai: ममता और पवार की मुलाकात से पहले एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने अपने बयान कहा है कि कि कांग्रेस को दरकिनार करके संयुक्त विपक्षी मोर्चा नहीं बनाया जा सकता।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Chitra Singh
Update: 2021-12-01 06:09 GMT

ममता बनर्जी-शरद पवार-नवाब मलिक (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

Mamata Banerjee Mumbai: 2024 की सियासी जंग में खुद के लिए सियासी पिच तैयार करने में जुटी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को एनसीपी के मुखिया शरद पवार (mamata banerjee sharad pawar) से मुलाकात करेंगी। पश्चिम बंगाल में मिली भारी जीत से उत्साहित ममता बनर्जी दो दिवसीय दौरे पर मुंबई (Mamta Banerjee Mumbai Daura) पहुंची हैं। मंगलवार को उनकी महाराष्ट्र के मंत्री और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे (uddhav thackeray son) आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) और शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) से मुलाकात हुई थी। अब सभी की नजरें ममता और पवार की आज होने वाली महत्वपूर्ण सियासी मुलाकात पर टिकी है। वैसे इस मुलाकात से पहले महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक (Nawab Malik NCP) ने अपने बयान से ममता को करारा झटका दिया है। मलिक (nawab malik statement today) का कहना है कि कांग्रेस को दरकिनार करके संयुक्त विपक्षी मोर्चा नहीं बनाया जा सकता।

हाल के दिनों में ममता ने अपनी सियासी गतिविधियां काफी तेज कर दी हैं। उन्होंने हाल में दिल्ली का भी दौरा किया था। ममता के सियासी कदमों से साफ हो गया है कि वे कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को किनारे करके खुद विपक्ष का चेहरा बनने की कोशिश में जुटी हुई हैं। विपक्षी एकता के मुद्दे पर उनकी पहले भी एनसीपी के मुखिया शरद पवार (sharad pawar) से बातचीत हो चुकी है। इसलिए मुंबई में आज होने वाली मुलाकात को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है।

अलग सियासी खिचड़ी पका रहीं ममता

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) अन्य राज्यों में अपना सियासी वजूद मजबूत बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। इसके लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दूसरे राजनीतिक दलों के नेताओं को तोड़ने की मुहिम शुरू कर दी है। ममता बनर्जी ने खास तौर पर कांग्रेस को झटका दिया है और कांग्रेस के कई नेता अपनी पार्टी छोड़कर ममता की पार्टी का दामन थाम चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस से उनकी सियासी दूरियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। हालांकि पार्टी हाईकमान की ओर से अभी तक इस बाबत कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है मगर पार्टी के पश्चिम बंगाल से जुड़े नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता पर जरूर हमला बोला है।

टीएमसी-कांग्रेस (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

संसद के शीतकालीन सत्र (winter session of parliament 2021) के दौरान भी तृणमूल कांग्रेस अपनी अलग सियासी रणनीति पर अमल कर रही है। ममता की पार्टी ने हाल में कांग्रेस की ओर से बुलाई गई बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया था। हालांकि कांग्रेस संसद में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का एकजुट मोर्चा बनाए रखने की कोशिश में जुटी है मगर ममता का रुख कांग्रेस को निराश करने वाला है।

नहीं की जा सकती कांग्रेस की अनदेखी

ममता की पवार से मुलाकात से पूर्व महाराष्ट्र के वरिष्ठ मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने महत्वपूर्ण बयान दिया है। मलिक ने कहा कि ममता की आज पवार से मुलाकात जरुर होगी मगर एक बात यह ध्यान में रखनी होगी कि कांग्रेस को दरकिनार करके बीजेपी के विरोधियों को एकजुट करना असंभव है। विपक्षी एकता में कांग्रेस की अनदेखी नहीं की जा सकती।

मलिक ने कहा कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के बाहर अन्य राज्यों में तृणमूल कांग्रेस का विस्तार करने में जुटी हुई हैं। हर राजनीतिक दल को अपने पार्टी के विस्तार का हक हासिल है मगर हमारा मानना है कि कांग्रेस को अलग करके कोई संयुक्त विपक्षी मोर्चा नहीं बनाया जा सकता। विपक्षी मोर्चे की ताकत के लिए हमें कांग्रेस को उसमें शामिल करना ही होगा। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के प्रमुख शरद पवार भी इस बात को पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं।

नवाब मलिक (फाइल फोटो- सोशल मीडिया) 

पवार का समर्थन हासिल करने की कोशिश

पवार से मुलाकात से पहले मलिक का यह बयान दीदी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दरअसल दीदी सियासत की माहिर खिलाड़ी हैं और उन्हें इस बात की जानकारी है कि कांग्रेस नेतृत्व के मुद्दे पर राहुल गांधी को छोड़कर किसी और नाम पर राजी नहीं होगी। यही कारण है कि वे भाजपा के खिलाफ कांग्रेस को किनारे करके अलग मोर्चा बनाने की कोशिश में जुटी हुई हैं।

इसी कारण हर किसी की नजर ममता और पवार की आज होने वाली मुलाकात पर टिकी हुई है। पवार भाजपा के खिलाफ विपक्ष का बड़ा चेहरा रहे हैं और यदि उनका समर्थन ममता को हासिल होता है तो निश्चित रूप से ममता सियासी रूप से काफी मजबूत हो जाएंगी।

हालांकि ममता की मुंबई यात्रा का एक और एजेंडा शीर्ष उद्योगपतियों से मुलाकात करने का भी है। इस मुलाकात के जरिए ममता उद्योगपतियों को अगले साल पश्चिम बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में आमंत्रित करना चाहती हैं। वैसे उनकी महाराष्ट्र यात्रा का सियासी मकसद ज्यादा नजर आ रहा है। शरद पवार से मुलाकात के बाद ममता का प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी कार्यक्रम है। माना जा रहा है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ममता अपनी सियासी कोशिशों के बारे में अहम जानकारी दे सकती हैं।

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