बॉम्बे हाईकोर्ट ने पीड़िता के बयान पर बदला फैसला, कम कर दी यौन अपराधी की सजा

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) की नागपुर बेंच ने बड़ा फैसला सुनाते हुए एक जिम मालिक की सजा को कम कर दिया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-09-01 16:27 IST

बॉम्बे हाईकोर्ट (फोटो- सोशल मीडिया)

मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) की नागपुर बेंच ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने फैसले के तहत एक जिम मालिक की सजा को कम कर दिया है। जिम के मालिक को यौन अपराध (Sexual Offence) के लिए दोषी ठहराया गया था। बता दें, इस मामले में जिम के मालिक को एक महिला का पीछा करने, फिर उसके घर में जबरदस्ती घुसने, और प्यार का इजहार करने के बाद यौन संबंध बनाने के मामले में दोषी करार किया गया था।

इस मामले में अब उस महिला ने हाईकोर्ट में एफिडेविट दाखिल कर कहा है कि समय बीतने के साथ दोषी व्यक्ति 'बदल' गया है और समाज का 'अच्छा व्यक्ति' बन गया है, इसलिए उसे प्रोबेशन पर रिहा किया जाए। बता दें, इस मामले में उस आदमी के खिलाफ सन् 2015 में भंडारा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया था।

दो साल की सजा

मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसे दो साल के लिए जेल में सख्त सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उस इंसान को जेल की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही उस पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

दो साल बाद जिम मालिक ने सन् 2017 में भंडारा सेशन कोर्ट में इस फैसले को चुनौती दी थी, जिसे 2020 में खारिज कर दिया गया था। फिर इसके बाद ये मामला हाईकोर्ट पहुंचा। जिसके चलते कोर्ट ने सुनवाई के दौरान न्यायाधीश रोहित देव ने कहा कि निचली अदालतों ने जो भी फैसले दिए हैं, उसमें दखल देने की कोई गुंजाइश ही नहीं है।

इसके बाद कोर्ट ने इस पर भी गौर फरमाया कि इस मामले में पीड़ित महिला ने एक नया हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें कहा गया था कि वो आदमी अब 'बदल' गया है। हलफनामा दाखिल करते समय महिला अपने पति के साथ अदालत में ही मौजूद थी।

जिस पर न्यायधीश रोहित देव ने कहा, 'इस मामले में प्रोबेशन का फायदा देने की कोई गुंजाइश नहीं है। वो व्यक्ति यौन अपराध का दोषी है और किसी यौन अपराध के दोषी को प्रोबेशन पर रिहा करने सही नहीं होगा।'

फिर इसके बाद हाईकोर्ट ने महिला के हलफनामा को ध्यान में रखते हुए सजा को संशोधित करने की बात कही। जिसके चलते हाईकोर्ट ने दोषी व्यक्ति पर लगे जुर्माने को बढ़ा दिया और उसकी सजा को कम कर दिया।

वहीं सजा में कमी करने के बाद हाईकोर्ट ने उस इंसान पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर व्यक्ति 7 दिन के अंदर जुर्माने की रकम जमा नहीं कराता है तो उसे एक साल की सजा काटनी होगी।

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