वसूली कांड में फंसी शिवसेना, देशमुख के बाद आया उद्धव के करीबी मंत्री का नाम

गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद शिवसेना कोटे के ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल परब पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगें है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update:2021-04-08 09:34 IST

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में एनसीपी कोटे के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद शिवसेना कोटे के ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल परब पर भी भ्रष्टाचार के आरोपों की आंच पहुंच चुकी है। मुंबई के निलंबित एपीआई सचिन वाजे ने मंगलवार को एनआईए को लिखे पत्र में शिवसेना नेता परब पर 50 करोड़ की उगाही करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है।

वाजे का यह भी कहना था कि परब ने बीएमसी के 50 कांट्रैक्टर्स से 2-2 करोड़ रुपए की वसूली करने के लिए भी कहा था। वाजे के इन आरोपों के बारे में महाराष्ट्र में सियासी हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। शिवसेना के मंत्री के निशाने पर आने से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुसीबतें भी बढ़ गई हैं। दूसरी ओर अनिल परब ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वाजे के सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने इसे भाजपा की साजिश भी बताया है।

ट्रांसपोर्ट मंत्री परब पर गंभीर आरोप

मुंबई में शीर्ष उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक भरी गाड़ी मिलने के बाद पैदा हुआ सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। एंटीलिया मामले में फंसे पूर्व एपीआई सचिन वाजे ने अपने एक लिखित बयान में महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल परब पर आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है।

बहाली के पक्ष में नहीं थे शरद पवार

वाजे ने अपने लिखित बयान में कहा है कि परब ने उनसे 50 करोड़ की वसूली करने को कहा था। वाजे ने यह बात भी कही है कि 2020 में उनकी बहाली के बाद तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख ने उन्हें जानकारी दी थी कि शरद पवार उनकी बहाली के पक्ष में नहीं थे।


गृहमंत्री का कहना था कि वे पवार को मना लेंगे मगर इस काम के लिए दो करोड़ रुपए देने पड़ेंगे। इस मामले में असमर्थता जताने पर गृहमंत्री ने मुझसे बाद में भुगतान करने को कहा था।

शिवसेना से जुड़े हुए हैं अनिल परब

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों के संबंध में हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश के बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया है। शुरुआत में एनसीपी उनके बचाव में लगी हुई थी मगर हाईकोर्ट के आदेश के बाद उनके सामने इस्तीफे के सिवा कोई चारा नहीं बचा था। अनिल देशमुख के बाद अब शिवसेना कोटे के मंत्री अनिल परब भी भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गए हैं। सरकार को बदनाम करने की साजिश बताया

हालांकि अनिल परब ने आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि वे आरोपों का सामना करने के लिए नारको टेस्ट के लिए भी तैयार हैं मगर यह मानहानि का सिलसिला बंद होना चाहिए।


उन्होंने कहा कि यह पत्र सरकार को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि वाजे पहले से ही हिरासत में है मगर उसने अब तक कोई आरोप नहीं लगाया मगर एनआईए की गिरफ्त में आने के बाद उसकी जुबान बदल गई है।

दोनों बेटियों की खाई कसम

परब ने कहा कि मैं बालासाहेब ठाकरे का शिवसैनिक हूं और मैंने उनके नाम पर शपथ ली है और बालासाहेब को मैं भगवान की तरह मानता हूं। उन्होंने अपनी दोनों बेटियों की कसम खाते हुए कहा कि मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह झूठे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बदनाम करने के लिए यह साजिश रची है। उन्होंने कहा कि वाजे के आरोप भाजपा की रणनीति का हिस्सा है और भाजपा ने रणनीति बनाई है कि मुख्यमंत्री ठाकरे को बदनाम करने के लिए उनके आसपास के लोगों को बदनाम करना है।

ठाकरे के काफी करीबी हैं परब

वाजे के नए आरोपों के बाद महाराष्ट्र में सियासी हलचल काफी तेज हो गई है। सियासी जानकारों का मानना है कि एनसीपी के बाद अब पहली बार शिवसेना भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी है। अनिल परब को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का काफी करीबी माना जाता है और उनके ऊपर आरोप लगने से अब आंच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तक भी पहुंचने लगी है।


अनिल परब ने जरूर खुद को बेगुनाह बताया है मगर अभी शिवसेना की ओर से आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी इस पूरे प्रकरण पर प्रतिक्रिया नहीं जताई है मगर इतना तो तय है कि आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री ठाकरे पर सियासी हमले और तेज होंगे।

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