Mohan Bhagwat: भारतीय और हिंदू पर्यायवाची, धर्म परिवर्तन की जरूरत नहीं, मेघालय में बोले मोहन भागवत

Mohan Bhagwat: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारतीय और हिंदू दोनों शब्द पर्यायवाची हैं। भारत में रहने वाले सभी लोग पहचान के मामले में हिंदू हैं। यह एक भू-सांस्कृतिक पहचान है।

Update: 2022-09-26 06:53 GMT

Lucknow: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Sarsanghchalak Mohan Bhagwat) का एक बयान इन दिनों सुर्खियों में है। संघ प्रमुख ने कहा कि भारतीय और हिंदू दोनों शब्द पर्यायवाची ( Indian and Hindu words synonymous) हैं। भारत में रहने वाले सभी लोग पहचान के मामले में हिंदू हैं। यह एक भू-सांस्कृतिक पहचान है। उन्होंने कहा, हिंदू शब्द उन सभी को शामिल करता है, जो भारत माता के पुत्र हैं, भारतीय पूर्वजों के वंशज हैं और जो भारतीय संस्कृति (Indian tradition) के अनुसार रहते हैं। मोहन भागवत ने ईसाई बहुल उत्तर पूर्वी राज्य मेघालय में ये बातें कहीं।

दरअसल, भागवत रविवार को मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में विशिष्ट नागरिक सम्मेलन को संबोधित करन के लिए पहुंचे थे। यहां उनका स्वागत स्थानीय खासी परंपरा के मुताबिक हुआ। सम्मेलन को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने हिंदू और हिंदुत्व को लेकर कई अहम बातें कहीं। उन्होंने कहा, हिंदू बनने के लिए किसी को धर्म परिवर्तन करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत में हर कोई हिंदू है। हम हिंदू हैं लेकिन इसकी कोई विशेष परिभाषा नहीं है। यह हमारी पहचान है।

मुगलों और अंग्रेजों से पहले हिंदू अस्तित्व में थे– भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि हिमालय के दक्षिण में, हिंद महासागर के उत्तर में और सिंधु नदी के तट के निवासियों को परंपरागत रूप से हिंदू कहा जाता है। इस्लाम का प्रसार करने वाले मुगलों और ईसाई धर्म का प्रसार करने वाले अंग्रेजों से भी पहले हिंदू अस्तित्व में थे। उन्होंने कहा, हिंदू धर्म नहीं बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है।

भारत की एकता ही इसकी ताकत

सम्मेलन को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि भारत एक पश्चिमी अवधारणा वाला देश नहीं है। यह अनादि काल से एक सांस्कृतिक देश रहा है। यह एक ऐसा देश है जिसने दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया है। भारत की एकता ही इसकी ताकत है। भारत जिस विविधता की बात का दावा करता है, वह हमारे लिए गर्व की बात है।

बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत पिछले कुछ समय से मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मुलाकात कर रहे है। मुस्लिम धार्मिक नेताओं से मस्जिद जाकर मुलाकात कर रहे हैं। मदरसा में पढ़ने वाले छात्रों से बात कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये सारी कवायद संघ परिवार के एंटी मुस्लिम छवि को सुधारने की है।

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