मंदिर पर हुआ हमला: दिल्ली हिंसा में सुरक्षा दीवार बने मुस्लिम, ऐसे बचाया टूटने से
दिल्ली हिंसा के 72 घंटों के दौरान यहां तबाही का तांडव हुआ था हर तरफ जली हुई कारें, ईंट पत्थर, टूटी हुई दुकानें ही दिखाई दे रही हैं । यहां पर हमें इलाके के डीसीपी की एक गाड़ी भी जली मिली। भजनपुरा में इसी जगह उन्मादी भीड़ ने डीसीपी पर हमला किया था। हमें वो घर भी देखने को मिला जहां डीसीपी और उसके साथी ने किसी तरह पनाह लेकर अपनी जान बचाई थी।
नई दिल्ली: जहां दिल्ली में नॉर्थ-ईस्ट इलाका दंगे की आग में जल रहा था। वहीं इलाके के कुछ मुस्लिम परिवारों ने इंसानियत की मिसाल पेश किया है। खजूरी खास और चांद बाग इलाके में मुस्लिमों ने दीवार बनकर एक मंदिर पर होने वाले हमले को रोक दिया। दंगा प्रभावित इलाकों में भजनपुरा चौराहे पर जली गाड़ियों, फूंके गए पेट्रोल पंप और आसपास तैरते खौफ छाया हुआ था।
भजनपुरा में ही भीड़ ने डीसीपी पर हमला किया था
दिल्ली हिंसा के 72 घंटों के दौरान यहां तबाही का तांडव हुआ था हर तरफ जली हुई कारें, ईंट पत्थर, टूटी हुई दुकानें ही दिखाई दे रही हैं । यहां पर हमें इलाके के डीसीपी की एक गाड़ी भी जली मिली। भजनपुरा में इसी जगह उन्मादी भीड़ ने डीसीपी पर हमला किया था। हमें वो घर भी देखने को मिला जहां डीसीपी और उसके साथी ने किसी तरह पनाह लेकर अपनी जान बचाई थी।
एक मजार को बुरी तरह जला दिया गया
यहां पर हमें आस-पास जो लोग मिले उनमें अभी घटना का खौफ साफ तौर पर देखा जा सकता था। घबराए लोग नजर आए जो अपनी गलियों के गेट के पीछे से हर आने-जाने वाले लोगों को उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे थे। खजूरी खास चौक पर पुलिस बूथ के नजदीक ही एक मजार को बुरी तरह जला दिया गया था। इस मजार पर चढ़ाने के लिए फूल चारों तरफ बिखरे हुए थे।
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मंदिर को खरोंच तक नहीं आई
मजार से सटे पुलिस बूथ को भी उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इसके 10 कदम की दूरी पर एक मंदिर को खरोंच तक नहीं आई। मंदिर के आमने-सामने, अगल-बगल सभी घरों को दंगाइयों ने नुकसान पहुंचाया लेकिन, मंदिर को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचा। पास में ही एक फलों के जूस की दुकान भी नजर आई जो बयान कर रही है कि वहां दंगाइयों ने आखिर क्या किया होगा।
अगर हम मंदिर की लोकेशन की बात करें तो यह मंदिर भारी मुस्लिम आबादी वाला चांद बाग के ठीक सामने है। इस मंदिर के आसपास भी कई मुस्लिम परिवार रहते हैं। हमने उन लोगों से बात की तो उनकी बातें सुन कर आश्चर्यचकित होने से अपने आपको नहीं रोक सके। लोगों का कहना था कि इस तबाही ने सबको बेहद तकलीफ दी है।
हर तरफ दिख रहा है ताबाही का मंजर
मंदिर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमने दिन-रात पहरा देकर पूरी कोशिश की है कि कोई दंगाई इसे हाथ न लगाने पाए। अगर मंदिर को हाथ लगाया जाता है तो यकीन मानिए हम सबके लिए यह बेहद शर्मिंदगी की बात होती। हम हर वक्त मंदिर की सुरक्षा में लोग मौजूद थे। हमने मंदिर के पुजारी को वहां जाकर आश्वासन दिया कि आप सुरक्षित हैं हम आपके साथ हैं।
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पुलिस को एक नहीं दर्जनों बार कॉल किया गया, पुलिस नहीं पहुंची
वहां मौजूद लोगों में से एक नजीर ने कहा कि हमें ज्यादा चिंता इस बात की थी कि इस मंदिर की ओर बढ़ा कोई भी पत्थर दंगाइयों को पूरी दिल्ली में आग लगाने का मौका दे देता जो हम कतई नहीं चाहते थे। लोगों में भारी नाराजगी इस बात की ज्यादा थी कि पुलिस को एक नहीं दर्जनों बार कॉल की गई लेकिन पुलिस मौके पर नहीं आई जिसके चलते आसपास के इलाकों में हालात ज्यादा खराब हो गए।