7 दिन की वर्कशॉप में किसानों के बढ़ते सुसाइड केसों पर जताई गई चिंता

Update: 2016-02-24 10:22 GMT

लखनऊ: नेशनल पीजी कॉलेज के भूगोल विभाग ने सात दिवसीय इंटेरनेशनल वर्कशॉप का आयोजन किया। इसका विषय 'पर्यावरण संबंधित समस्या एवं समाधानहै।' टिमोथी जेम्स स्मिथ (मेनेजर, इंटर कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन, शांति कंसल्टेंसी, दिल्ली) ने इंटरनेशनल वर्कशॉप का उद्घाटन किया और नेशनल पीजी कॉलेज के प्रधानाचार्य एस.पी. सिंह ने अध्यक्षता की। उन्होंने कमजोर मानसून के चलते फसलों के नुकसान और उसके कारण किसानों की बढ़ती आत्महत्याओं पर चिंता व्यक्त की और कहा कि पर्यावरण में बढ़ते मानवीय हस्तक्षेप ने जलवायु परिवर्तन और वर्षा के प्रतिरूप को प्रभावित किया है।

मिस रोज का क्या कहना है?

-एरो स्पेस क्राफ्ट इंजिनियर मिस रोज ने नैतिक मूल्यों, प्रारंभिक शिक्षा और जलवायु परिवर्तन विषयों पर चर्चा की।

-उन्होंने कहा कि सिर्फ पैसे कमाने के चक्कर में नहीं रहना चाहिए।

-हमें सुविधाहीन लोगों से बात करनी चाहिए और उनकी समस्याओं को सुनना चाहिए।

-हमे पर्यावरण के लिए जागरूक होना है, ताकि हमारा पर्यावरण प्रदूषित न हो।

किसने और क्या कहा?

-यूएस के ट्रेनर और प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर प्रो. जोनाथन हकीम ने नाभिकीय ऊर्जा पर बात कहीं।

-अमेरिका में 20 % नाभिकीय ऊर्जा से प्राप्त की जाती है, जबकि भारत में यह मात्र 2.8% ही है।

-मिस्टर टिमोथी जेम्स स्मिथ ने ऊर्जा के अलग-अलग रुपों पर विचार व्यक्त किए।

-सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के उपयोग पर बात की।

-उन्होंने कहा कि पर्यावरण को प्रदूषित करने के लिए हम सब जिम्मेदार है।

-हमें प्रदूषण को रोकने के लिए सचेत होने की आवश्यकता है।

-डॉ.अमित कुमार गुप्ता ने प्राथमिक सर्वे के आधार पर पर्यावरण की समस्याओं का समाधान ढूंढने की बात कहीं।

-वे लखनऊ के मिनिस्ट्री ऑफ़ एनवायरनमेंट एवं फारेस्ट के डिप्टी डायरेक्टर,

-उन्होंने छात्रों को प्रकृति की अपेक्षाओं के विषय में जागरूक रहने का सुझाव दिया।

-एलयू के जीयॉलाजी डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो. विभूति राय ने जलभराव की समस्या पर बात की।

-उन्होंने इस समस्या की वजह अनियंत्रित नगरीकरण को बताया है।

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