लखनऊ: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' से उपजी आम आदमी पार्टी (आप) आज खुद बुरी तरह भ्रष्टाचार में डूबी दिखाई दे रही है।
बड़ी सरकारी नौकरी छोड़ अरविंद केजरीवाल जब आंदोलन में कूदे तो लोगों को उम्मीद की किरण दिखाई दी । दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को पूरा बहुमत नहीं मिला, तो केजरीवाल ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई। हालांकि, उन्होंने अपने बच्चे की कसम खाई थी कि वो किसी हालत में कांग्रेस का समर्थन नहीं लेंगे। केजरीवाल ने लोकपाल बिल को लेकर अपनी ही सरकार का इस्तीफा सौंप दिया था।
केजरीवाल ने कहा, मत करना...वही हुआ
साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में दिल्ली की जनता ने आम आदमी पार्टी को अपार बहुमत दिया, जिसकी कल्पना अरविंद केजरीवाल ने भी नहीं की थी। दिल्ली की कुल 70 में से 67 सीटें आप को मिलीं। इस परिणाम ने सभी को चौंका दिया। अरविंद केजरीवाल ने अपने विधायकों से कहा... 'गुरूर में मत आना और घमंड भी मत करना, क्योंकि घमंड का फल अच्छा नहीं होता।' वो अपने विधायकों को घमंड में नहीं आने की सीख तो दे गए लेकिन ये नहीं कहा, कि भ्रष्टाचार में मत फंसना। नतीजा ये हुआ कि धीरे-धीरे आप के विधायक भ्रष्टाचार के मामले में फंसते चले गए।
तोमर की फर्जी डिग्री से फजीहत
केजरीवाल ने जीतेंद्र तोमर को कानून मंत्री बनाया लेकिन जांच में कुछ दिन बाद ही पता चल गया कि उसकी सभी डिग्री फर्जी है। फैजाबाद के जिस कालेज से उसने स्नातक करने का दावा किया था, उसे वहां भी लाया गया लेकिन वो न तो अपने क्लास रूम को पहचान सका और न अपने किसी टीचर को।
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राशन कार्ड में फंसे संदीप कुमार
इस मामले को शांत हुए कुछ ही महीने हुए थे कि केजरीवाल के महिला एवं बाल विकास मंत्री संदीप कुमार राशन कार्ड देने के बदले किसी महिला की इज्जत लेने के मामले में फंस गए। महिला के साथ सेक्स का तो बाकायदा वीडियो जारी हो गया, जिसे पूरे देश ने देखा। संदीप ने निजी कारणों से एमसीडी के चुनाव में बीजेपी के कुछ प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार भी किया। ं
सत्येन्द्र जैन पर सीबीआई का शिकंजा
आप के एक और नेता हैं स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र कुमार जैन। इन पर कई तरह के आरोप लगे हैं जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई टीम ने जांच के सिलसिले में दिल्ली सचिवालय पर दो बार छापा भी मारा।
इसके अलावा पार्टी के 21 विधायकों पर आय के दोहरे पद पर रहने के भी आरोप हैं जिसका फैसला निर्वाचन आयोग को करना है। निर्वाचन आयोग यदि जांच के बाद आरोपों को सही पाती है तो सभी 21 विधायकों की सदस्यता जा सकती है।
कपिल के दावों में दिख रहा दम
ताजा मामला, जल मंत्री पद से हटाए गए कपिल मिश्र का है। हालांकि, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया कहते हैं कि कपिल मिश्रा ईमानदार नेता हैं लेकिन इलाकों से पानी सही आने की लगातार शिकायतें आ रही थीं।
मंत्री पद से हटते ही कपिल मिश्रा का गुस्सा सामने आ गया। उन्होंने सीएम पर ही सत्येन्द्र जैन से दो करोड़ रुपए लेने का आरोप लगा दिया। कपिल मिश्रा ने कहा, कि रुपए उनके सामने दिए गए। इस बारे में उन्होंने केजरीवाल से पूछा भी लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। मिश्रा ने ये भी कहा, कि 'अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार को 50 करोड़ रुपए की जमीन की डील कराई गई।' कपिल मिश्रा की इस बात में दम है कि जिस सत्येन्द्र जैन के खिलाफ सीबीआई भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रही है उसे मंत्री पद पर क्यों बरकरार रखा गया है।
आखिर केजरीवाल चुप क्यों हैं?
हालांकि, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया कपिल मिश्रा के आरोपों को बेबुनियाद और गलत बता रहे हैं। लेकिन इस मामले में केजरीवाल खुद चुप हैं। किसी भी बात पर बयान देने वाले केजरीवाल की चुप्पी इशारा कर रही है कि दाल में कुछ काला है। इसके अलावा सरकार टैंकर घोटाले में भी फंसी हुई है।
दो साल के शासन में ही फैला 'रायता'
दिल्ली में आप की सरकार बने अभी दो साल ही हुए हैं लेकिन भ्रष्टाचार के एक के बाद एक मामले के अलावा आपसी कलह और विधायकों के पार्टी छोड़ने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पार्टी के सभी नेता कहते हैं कि वो अन्ना आंदोलन की पैदाइश हैं लेकिन अब सत्ता मिल जाने के बाद लगता है वो सब खत्म हो चुका है। या आंदोलन के समय ही सत्ता में आने का खाका दिमाग में तैयार हो गया था।