कोरोनाः तालाबंदी हल नहीं है

कोरोना महामारी इतना विकराल रुप आजकल धारण करती जा रही है कि उसने सारे देश में दहशत का माहौल खड़ा कर दिया है।

Written By :  Dr. Ved Pratap Vaidik
Published By :  Roshni Khan
Update:2021-04-22 14:01 IST

कोरोना (फोटो- सोशल मीडिया)

लखनऊ: कोरोना महामारी इतना विकराल रुप आजकल धारण करती जा रही है कि उसने सारे देश में दहशत का माहौल खड़ा कर दिया है। भारत-पाकिस्तान युद्धों के समय भी इतना डर पैदा नहीं हुआ था, जैसा कि आजकल हो रहा है। प्रधानमंत्री को राष्ट्र के नाम संबोधन देना पड़ा है। उन्हें बताना पड़ा है कि सरकार इस महामारी से लड़ने के लिए क्या-क्या कर रही है। ऑक्सीजन, इंजेक्शन, पलंगों, दवाइयों की कमी को कैसे दूर किया जाएगा। विरोधी नेताओं ने सरकार पर लापरवाही और बेफिक्री के आरोप लगाए हैं। लेकिन उन्हीं नेताओं को कोरोना ने दबोच लिया है। कोरोना किसी की जाति, हैसियत, मजहब, प्रांत आदि का भेद-भाव नहीं कर रहा है। सभी टीके के लिए दौड़े चले जा रहे हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथसिंह ने फौज से भी अपील की है कि वह त्रस्त लोगों की मदद करे। लेकिन यहां बड़ा सवाल यह है कि रोज़ लाखों नए लोगों में यह महामारी क्यों फैल रही है और इसका मुकाबला कैसे किया जाए ? इसका सीधा-सादा जवाब यह है कि लोगों में असवाधानी बहुत बढ़ गई थी। दिल्ली, मुंबई, कलकत्ता, पुणें जैसे शहरों को छोड़ दें तो छोटे शहरों, कस्बों और गांवों में आपको लोग बिना मुखपट्टी लगाए घूमते हुए मिल जाएंगे। शादियों, शोकसभाओं और सम्मेलनों में अच्छी-खासी भीड़ आप देखते रहे हैं। बाजारों में लोग एक-दूसरे से सटकर चलते रहे हैं।

यहां तक कि रेलों और बसों में भी शारीरिक दूरी बनाए रखने और मुंहपट्टी लगाए रखने में लोग लापरवाही दिखाते रहे हैं तो कोरोना क्यों नहीं फैलेगा ? शहरों से गांवों की तरफ भागनेवाले लोग अपने साथ कोरोना के कीटाणु भी लेते जा रहे हैं। ऐसे में लाखों लोगों के लिए अस्पतालों में रोज जगह कैसे मिल सकती है ? सरकार ने ढिलाई जरुर की है। उसे अंदाज ही नहीं था कि कोरोना का दूसरा हमला इतना भयंकर भी हो सकता है। वह जी-तोड़ कोशिश कर रही है कि वह इस नए आक्रमण का मुकाबला कर सके।

कुछ प्रांतीय सरकारें दुबारा तालाबंदी घोषित कर रही हैं तो कुछ रात्रि-कर्फ्यू लगा रही हैं। वे डर गई हैं। उनके इरादे नेक हैं लेकिन क्या वे नहीं जानतीं कि बेरोजगार लोग भूखे मर जाएंगे, अर्थ-व्यवस्था चौपट हो जाएंगी और संकट दुगुना हो जाएगा? सर्वोच्च न्यायालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तालाबंदी को अनावश्यक बताकर ठीक ही किया है। अभी तो सबसे जरुरी यह है कि लोग मुखपट्टी लगाए रखें, शारीरिक दूरी बनाए रखें और अपने सारे नित्य-कार्य करते रहें। जरुरी यह है कि लोग डरे नहीं। कोरोना उन्हीं को हुआ है, जो उक्त सावधानियां नहीं रख पाए हैं।

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