Chhattisgarh Election 2023: भूपेश बघेल पर लूट का आरोप, मोदी का जनसभा में खुलासा !!
Chhattisgarh Election 2023: भारत के भाजपायी प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ में खुद आकर गत माह जनता को सूचित करना पड़ा कि इस सामान्य, निर्धन रहे किसान को 508 करोड रुपए उत्कोच में मिले हैं। उनके पास इतनी ढेर सारी राशि कहां से, कैसे आई ?
Chhattisgarh Election 2023: अगर इंदिरा गांधी होतीं तो आज छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बोरिया बिस्तरा बंध चुका होता। वे अपने पुश्तैनी गांव बेलौदी लौटकर सरपंची पाने की कोशिश करते होते। वहीं 1980 में भूपेशजी अपने भाई से मात्र एक वोट से सरपंची हार चुके थे। बघेल की भी महाराष्ट्र के दिवंगत कांग्रेसी मुख्यमंत्री अब्दुल रहमान अंतुले वाली गत हो गई होती। अंतुले ने मुंबई में इंदिरा गांधी प्रतिभा प्रतिष्ठान बनाया था। जो उसमें दान देता था उसे सीमेंट का परमिट तुरंत मिल जाता था। वह दौर कंट्रोल वाला था। बिल्डर लोग टैक्स बचाते। पर्याप्त सीमेंट सरकारी दुकानों से सस्ते दामों पर खरीद लेते। मुनाफा भी खूब कमा लेते थे। स्वर्गीय प्रधानमंत्री ने अपने मुख्यमंत्री की यह हरकत जान ली कि उनके नाम को बतौर रेजगारी इस्तेमाल किया जा रहा है। अरबों रुपयों का गोलमाल था। बंबईया मुख्यमंत्री बर्खास्त (21 जनवरी 1982) कर दिए गए।
मगर भूपेश बघेल तो काफी आगे रहे। भारत के भाजपायी प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ में खुद आकर गत माह जनता को सूचित करना पड़ा कि इस सामान्य, निर्धन रहे किसान को 508 करोड रुपए उत्कोच में मिले हैं। यह सोनिया-कांग्रेस का पुरोधा हैं, अति पिछड़ा (कुर्मी) जाति का मुख्यमंत्री, भूपेश उर्फ “काका”, वल्द नंदकुमार बघेल, आयु 63 वर्ष। तो उनके पास इतनी ढेर सारी राशि कहां से, कैसे आई ? खुद प्रधानमंत्री ने दुर्ग की जनसभा में गत बृहस्पतिवार, (2 नवम्बर 2023) इसका विवरण दिया। अपनी रैली में नरेंद्र मोदी बोले : ''दो हजार करोड़ रुपये का शराब-घोटाला, 500 करोड़ रुपये का सीमेंट घोटाला, 5 हजार करोड़ रुपये का चावल घोटाला, 1,300 करोड़ रुपये का गौठान घोटाला, 700 करोड़ रुपये का DMF घोटाला। छत्तीसगढ़ को लूटने का कांग्रेस ने कोई भी मौका नहीं छोड़ा है। लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद ऐसे घोटालों की सख्ती से जांच की जाएगी, आपका पैसा लूटने वालो को जेल भेजा जाएगा।"
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बाल्यावस्था में वडनगर रेलवे प्लेटफार्म पर चाय बेचकर आजीविका कमाने से उठकर बने प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ की जनता से वादा किया कि “भ्रष्टाचारियों का हिसाब करने के लिए ही तो जनता ने मोदी को दिल्ली भेजा है। जिन्होंने यहां के गरीब को लूटा है, उस पर कार्रवाई होकर रहेगी। उससे पाई-पाई का हिसाब लिया जाएगा।"
महादेव एप स्कैम
आखिर इतनी बड़ी गुप्त राशि भूपेश बघेल को मिली कैसे ? कहां से ? अरब द्वीप-राष्ट्र दुबई से। केंद्र सरकार के प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि दो नवंबर 2023 को उसे खुफिया जानकारी मिली कि 7 और 17 नवंबर 2023 को होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के संबंध में महादेव एप के प्रमोटरों द्वारा में बड़ी मात्रा में नकदी ले जाई जा रही है। ईडी के मुताबिक, उसकी एक टीम ने होटल ट्राइटन और भिलाई में एक अन्य स्थान पर तलाशी ली और एक कैश कूरियर असीम दास को पकड़ा। उसे विशेष रूप से सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के चुनावी खर्चों के लिए बड़ी मात्रा में नकदी पहुंचाने के लिए भारत भेजा गया था। ईडी ने 5.39 करोड़ रुपये की नकद राशि अभियुक्त असीम की कार और उनके आवास से बरामद किए। जांच एजेंसी की मानें तो, असीम दास ने स्वीकार किया है कि जब्त की गई धनराशि महादेव एप प्रमोटरों द्वारा छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव खर्चों के लिए एक नेता 'बघेल' को देने की व्यवस्था की गई थी। ईडी ने महादेव एप के कुछ बेनामी बैंक खातों का भी पता लगाया है जिनमें 15.59 करोड़ रुपये की शेष राशि फ्रीज कर दी गई है।
ईडी ने अपने आधिकारिक प्रेस रिलीज में दावा किया कि अब तक महादेव एप प्रमोटर्स द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। ईडी ने यह भी कहा कि ये जांच का विषय है। आरोपियों को सांसद-विधायक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश, रायपुर, के समक्ष पेश किया गया। न्यायालय ने उन्हें हिरासत में भेज दिया। यूं राजकोष के लूट की अन्य खबरों की भांति रायपुर की यह खबर भी दब सी जाती। पर कई अभियुक्त पकड़े गए। बयान दर्ज हुए। नगदी भी बड़ी मात्रा में कब्जे में ली। बुनियादी सवाल यहां है कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपियों ने भूपेश बघेल का नाम लिया था।
भूपेश बघेल पर गड़बड़ी का आरोप
चुनावी चंदा का पहलू तो है ही। इसके अलावा भूपेश बघेल पर एक अत्यंत अशोभनीय गड़बड़ी का आरोप भी लगा है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पीसीएस परीक्षाओं के परिणाम में धांधली के बड़े पैमाने पर भर्त्सना हो रही है। बताया जा रहा है कि पीएससी परीक्षा 2021 की जांच की मांग उठी है। लोक सेवा आयोग ने बताया कि पिछले एक साल में कुल 95 शिकायत मिली थी। इनमें 19 प्रकरणों पर प्रक्रिया चल रही है। गौरतलब है कि इसी साल 11 मई को राज्य पीएससी-2021 का फाइनल रिजल्ट जारी हुआ था। इसमें 171 पदों पर पीएससी ने भर्ती की है, जिसमें 15 लोगों का चयन डिप्टी कलेक्टर के लिए हुआ है। आरोप लगाया गया है कि मेरिट लिस्ट में पीएससी चेयरमैन के रिश्तेदारों और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के करीबियों को जगह मिली। इन आरोपों के बाद लोक सेवा आयोग आरोपों के घेरे में हैं। बीजेपी के नेता ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। इस पर कोर्ट ने 18 लोगों की नियुक्ति को रोकने के आदेश दिए हैं।
इस समस्त प्रकरण पर भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया बड़ी नपी तुली है। वे बोले : “यह सब एक मजाक है।” तो क्या पांच अरब रुपए वाली बात भी मसखरी है ? उच्च स्तरीय जांच चल रही है। मगर वोटरों को मनन करने हेतु अवसर तो मिल गया है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)