BUDGET 2022: मुफ़्त उपहार नहीं मज़बूत विकास और रोज़गार पर ज़ोर
Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश के संसद में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया। इस बजट में लोक लुभावन घोषणाओं से परहेज़ करते हुए देश के मज़बूत विकास और रोज़गार का रोड मैप प्रस्तुत किया है।
Budget 2022: मोदी सरकार ने साहस दिखाते हुए उत्तर प्रदेश समेत पाँच राज्यों में चुनावों के बावजूद मुफ़्त उपहारों और लोक लुभावन घोषणाओं से परहेज़ कर बजट में देश के मज़बूत विकास और रोज़गार का रोड मैप प्रस्तुत किया है। बजट में आमदनी बढ़ाने के बजाय ख़र्च पर ज़्यादा ज़ोर है। क़रीब सभी करों को यथावत रखा गया है। कोरोना के कारण बढ़े घाटे के बावजूद इनमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई यह राहत की बात है।
बजट के ज़रिये न केवल किसान व कारोबारियों को सीधा लाभ दिया गया है बल्कि गरीबों के लिए 48,000 करोड़ के ख़र्च से 80 लाख प्रधानमंत्री आवास व 60,000 करोड़ के ख़र्च से घरों में नल से जल पहुँचाने की योजना है। साथ ही इस वर्ष पीएलआयी स्कीम के ज़रिए 60 लाख नई नौकरियों के सृजन की बात भी वित्त मंत्री ने कही है।
बजट का आकार 39.45 लाख करोड़
इस बार बजट का आकार 39.45 लाख करोड़ है। पिछले साल के मुक़ाबले सरकार इस बार पौने दो लाख करोड़ रुपये ज़्यादा ख़र्च करेगी। मुख्य रूप से इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर (infrastructure sector) पर पूंजीगत ख़र्च को बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये किया गया है। यह कुल जीडीपी (GDP) का 2.9 प्रतिशत है। देश के इतिहास में इतना अधिक पूंजीगत ख़र्च पहले नहीं किया गया।
इस वर्ष 20,000 करोड़ रुपये से 25000 किलोमीटर नेशनल हाईवे का निर्माण होगा। डिफेंस बजट (defense budget) का 68% हिस्सा भारतीय निर्माताओं पर ख़र्च किया जाएगा। आगामी तीन वर्षों में 400 वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना भी है। स्वाभाविक रूप से इन सभी ख़र्च से माँग में वृद्धि होगी जिस से अर्थव्यवस्था को रफ़्तार मिलेगी। देश के सभी जनसामान्य को भी कारोबार और रोज़गार के रूप में इसका लाभ मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन (Nirmala Sitaraman) ने इस वर्ष जनवरी 2022 में 1.4 लाख करोड़ के रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) की सूचना संसद में देते हुए करदाताओं को बधाई दी। साथ ही उन्होने करदाताओं पर भरोसा जताते हुए कहा कि वे आयकर रिटर्न में छूटी हुई आय को शामिल करने के लिए आगामी दो वर्षों तक रिटर्न को अपडेट कर सकेंगे। कुल मिलाकर यह बजट भारत को न केवल आत्मनिर्भर बनाने वाला है बल्कि इससे जल्द ही कारोबार और रोज़गार को भी रफ़्तार मिलेगी।
लेखक : मनीष खेमका,चेयरमैन, ग्लोबल टैक्सपेयर्स ट्रस्ट