अखिलेश ने किया देश का अपमानः दलित दीपावली मनाने पर ये आया रिएक्शन

बाबा साहब की जयंती पर 'दलित दिवाली' मनाने की योजना बनाकर Samajwadi Party ने बाबा साहब का अपमान किया है।

Written By :  Brij Lal
Published By :  Ashiki
Update: 2021-04-09 09:01 GMT

फाइल फोटो 

बाबा साहब की जयंती पर 'दलित दिवाली' मनाने की योजना बनाकर Samajwadi Party ने बाबा साहब का अपमान किया है। दिवाली सब की है, संविधान निर्माता बाबा साहब को दलितों तक सीमित मत करो। Akhilesh Yadav जी आप ने दलितों सहित देशवासियों का भी घोर अपमान किया है।

बाबा साहब का अपमान करना समाजवादी पार्टी की आदत रही है। याद दिला दूँ, 5 सितम्बर 2016, जब आप अपने प्रियमंत्री आज़म खान के साथ ग़ाज़ियाबाद में 'हज हाउस' का उद्घाटन करने गये थे। मंच से आज़म खान ने बाबा साहब की प्रतिमा के तरफ़ उँगली उठाकर कहा था- "ये जो उँगली उठायें मूर्तियाँ खड़ी की गयी है, इशारा कर रही है कि जिस ज़मीन पर मै खड़ा हूँ वह तो मेरी है ही, सामने वाला प्लाट भी मेरा है"।

आज़म ने बाबा साहब को भू- माफिया कहा था और आप मंच पर बैठे हंसते हुए आज़म खान के लिए ताली बजा रहे थे।आप का यह मंत्री,खुद सबसे बड़ा भू- माफिया निकला। मौलाना जौहर विश्वविद्यालय के नाम पर सैकड़ों एकड़ ज़मीन हथिया ली , जिसमें दलित, मुसलमान सहित सभी की ज़मीनें थे। अब ज़मीन हथिया कर बनाये गए निर्माण पर श्री MYogiAdityanath जी का हथौड़ा चल रहा है, और बेलगाम आज़म खान परिवार सहित 26-2-2020 से जेल की हवा खा रहे है और अपने पुत्र अब्दुल्ला आज़म की विधायिकी भी गवा चुके है, जिन्हें फ़र्ज़ी जन्म प्रमाण- पत्र पर एमएलए बनवाया था।

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दलितों के घरों में अंधेरा करने का प्रयास आप के पिता श्री मुलायम सिंह यादव जी की सरकार में 2004-2007 के दौरान हुवा था। एक बिल तैयार किया गया था, कि दलितों की ज़मीन अगर ग़ैर- दलित ख़रीदता है, तो उसे ज़िलाधिकारी की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। क़ानून के अनुसार दलित की ज़मीन बिना ज़िलाधिकारी की अनुमति के ग़ैर- दलित नहीं ख़रीद सकता। केवल एक दलित मंत्री ने इसका विरोध किया जो दूसरी पार्टी के थे और आप की सरकार में थे।

उन्हें भी प्रलोभन दिया गया, परंतु उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफ़ा देनें की धमकी दे दी, जिसके कारण दलितों की ज़मीन बच सकी। अगर यह बिल पास हो गया होता तो आप की पार्टी के लोग दलितों की ज़मीन कब की हड़प लिए होते।

दलितों के घरों में अंधेरा करने का प्रयास करने वाले चले है- "दलित दिवाली " मनाने। बगुला- भगत बनकर दलितों को अब गुमराह नहीं कर सकती है समाजवादी पार्टी।

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