Diwali 2024: अब दिवाली इस अंदाज से मनाना होगा

Diwali 2024: दीपक के समाजवादी चरित्र को ऐसे समझा जा सकता है। उसे चाहे महल में प्रकाशित करिए या गरीब की झोपड़ी में, उसकी रोशनी और मनोभाव में जरा भी अंतर नहीं आता।

Written By :  Deepak Mishra
Update:2024-10-31 10:53 IST

Diwali 2024: हर साल की तरह फिर दिवाली आई है। अंधेरों से लड़ने की प्रेरणा दिवाली से मिलती है । हम बिना सूरज, चांद या नक्षत्र बने बिना दीपक रह कर भी महाबली मावसी अंधेरे को अपनी एकता और सामूहिक प्रतिकार के बल पर पराजित कर सकते हैं । बुद्ध ने भी कहा है कि अप्प दीपो भव। महात्मा बुद्ध ने सूरज और चंद्रमा से अधिक महत्व दीपक को दिया। दीपक के समाजवादी चरित्र को ऐसे समझा जा सकता है। उसे चाहे महल में प्रकाशित करिए या गरीब की झोपड़ी में, उसकी रोशनी और मनोभाव में जरा भी अंतर नहीं आता । सोने का हो या मिट्टी का, दीपक के प्रकाश में फर्क नहीं आता।

🪔 शुभ दिवाली

दीपक वाली 🪔

दीपक मिश्र

अब दिवाली इस अंदाज से मनाना होगा

तम, ग़म, सितम, जहां भी हो

मिटाना होगा

इंसानियत के ये जश्न हम मनाएं खूब मगर

पहले इंसान को इंसान तो

बनाना होगा

हम दिवाली झूम कर मनाएं। अपने परिजन को फुलझडियां आदि खरीदें, उन्हें पूरा समय दें पर थोड़ा समय निकाल कर अनाथों और फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों के बीच जाएं, उन्हें फुलझड़ी , मिठाई या जो खुश देने की इच्छा हो, दें। दिवाली की खुशी द्विगुणित हो जाएगी । फोटो वगैरह फेसबुक और वॉट्स अप भी डालें ताकि देखी देखा और लोग भी करें । खुश लोग इसे नाटक या दिखावा भी कहेंगे,अच्छाई का दिखावा और नाटक भी बुराई से बेहतर है ।

जो अंधेरे में हैं

उनपे भी नजर डालो

अरे वो रोशनी वालों

एक बार पुनः

सुख- मय दिवाली

शुभातिशुभदिवाली

( लेखक समाजवादी चिंतक हैं।)

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