बजट पर त्वरित टिप्पणी: राजनीति को चौंकाने वाला शुद्ध आर्थिक बजट

Budget 2022: आम धारणा के विपरीत और चुनावी राजनीति से दूर रहकर वित्तमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को विकास के रास्ते पर ले जाने वाला बजट प्रस्तुत किया।

Written By :  Dr. Anoop Kumar Mishra
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-02-01 10:50 GMT

डाॅ अनूप कुमार मिश्र

Budget 2022: आम धारणा के विपरीत और चुनावी राजनीति से दूर रहकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की अर्थव्यवस्था को विकास के रास्ते पर ले जाने वाला बजट प्रस्तुत किया। हर क्षेत्र और विधा को डिजिटल करने के लक्ष्य से भारत पारदर्शी बनेगा और काली कमाई व बेनामी संपत्ति पर नकेल कसेगा। बैंक और लैंड दोनों के डिजिटल करने की बजट की मंशा सही लोगों तक सरकारी खर्च पहुंचने के सर्वस्पर्षी उद्देश्य पर नीहित है।

स्टार्ट अप्स को मजबूती प्रदान करने वाला बजट

वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी धमक बनाये रखने के लिए बाजार को आकर्षित करने वाला और स्टार्ट अप्स को मजबूती प्रदान करने वाला बजट है। वर्चुअल करेंसी पर संशय को साफ करते हुए 30 प्रतिशत के कर दायरे मे लाकर एक नए आय का स्रोत सृजित हुआ और साथ ही रिजर्व बैंक द्वारा अपना डिजिटल करेंसी लाने की बात कर युवा निवेषकों को आकर्षित करने का प्रयास किया गया। लगभग 40 लाख करोड़ के इस बजट मे कृषि के लिए 2.7 लाख करोड़ और 2 लाख करोड़ मझोले और छोटे उद्योगों के लिए आवंटित कर छोटे किसानों और उद्यमियों को राहत देने का प्रयास किया गया है।

बजट में गांवों में भी शहरी सुविधाएं मुहैया कराने की योजना

सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं के जरिए गरीबों को सशक्त बनाने का भी प्रयास शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास मदों मे बढोत्तरी कर दिया गया है। प्रधानमंत्री गति शक्ति के माध्यम से रेल, रोड, हवाई मार्ग, जल परिवहन आदि पर भी खर्च करने की बात कही गई जिससे रोजगार का व्यापक सृजन होगा। शहरीकरण के बढ़ते आयाम के मद्देनजर 50 प्रतिशत जनसंख्या शहरों में निवास करेगी और इस जनाकंकीय परिवर्तन के मद्देनजर छोटे शहरों मे उन्नत अवस्थापना सुविधाएं बढे़गी। साथ ही इस बजट में गांवों में भी शहरी सुविधाएं मुहैया कराने की योजना दिखती है। कोविड काल में ट्रैवल , टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्रों के हुए नुकसान की भरपाई 5 लाख करोड़ के कवर की योजना की घोषणा राहत देने वाली है। इससे बनारस समेत अनेक शहरों के पर्यटन उद्योग से जुड़े उद्यमियों को फायदा होगा। निवेषकों को आकर्षित करने के लिए और नीजी क्षेत्रों के सहयोग को राष्ट्रीय योजनाओं मे सम्मिलित करने की अनेक प्रावधान बजट में दिखे।


व्यय के मदों के मद्देनजर आय के सृजन पर बजट खामोश

व्यय के मदों के मद्देनजर आय के सृजन पर यह बजट खामोश है। इसलिए घाटे के बढ़ने का भी खतरा बना रहेगा। 6500 करोड़ के विनिवेश का लक्ष्य निर्धारित है पर व्यवहारिक नहीं दिखता। आयकर में किसी भी प्रकार के परिवर्तन न होने से मध्यम वर्ग में निराशा हो सकती है और इससे मांग प्रभावित हो ने का खतरा है। कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि विपरीत परिस्थितियों मे यह बजट विकास को गति देने और रोजगार को सृजित करने के मिशन के साथ प्रस्तुत किया गया है।

डाॅ अनूप कुमार मिश्र

अध्यक्ष, अर्थशास्त्र विभाग

डी ए वी पी जी काॅलेज, वाराणसी

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