Global Food and Economic Crisis-2: पाकिस्तान से भगदड़ भारत के लिए बड़ी चुनौती, अभी से करनी होगी तैयारी

Global Food and Economic Crisis-2: वैश्विक परिदृश्य अब ऐसा दिख रहा है कि दुनिया के अधिकांश देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझने जा रहे। कई देशों में अभी से स्थिति खराब होने लगी है।

Report :  Sanjay Tiwari
Update:2022-08-27 15:14 IST

वैश्विक खाद्यान्न एवं आर्थिक संकट: Photo- Social Media

Global Food and Economic Crisis-2: वैश्विक परिदृश्य (global scenario) अब ऐसा दिख रहा है कि दुनिया के अधिकांश क्या लगभग सभी देश गंभीर आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझने जा रहे। कई देशों में अभी से स्थिति खराब होने लगी है। विश्व में आर्थिक जगत और आपूर्ति की चेन बुरी तरह टूट रही है। इस बारे में पहले ही लिखा जा चुका है। इस चेन का टूटना सभी को प्रभावित कर रहा है। श्रीलंका के हालात सभी के सामने हैं। इस वैश्विक संकट का व्यापक असर भारत के आर्थिक और सामरिक हितों को प्रभावित करने वाला है। पश्चिमी एजेंसियां और भारत (India) के भीतर की भारत और हिंदुत्व विरोधी शक्तियों के लिए यह स्थिति भारत मे अस्थिरता फैलाने में बहुत अनुकूल लगेगी।

अफगानिस्तान (Afghanistan) की हालात सभी देख चुके। श्रीलंका (Sri Lanka) सामने है। हमारे ऊपर अभी इन दोनों देशों की अस्थिरता और विपन्नता का बहुत असर नहीं है। लेकिन जब आर्थिक संकट और बढ़ेगा और विश्व के अनेक देश इसके लपेटे में आएंगे तब भारत के हालात बिगाड़ने की कोशिशों में वे सारी ताकते एक साथ लगेंगी जिनको भारत की नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) की और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की सरकारों और इनके नेतृत्व से दिक्कत है। वे सभी एक साथ होकर भारत को अस्थिर करने में जुटेंगे।

जब छोटे देशों में हालात बिगड़ेंगे तो लोगों का पलायन शुरू हो जाएगा। मध्य एशिया के देशों में हालात सर्वाधिक बिगड़ने वाले दिख रहे हैं । इन देशों की हालत अभी से बहुत खराब है । ऐसे में पाकिस्तान हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या खड़ी करेगा।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ :Photo- Social Media

पाकिस्तान से चुनौती

पाकिस्तान (Pakistan) की हालत अभी से बहुत खराब है। पूरी तौर पर कर्ज से डूबे हमारे इस पड़ोसी के यहां सरकार बदल चुकी है फिर भी हालात काबू में नही हो रहे। जब दुनिया मे आर्थिक संकट और बढ़ेगा तब पाकिस्तानी लोगों का पलायन शुरू ही सकता है। इसके लिए अभी से हमारी तैयारी जरूरी है। आने वाले दिनों में जब ज्यादा मार काट मचेगी तब पाकिस्तानी लोग, खासकर वहां के युवा सीधे भारत मे ही प्रवेश की कोशिश करेंगे क्योंकि अफगानिस्तान में उनको कुछ मिलना नही है, अन्य देशों में भी उन्हें कोई राहत नही दिखेगी लेकिन भारत के मुसलमानों जैसे ही खान पान, वेशबूषा, आदतें उन्हें इस ओर ले आएंगी।

अभी से करनी होगी तैयारी, भीड़ को उसी की सीमा में रोकना होगा

इधर भारत के भीतर के भारत विरोधी ताकतों से उनको प्रश्रय मिलेगा। यह भी आशंका है कि एक साथ लाखों की संख्या भारतीय सीमा में घुसने के लिए निकल पड़े। ऐसे में मानवता और सहायता के नाम पर भारतविरोधी विदेशी एजेंसियां बहुत ज्यादा दबाव बनाने में जुटेंगे। मीडिया में भी इसे लेकर बहुत शोर मचेगा। भारत के भीतर से मुसलमानों का इनको व्यापक समर्थन मिलने लगेगा । ऐसे में भारत बहुत गंभीर परिस्थितियों में फंसता दिख रहा है। इसके लिए अभी से हमारी व्यापक तैयारी होनी चाहिए।

कैसी तैयारी की जरूरत

भारत की तैयारी क्या होनी चाहिए, यह बहुत जरूरी है। आर्थिक संकट के साथ भारत के लिए यह समय सामरिक महत्व का भी है। ऐसे में तैयारियां उसी अनुरूप करनी हैं। इस चुनौती को अवसर बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है।

जो हालात उत्पन्न होने वाले हैं उनमें एक कठोर संकल्प लेना है कि देश की किसी सीमा से कोई बाहरी भारत के भीतर प्रवेश न कर सके। ठीक वैसा ही जैसा हंगरी ने किया था। हंगरी ने ऐसे घुसपैठ को रोक कर खुद को सुरक्षित कर लिया लेकिन बेल्जियम ने यह नहीं किया। बेल्जियम में अपनी दरिद्रता और मजबूरी की आड़ में ये तत्व घुसे और आज बेल्जियम इनके शिकार के रूप में रह गया है।

यदि ऐसे कोई हालात बनते हैं तो भारत को चाहिए कि वह स्पष्ट ऐलान कर दे कि हम सभी प्रकार की सहायता अवश्य देंगे लेकिन वे जहां हैं उसी जगह। यह सहायता भारतीय सेना के माध्यम से ही मिलेगी। किसी भी हालात में अपनी सीमा के भीतर हम उन्हें नहीं आने देंगे। यदि पाकिस्तान में ऐसी स्थिति आती है तो पाकिस्तान के भीतर ही , उसी के पंजाब या सिंध के क्षेत्र में स्थान चिन्हित कर वहां से पलायन करने वाली भीड़ को रखा जाएगा और भारत अपनी सेना के माध्यम से उनको रसद, दवाएं या अन्य सहायता पहुँचा देगा।

पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर: Photo- Social Media

पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर  (Jammu and Kashmir) पर कब्जा

जब पाकिस्तान के हालात बेकाबू हो रहे होंगे उस समय यह अत्यंत आवश्यक कदम उठाना ही होगा। पाक अधिकृत जम्मू और कश्मीर को सहायता पहुचाने के लिए सैन्य क्षेत्र बना दिया जाना चाहिए। अर्थात इस क्षेत्र पर भारतीय सेना के स्थायी कैम्प लगाए जाने चाहिए और वहीं से आपूर्ति की सभी व्यवस्थाएं संचालित की जानी चाहिए। पश्चिमी एजेंसियों और विश्व समुदाय को यह स्पष्ट संदेश दिया जाना चाहिए कि मानवता के लिए हम हर संभव सहायता हम देंगे लेकिन उन्ही की सीमा में। इस परिस्थिति में यह ध्यान देने वाली बात होगी कि पाकिस्तान से निकलने वाली भीड़ भारत के पंजाब और राजस्थान सीमा पर सर्वाधिक उपद्रव करेगी। इसको रोकने के लिए आवश्यक होगा कि पाकिस्तान के अंदर सिंध और पंजाब क्षेत्रों में ही शरणार्थी शिविरों की व्यवस्था कर दी जाय। सबसे प्रभावी कदम यह होगा कि पाकिस्तान को चार हिस्सो में विभाजित कर आर्थिक और सामरिक स्वरूप दिया जाय।

भारत के लिए स्वर्णिम अवसर

जो विश्व परिदृश्य बन रहा है उसमें पाकिस्तान का विभाजन अब अपरिहार्य है। भारत के लिए यह स्वर्णिम अवसर है। चार टुकड़ों में विभाजित होने के बाद पाकिस्तान की समस्या से भारत पूरी तरह से मुक्त हो जाएगा। विश्व समुदाय से इस विभाजन को स्वीकृति मिलने में कोई संकट नहीं होगा क्योंकि प्रायः पूरा विश्व इस्लामिक आतंकवाद से त्रस्त है। चीन से इसमे विरोध मिलेगा लेकिन चीन के खुद के हालात ऐसे नहीं रहे हैं कि अब वह पाकिस्तान के लिए खुल कर कुछ कर सकने की स्थिति में होगा। इसका कारण यह है कि बिना रूस के समर्थन के अब चीन कोई बड़ा सामरिक निर्णय नहीं ले सकेगा।

रूस पूरी तरह भारत के साथ है क्योंकि यूक्रेन से युद्ध (Russia Ukraine war) के बाद से ही तमाम प्रतिबंधों को दरकिनार कर भारत रूस के साथ खड़ा है। चीन को भी यह पता है कि एशिया में अब भारत के विरोध के साथ वह खुद को नही सुरक्षित रख पायेगा क्योकि भारत के साथ रूस तो है ही, अमेरिका की मजबूरी भी भारत को साथ रखने की है। यदि भारत ने हाथ खींच लिया तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी।

ऐसे में विश्व के हालात हर तरह से भारत के पक्ष में हैं। यही वह समय है जब पाकिस्तान का अस्तित्व समाप्त किया जा सकता है और इसकी उपद्रवी आतंकी प्रवृत्ति से क्षेत्र को मुक्त किया जा सकता है। यह कदम हर हाल में भारत को उठाना ही होगा। बलोचिस्तान (Balochistan) पहले से ही अलग थलग है। सिंध और पंजाब को करना है जो इन परिस्थितियों में बहुत थोड़े से प्रयास से हो जानी हैं। पाक अधिकृत कश्मीर पर काबिज होते ही कश्मीर की समस्या सदा के लिए समाप्त हो जाएगी।

क्रमशः

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