हरियाणा: अब नहीं रहा चुनाव में बाबाओं का दखल
हरियाणा में बाबाओं का खेल खूब चला करता था। लाखों अनुयायियों को दम पर ये बाबा राज्य के राजनीतिक सिस्टम में घुले मिले रहते थे। चुनावों के पहले इन बाबाओं का आशीर्वाद लेने के लिए सभी दलों के नेता इनके पैरों पर गिरते थे। खास कर विधान सभा चुनावों में ये बाबा नतीजों को प्रभावित करने की कूवत रखते थे।
नीलमणि लाल
लखनऊ : हरियाणा में बाबाओं का खेल खूब चला करता था। लाखों अनुयायियों को दम पर ये बाबा राज्य के राजनीतिक सिस्टम में घुले मिले रहते थे। चुनावों के पहले इन बाबाओं का आशीर्वाद लेने के लिए सभी दलों के नेता इनके पैरों पर गिरते थे। खास कर विधान सभा चुनावों में ये बाबा नतीजों को प्रभावित करने की कूवत रखते थे। ये सब अब पहले जैसा नहीं रहा।
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धर्म गुरुओं का राजनीतिक रसूख
डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरमीत राम रहीम सिंह और संत रामपाल के जेल पहुंचने के बाद इन दोनों पावरफुुल धर्म गुरुओं का राजनीतिक रसूख और इनकी लोकप्रियता अर्श से फर्श पर आ गई है। 2014 में इसी देरा सच्चा सौदा के बारे में कहा जाता था कि इसने राज्य में भाजपा सरकार बनवाने में प्रमुख भूमिका अदा की थी।
राजनीतिक दल डेरा के खिलाफ बोलने से कतराते
भाजपा को इस चुनाव में 90 में से 47 सीटें मिली थीं। वैसे डेरा का दबदबा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है तभी कांग्रेस, भाजपा, इनेलो समेत कोई भी राजनीतिक दल डेरा के खिलाफ बोलने से कतराते हैं। राम रहीम ने हाल में जब जमानत की अर्जी दी तो इस बारे में भी सबने चुप्पी साधे रखी।
हरियाणा में राधा स्वामी सत्संग ब्यास और निरंकारी मिशन का भी खासा प्रभाव है। इनके अलावा कई धर्मगुरु हैं जिनका स्थानीय स्तर पर प्रभाव रहता है। हाल रामपाल का एक और धर्म गुरु रामपाल की लोकप्रियता भी हत्या के मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद से बहुत नीचे आ गई है।
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2015 में रामपाल के ठिकाने पर छह दिन तक उसके अनुयायियों और सुरक्षा बलों के बीच टकराव चला था जिसमें 6 लोगों की मौत भी हुई थी।
इस मामले के बाद रामपाल राजनीतिक रूप से करीब करीब खत्म हो चके हैं। सिरसा का डेरा सच्चा सौदा का हेडक्वार्टर हरियाणा के सिरसा जिले में है। अपने आपको नॉन-प्रॉफिट धार्मिक संगठन कहने वाले डेरा सच्चा सौदा की स्थापना1948 में हुई थी लेकिन इसके सितारे 90 के दशक में राम रहीम
द्वारा बागडोर संभालने के बाद चमके।
राम रहीम की अगुवाई में डेरा का साम्राज्य पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में फैला। माना जाता है कि एक समय में डेरा के अनुयायियों की तादाद 6 करोड़ से ज्यादा थी। इसके के बल पर राम रहीम पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ इलाकों में चुनाव प्रभावित करने की क्षमता रखता था।
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