अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस: संग्रहालय इतिहास के साथ जीवन में लाता है रोमांच

संग्रहालय की उपयोगिता को देखते हुए अनेक देश संग्रहालय बनाकर अपने देश को समृद्धशाली बनाते है।

Written By :  rajeev gupta janasnehi
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-05-18 11:20 GMT

फोटो— संग्रहालय की फाइल फोटो (साभार— सोशल मीडिया)

18 मई अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस एक वैश्विक समारोह दिवस है। संग्रहालय की उपयोगिता को देखते हुए अनेक देश संग्रहालय बनाकर अपने देश को समृद्धशाली बनाते है, यह हम सब जानते है। काल चक्र ऐसा चक्र है जो चलता जाता है और अपने पीछे अनगिनत इतिहास और धरोहर के साथ उपलब्धि या दंश के निशां छोड़ जाता है। पूरा विश्व अनगिनत इतिहास और धरोहर के साथ उपलब्धि या दंश के निशां को संग्रहालय में सहेज के रखता है। आप सबने किसी न किसी देश या शहर का संग्रहालय अवश्य देखा होगा और अपनी उंगली दांतों तले दवा ली होगी। रोमांच से लबालब हो गए होंगे। मन में अनेक घटना क्रम के आदर व गर्व का भाव आता है। दूसरी तरफ़ अनेक घटना क्रम के लिए ग़ुस्सा या नफ़रत के भाव आते हैं।

संग्रहालय का उद्देश इतिहास व सभ्यता बताना

संग्रहालय में संग्रहित वस्तु देश का पुरातन इतिहास सभ्यताओं, वेश-भूषा, उपभोग की जाने वाली वस्तु, देश का वास्तु, परिवहन व परिधान, रक्षा के उपकरण मतलब एक समय बाद या कहिए विश्व में उन्नति, सुख सुविधा के साथ पुरातन इतिहास बताता हैं। आवश्यकता अविष्कार की जन्ननी होती अर्थात नये अविष्कार आते ही पुरानी चीज़ एक समय बाद चलन से बाहर तो होती है, पर कुछ वस्तु संग्रहालय के उपयोग की हो जाती हैं जो आने वाली पीढ़ी को अपने पूर्वजों का रहन—सहन के साथ उस देश की समद्धि बताती है। संग्रहालय से हमें मानवता, संरक्षण, अनुसंधान, मूर्त और अमूर्त विरासत, आनंद, अध्ययन और शिक्षा के उद्देश्यों के लिए वातावरण देता है।

संग्रहालय की दृष्टिकोड़ से भारत का अस्तित्व

भारत भी संग्रहालय की दृष्टि से पूंजीवादी है| भारत का सबसे बड़ा म्यूजियम, दुनिया का नौवां और भारत का सबसे पुराना संग्रहालय इंडियन म्यूजियम या भारतीय संग्रहालय है। यह कोलकाता में स्थित हैं, इसकी स्थापना डॉ. नथानियल वालिक (Dr Nathaniel Wallich) नामक डेनमार्क के वनस्पतिशास्त्री ने सन् 1814 में की थी। पहले जब यह बना था उस वक्त भारतीय संग्रहालय को इंपीरियल म्यूजियम के नाम से जाना जाता था।

प्रादेशिक स्तर पर आगरा संग्रहालय में प्रथम

आगरा में भी चार संग्रहालय है, सबसे पुरातन ताज संग्रहालय, निर्माणधिन मुग़ल संग्रहालय, वेक्स संग्रहालय (प्राइवेट है) जोहंस पब्लिक पुस्तकालय नगर निगम के अधीन में है।महारानी एलिज़ाबेथ की स्टैचू, ताज सात अजूबे की ट्रॉफ़ी व प्रशासित पत्र, स्वतंत्र सेनानी चिम्मन लाल का गांधी चरखा आज जोहंस पब्लिक पुस्तकालय व संग्रहालय की शोभा बढ़ा रहा है। आगरा जो ताज नगरी के नाम से विश्व में प्रसिद्ध है यहां पर वैक्स म्यूजियम के नाम से एक निजी संग्रहालय में दुनिया भर की हस्तियों जैसे प्रधानमंत्री मोदी, सचिन तेंदुलकर, माइकल जैक्सन, अटल बिहारी वाजपेई अनेक फिल्मी कलाकार की वेक्स की मूर्तियों से सुसज्जित हैं। ताज नगरी आने वाले पर्यटक व आगरा नगरी के वाशिंदों के लिए यह एक आकर्षण का केंद्र होने के साथ फोटोग्राफी का भी स्थल है।

आगरा में निर्माणाधीन मुगल संग्रहालय का जिक्र ऊपर किया है। अब उसका नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज संग्रहालय होगा। उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 14 सितंबर, 2020 को एक समीक्षा बैठक के दौरान शिवाजी महाराज के नाम पर संग्रहालय के लिए अधिकारियों व विभागों को निर्देशित किया है। आगरा में ताजमहल स्थिति संग्रहालय में मुगलकालीन, ब्रिटिश पीरियड की अनेक धरोहर जैसे तत्कालीन लेख, मुद्राएं, कुंडली, शास्त्र आदि को सहेज के रखा है। मुगल संग्रहालय ताजमहल परिसर के मुख्य द्वार के बाई और जल महल में स्थित है। इसका निर्माण वर्ष 1982 में हुआ था। संग्रहालय में 120 तरह की प्रदर्शनी लगी है। कई संग्रहालय में इंटेरप्रेटर (भाषा को परिवर्तन) उपलब्ध रहते हैं ताकि भाषाई दिक़्क़त ना हो।

संग्रहालय का विश्व इतिहास

विश्व के 138 देशों में 20,000 हज़ार संग्रहालय है और 44,000 संग्रहालय पेशेवरों को मज़बूत करने के लिए हर साल, दुनिया भर के संग्रहालयों को 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है, ताकि दुनिया भर में संग्रहालयों की भूमिका को बढ़ावा दिया जा सके।

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