प्रेस स्वतंत्रता का अर्थ है आग में हाथ देना

हर साल 3 मई को दुनिया भर में वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे या विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।

Written By :  rajeev gupta janasnehi
Published By :  Roshni Khan
Update:2021-05-03 10:42 IST

वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे

लखनऊ: हर साल 3 मई को दुनिया भर में वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे या विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने दिसंबर 1993 में 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस घोषित किया ताकि प्रेस की आजादी के महत्व से दुनिया को आगाह कराया जाए।

प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उद्देश

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने का मुख्य मकसद दुनिया भर की सरकारों व मीडिया संगठनों को यह याद दिलाना होता है कि अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार की रक्षा और सम्मान करना प्रेस का कर्तव्य है। मालूम हो कि लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा और उनको बहाल करने में मीडिया अहम भूमिका निभाता है। इसलिए सरकारों को पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

प्रेस की स्वतंत्रता व सुरक्षा है क्या आज ?

सीधा उत्तर है नहीं कारण है आज प्रेस की स्वतंत्रता व सुरक्षा पर सरकारों नाकाम होने के साथ अपने अपने तरीक़े से हाथ बांधने के साथ वो कहलाया या दिखवाया जा रहा है जो सरकार चाहती है जिस तरह महंगाई सुरसा की तरह बढ़ रही है उसी तरह प्रेस की स्वतंत्रता दिन प्रीति गला घुटता जा रहा है जब कोई भी बात देश का बच्चा बच्चा समझने लगे और गोदी मीडिया की उपमा देने लगे तो समझ लेना चाहिए आम आदमी के अधिकारों ओर हितों पर आरी चलने लगी है आने वाला समय नागरिकों के साथ देश के हित में भी नही है। आज करोना में सरकार के आँकड़े, शमशान, विज्ञापन और तो और इन सब में हर अखबार में अपनी अपनी संख्या की हेड लाइन| अनेक देशों में जो पत्रकार और मीडिया संस्थान अगर सरकार की मर्जी से नहीं चलते हैं तो उनको तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है,जैसे सरकारी विज्ञापन, काग़ज़ आदि |

प्रेस की स्वतंत्रता बरकरार रखी होगी

आज भारत भी इसी दोर से गुजर रहा है| आज 3मई सभी मीडिया हाउस और मीडिया कर्मियों को चिंतन करना चाहिए चोथा स्तम्भ को स्वतंत्रता के साथ देश के नागरिकों ओर देश ( राजनीतिक पार्टी) को सही रहा कैसे दिखाएँगे।कहते है संगठन में बल होता है| सब संस्थानों को व लोकल स्तर पर कर्मियों के साथ संस्थान मज़बूत गठबंधन करना होगा अर्थात एक गट्ठर में रहना होगा |आज भी पत्रकारिता एक मिशन है और रहेगा परंतु चंद लोगों के कारण इस पेशे को नुक़सान होता है| अब तक कितनी ही फ़िल्मों के ज़रिए हमने देखा समाज से बुराई व बुरे लोग और राजनीति में सुधार हुआ है| यह कुछ फ़िल्म है जैसे गंगा जल ,नायक ,पेज थ्री ,फिर भी दिल हिंदुस्तानी आदि।

प्रेस की स्वतंत्रता व सुरक्षा विश्व है क़ायम

आज भी आम आदमी व ग़रीब के हितों की रक्षा और अनेक काम मीडिया ही कराती है| आज प्रेस स्वतंत्रता दिवस प्रशन उठता है कैसे हम फिर अपनी छवि में सुधार ला पाएँगे ऑर पूरी प्रेस जगत को स्वतंत्रता से पत्रिकारिता कराकर देश ओर आम आदमियों के हितो को बचा पाएँगे ।आज मीडिया का विश्व स्तर पर विस्तृत विकास हुआ है| इसलिए आज पब्लिक को सच का पता चल जाता है| आज कल का जो समय है मीडिया के लिए बहुत जिम्मेदारी का है| आम आदमी को कोरोना का सच से अवगत करना है साथ ही उसे दहशत से भी बचना है| सरकार के किये काम सामने लाना है| सरकार और प्रशासन को सही रहा दिखानी है| भ्रष्टाचार को ख़त्म करना होगा जड़ से ताकि कोरोना को भगाने व हारने में मदद मिले। आम आदमी का पेट भर सके तो साथ ही उद्योग धंधे भी बचे ताकि देश में अराजकता ना हो यह वर्ष स्वतंत्रता से काम करते हुए मीडिया कर्मियों अपनी जान भी बचानी है| इनका काम देश की सेना की तरह है | फ़ील्ड में जाना है ओर कोरोना वायरस से बचना है|

सच्चाई लाने वाले होते है आज पुरस्कृत

प्रत्येक वर्ष 1997 के बाद से, यूनेस्को / गिलर्मो कैनो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम प्राइज को किसी व्यक्ति या किसी संस्था के काम का सम्मान करने या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बचाव करने या बढ़ावा देने के लिए दिया जाता है, खासकर अगर यह व्यक्ति के जीवन को खतरे में डालता है। यह पुरस्कार गुइलेर्मो कैनो के नाम पर रखा गया है, 1986 में ड्रग बैरन की निंदा करने के बाद कोलंबिया के एक पत्रकार की हत्या कर दी गई थी।

प्रार्थना प्रभु से

प्रभु से समस्त विश्व के मीडिया कर्मियों के लिए स्वास्थ्य की कामना करता हूँ और विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई व मंगल कामना करता हूँ।

इस वर्ष की थीम

हर वर्ष प्रेस स्वतंत्रता दिवस की एक थीम होती है| इस वर्ष के विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की थीम "एक सार्वजनिक भलाई के रूप में सूचना''

प्रेस एकता ज़िंदाबाद ज़िंदाबाद

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