प्रसारण से आम आदमी में हुआ ज्ञानी
क्रिकेट की कमेंट्री हो या प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मन की बात यह जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक निजी कंपनी द्वारा आज ही के दिन प्रसारण करने की विधि की स्थापना करके इतिहास में राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के रूप में चिन्हित करा दिया।
National broadcasting day special: क्रिकेट की कमेंट्री हो या प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मन की बात यह जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक निजी कंपनी द्वारा आज ही के दिन प्रसारण करने की विधि की स्थापना करके इतिहास में 23 जुलाई का दिन राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के रूप में चिन्हित करा दिया। मुंबई में एक निजी कंपनी इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी ने मुंबई शहर से देश में पहला रेडियो प्रसारण शुरू किया था। यह रेडियो स्टेशन पूर्णता है निजी स्वामित्व की कम्पनी इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी के स्वामित्व का था।
इसकी स्थापना के बाद भारत में आज तमाम परिवर्तन के बाद प्रसारण के रूप में आज ऑल इंडिया रेडियो जनता को सूचना देने में शिक्षित और मनोरंजन करने के लिए लगातार सेवारत है। यह शुरुआत से ही अपने उद्देश्य *बहुजन हिताय बहुजन सुखाय * का अनुसरण कर रहा है। बिना प्रसारण के एक स्थान से दूसरे स्थान व राजनीतिक चरित्र वक्तव्य देश की उन्नति घटना दुर्घटना की जानकारी असंभव सी रहती।
वैसे भारत में रेडियो प्रसारण की शुरुआत 1920 के दशक में हुई थी परंतु पहला कार्यक्रम मुंबई के रेडियो क्लब द्वारा वर्ष 1923 में प्रसारित किया गया था।, वर्ष 1927 में मुंबई और कोलकाता में निजी स्वामित्व वाली दो ट्रांसमीटर से प्रसारण सेवा शुरू हुई थी। परंतु सरकार ने 1 अप्रैल 1930 को निजी स्वामित्व वाली कंपनी के प्रसारण को अपने हाथ में ले लिया और इसका नाम बदलकर भारतीय राज्य प्रसारण सेवा (indian state broad casting services ) कर दिया। यह शुरुआत के प्रयोग के आधार पर किया गया था लेकिन बाद में 1932 में इसका नियंत्रण सदैव के लिए सरकार ने अपने हाथ ले लिया। 1935 तक इसे भारतीय प्रसारण सेवा के नाम से ही जाना जाता था। भारतीय राज्य प्रसारण सेवा 8 जून 1936 को इसका नाम परिवर्तित कर ऑल इंडिया रेडियो रखा गया। सन 1957 में ऑल इंडिया रेडियो को आकाशवाणी के नाम से पुकारा जाने लगा।
1927 से रेडियो भारत में लोगों के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है और लगातार सूचना, शिक्षा और मनोरंजन उपलब्ध कराता रहा है। वर्तमान में आकाशवाणी विश्व के सबसे बड़े लोक प्रसारकों में एक है। हाल में मोदी जी के विस्तार में सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में अनुराग ठाकुर को खेल के अलावा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।
रेडियो ही एक ऐसा जरिया है जो देशभर में सभी जगहों पर आसानी से खबरों के साथ-साथ मनोरंजन का भी माध्यम बना है। आज लगभग भारत देश के हर हिस्से तक रेडियो की पहुंच है। इसलिए भारतवर्ष के सूचना व प्रसारण क्षेत्र में आज 23 जुलाई एक महत्वपूर्ण दिवस के रूप में उत्सव की तरह मना कर इस संस्थान और प्रसारण में लगे हुए सभी लोगों को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं।