National Students Day 2021: राष्ट्रीय छात्र दिवस पर राष्ट्रीय निर्माण के लिए करना होगा विचार
National Students Day 2021: आज विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है।
National Students Day 2021: कहते है जिस ओर जवानी चलती है, उस ओर जमाना चलता है| अर्थात छात्र जीवन एक ऐसा समय चक्र होता है जब छात्र को सही दिशा में या कहिए जिस दिशा में हम मोड़ देते हैं वह उसी में ढल जाता है | यही समय होता है जब उसकी सोच , कार्य का तरीक़ा चरित्र व देश की सेवा का जज़्बा पैदा होता है |
अकसर छात्र जीवन से जो विद्यार्थी राजनीतिक जीवन में आता है, वह ज्यादा कर्मठ कर्मशील ईमानदार और जमीन से जुड़ा हुआ व्यक्तित्व माना जाता है| अपने भारत में 2 छात्र संगठन ऐसे हैं जोकि पूरे भारतवर्ष में विद्यार्थी के हित के लिए अपने अपने तरीके से बात करते हैं| उसमें दुनिया के सबसे बड़े छात्र संघ के रूप में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad) को माना जाता है| जिस का स्थापना दिवस आज 9 जुलाई को हर वर्ष भारत में राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस (National Students Day) के रूप में मनाया जाता है|
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की 72वीं स्थापना
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिसका शॉर्ट फॉर्म ( एबीबीपी ) होता है| यह नितांत रूप से भारतीय है | भारतवर्ष के सभी छात्रों के हितों व राष्ट्रीय हित की रक्षा करने के उद्देश्य स्थापित हुआ है| अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का नारा है- ज्ञान शील और एकता | आज हम विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की 72वीं स्थापना के रूप में मनाएंगे | यह संगठन लगातार 72 वर्षों से राष्ट्रीयहित व विद्यार्थी हित में अपना योगदान देता आ रहा है , साथ ही समय-समय पर युवा पीढ़ी को राष्ट्र हित के प्रति अपने दायित्वों का बोध भी कराता है|
आज से तीन दशक पहले अगर छात्र परिषदों का लेखा जोखा देखें तो यह छात्र परिषद ना केवल चरित्र का निर्माण करते थे बल्कि राष्ट्र को एक नई दिशा देने वाले छात्र नेताओं की भी पैदावार इन्हीं संगठनों के माध्यम से होती थी| अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा देश में अनेक राष्ट्रीय स्तर की नेतृत्व को जन्म दिया है|
आगरा में भी अनेक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों ने छात्रों के हित में देशव्यापी आंदोलन में बढ़ चढ़कर भाग लिया है, साथ ही देश की राजनीति में भी काफी हद तक उनका दखल रहा है | मुझे एक नाम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन के रूप में कार्य करने वाले डॉक्टर मुनीश्वर गुप्ता व अधीश ने संगठन को मजबूत करने के लिए बहुत ही मेहनत करी है | 5 जुलाई को अधीश की पुण्यतिथि थी |
देश के तमाम मुद्ंदो जैसे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर समय-समय पर आंदोलन चलाया। बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर भी समय-समय पर आंदोलन करते रहे हैं। संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय हौसबले, पूर्व प्रचार प्रमुख स्व. अधीश कुमार, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, अरुण जेटली, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, म.प्र. के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सांसद प्रज्ञा ठाकुर, इंडिया टीवी के हेड रजत शर्मा आदि विद्यार्थी परिषद से ही यहां तक का सफर करने वाले बड़े नाम हैं।
एबीवीपी का आधिकारिक स्लोगन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं एबीवीपी का आधिकारिक स्लोगन (ABVP official slogan) ज्ञान शील और एकता है| यानी की इस छात्र संगठन और इसके सदस्यों से यह अपेक्षा की जाती है कि यह इन तीनों शब्दों को केवल शब्द ना माने बल्कि इनके गहरे अर्थ को आत्मीय साथ करते हुए इसके प्रति प्रतिबंध रहे| ज्ञान से अपने आप को हमेशा बढ़-चढ़कर सुशिक्षित रखें ,अपने चरित्र को ठंडा रखें और एकता में जो बल है उसकी ताकत को वह समझे तभी एबीपी के अधिकारिक स्लोगन वह संगठन के प्रति आपकी वफादारी रहेगी|
कब हुई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना वर्ष 1948 में हुई थी, लेकिन औपचारिक रूप से इसकी स्थापना 9 जुलाई 1949 को हुई जब इसका पंजीकरण हुआ| इसकी स्थापना छात्रों और शिक्षकों के एक ग्रुप ने मिलकर की थी अपने शुरुआती दौर में इसकी सक्रियता नाम बात की थी लेकिन 1958 में मुंबई के प्रोफेसर यशवंतराव केलकर को इसका मुख्य संयोजक बनाने के बाद इसकी सक्रियता काफी बढ़ गई और इसने देश भर में अपना विस्तार करना शुरू कर दिया| इसीलिए प्रोफ़ेसर यशवंतराव केलकर को ही वास्तविक संस्थापक सदस्य माना जाता है।इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर इकाई अध्यक्ष तक छात्र नहीं शिक्षक होता है, जिससे छात्रों की भीड़ को उचित मार्गदर्शन मिलता रहे, और ज्ञान, शील, एकता के मंत्र से छात्र कार्यकर्ता डिगें नहीं।