फर्जी IPS: फोन पर DCP ट्रैफिक से चालान निरस्त करने का बनाया दवाब, पकड़ा गया

Nitendra Verma Ki Chikoti: हुआ यूं कि यहाँ कि एक युवती की स्कूटी का चालान हो गया । ना भैया चिंता की कउनो बात नहीं है । अरे जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का ।

Written By :  Nitendra Verma
Published By :  Monika
Update:2021-08-20 15:07 IST

नितेन्द्र वर्मा (फोटो : Newstrack)

Nitendra Verma Ki Chikoti: भैया मोहब्बत जो न कराये सो कम है । कोई चाँद तारे तोड़ लाता है तो कोई आसमान जमीन पे ले आता है । लेकिन जो मामला हम आपको बताने जा रहे हैं वो एकदम अलहदा टाइप का है ।

हाँ तो भैया मामला है अपने कानपुर का । तो हुआ यूं कि यहाँ कि एक युवती की स्कूटी का चालान हो गया । ना भैया चिंता की कउनो बात नहीं है । अरे जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का । औ यहाँ तो ये ठहरे कोतवालों के कोतवाल । बस साहब सीधे ट्रैफिक वाले बड़े साहेब को फोन घुमा दिए ।

असल में साहब IPS अफसर थे । IPS भी अईसे वइसे वाले नहीं । यूँ समझिये कि जईसे RAW वाले होते हैं ना एकदम वैसे वाले । सो डायरेक्ट बोल दिए कि मैडम का चालान कैंसल कराइए । ट्रैफिक वाले साहेब सोचे कि इसी बहाने थोड़ा मेलजोल बढ़ा लिया जाये । बैच वैच पूछ बैठे । इत्ते में IPS महोदय लड़खड़ा गये । लेकिन साहेब भी एकदम फुर्सत में बइठे थे । बोले आइये आराम से ऑफिस में चाय की चुस्कियां लेते हुए बात करते हैं ।

IPS महोदय बोले चाय पीते ही नहीं । बाकी सीक्रेट मिशन में अभी अभी लौटे हैं और पैर में गोली घुसी है सो आ न पाएंगे । इतना सुनना था कि साहब एकदम चिंतित हो उठे । तत्काल उनका पता नोट किये और अपने आदमी को गुलदस्ते के साथ भेज दिए । गुलदस्ता तो बताए पते पे पहुँच गया लेकिन अफसर महोदय का अता पता न चला । साहब की चिंता की लकीरें और लम्बी हो गईं । तत्काल क्राइम ब्रांच को काम पे लगा दिए ।

घर पर सीधे मारा छापा 

क्राइम ब्रांच वाले भी खाली बइठे थे । पता ठिकाना ठूँढ के डायरेक्ट छापा मार दिए । अफसर महोदय सकपका गये । पहले तो खूब कलक्टरगंज झाड़े । पोल खुली तो पता चला कि ये तो फर्जी वाले IPS हैं । मल्लब एक फर्जी IPS अफसर को असली IPS अफसर को फोन करना महंगा पड़ गया ।

औ मजे की बात बताएं । ये महोदय फर्जी IPS अफसर होने के अलावा बाकायदा सरकारी मास्टर भी हैं । वाकई बहुत पहुंची चीज हैं ये । एक और बात । ये इससे पहले भी फर्जीवाड़े में अंदर जा चुके हैं । तब मास्टर साहब फर्जी IRS अफसर हुआ करते थे । फ़िलहाल उस केस में जमानत पर चल रहे हैं ।

तो भैया पूरी कहानी का सार ये है कि चालान कैंसल कराने के लिए कभी IPS अफसर को फ़ोन न करें । काहे से कि अफसर को कहीं आपकी चिंता हो गई तो बन बनाया खेल बिगड़ सकता है।

(यह एक व्यंग्य लेख है । इसका मकसद किसी भी रूप में किसी व्यक्ति, जाति, धर्म, सम्प्रदाय, स्थान या पद की छवि खराब करना नहीं है । न ही इसका कोई राजनीतिक मन्तव्य है ।)

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