चोरी करना पाप है, फल-सब्जी चुराना महापाप है, भूल से भी न करें गलती वरना धरती पर नरक दिखाएंगे कनपुरिया

Nitendra Verma Satire: भैया इसमें कोई दोराय नहीं कि चोरी करना पाप है और अगर चोरी फल या सब्जी की हो तब तो महापाप है।

Written By :  Nitendra Verma
Published By :  Shivani
Update:2021-07-20 09:17 IST

नितेंन्द्र वर्मा 

Nitendra Verma Satire: भैया हम फिर आ गये । क्या करें बिना झक्क मारे मन ही नहीं मानता । तो स्वागत करिये हमारा । हम हैं मिस्टर झक्कीलाल बातों बातों में कर देते हैं लाल । हमाई खबरों का अंदाज भी है निराला । सुनते रहिये हाथ में लेके चाय का प्याला । तो बिना देरी किये लड़ाते हैं आज की झक्क...

भैया बड़े बुजुर्ग बताए रहे कि चोरी करना पाप है नदी किनारे साँप है । अब चोरी करना पाप है ये तो समझ में आता है लेकिन नदी किनारे साँप है का भला क्या मतलब निकलता है । ये तो तुकबंदी वाली बात हो गई । अच्छा चलिये मान लिया कि ये साँप वाली बात चोर को डराने भर के लिए की गई है तो भी लोचा है । अगर चोर नदी किनारे रहता ही न हो तो भला सांप उसका क्या उखाड़ लेगा ।

चोरी के आरोप में भीड़ ने युवक को बेरहमी से पीटा

लेकिन भैया इसमें कोई दोराय नहीं कि चोरी करना पाप है और अगर चोरी फल या सब्जी की हो तब तो महापाप है । अपने कानपुर की चकरपुर मंडी में इसी चोरी के चक्कर में कांड हुई गवा । एक व्यापारी को एक लड़के पे शक हो गया कि वो फल औ सब्जी चुरा रहा है । बस फिर क्या था हल्ला मचा तो पूरी सब्जी मंडी इकठ्ठा हो गई । लड़के को देख लोगों का गुस्सा तमतमा के सातवें आसमान तक पहुँच गया । वो तो कहिये कि कुछ समझदार टाइप के लोग मौजूद थे वरना तो गुस्सा आठवें आसमान तक जाने पे अड़ा था ।


सब मिल के बेचारे को जमकर धोए । लेकिन अईसी रूखी सूखी पिटाई से लोगों को कुछ मजा नहीं आया । सोचे कुछ तूफानी करते हैं । बस वहीं दिन दहाड़े सरे बाजार लड़के को नँगा कर दिए । फिर हाथ बांध के बाकायदा पूरी मंडी का राउंड लगवाये । लेकिन इत्ते में कहाँ छकने वाले थे ये लोग । लड़का रोया, गिड़गिड़ाया, रहम की भीख माँगी लेकिन भैया ऐसे कैसे । चोरी किये हो तो सजा तो मिलेगी ।

नग्न कर सब्जी मंडी में निकाला जुलूस 

उल्टा वहां मौजूद सभ्य जनता और नाराज हो गई । फिर जो लात, घूँसे, थप्पड़, लप्पड़ चले हैं कि भैया हाइवे तक हिल गया । सब मिलके पूरी मेहनत, लगन और समर्पण से उसके पुर्जे पुर्जे की तसल्लीबख्श सर्विसिंग किये । कायदे से तो ये लोग जितना मेहनत का काम किये हैं उस हिसाब से इनको कम से कम नेशनल लेवल का कउनो अवार्ड तो मिलना ही चाहिए । अरे जान हथेली पे रख के तो ये कारनामा किये हैं । बॉर्डर पे तैनात एक फौजी भी इससे ज्यादा क्या रिस्क लेता होगा ।

सब कुछ बढ़िया चल रहा था कि कउनो ऊँगली कर गया । इन लोगों की वीरता और शौर्यता के रोमांचकारी पल कैमरे में कैद कर लिए । मतलब वीडियो तो जो बनाये सो बनाये ही उसको वायरल भी कर दिए । जब वायरल हो गया तब पुलिस के दोनों कान खड़े हुए । अब तलाश जारी है कि आखिर पिटा कौन और पीटा कऊन ।

खैर जो होना था सो हो गया । अब तो बस इंसाफ का इंतजार है । बाकी आप सुन रहे थे मिस्टर झक्कीलाल को । इसे लिखा नितेंन्द्र वर्मा ने, सुनाया शौभिक पालित ने और सुना आप सब ने । औ केवल सुनते ही न रहिये । शो अच्छा लगे तो दूसरों को शेयर भी करिये । तो चलते हैं । कल फिर मुलाकात होगी।

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