PM Modi Bharat Ki Takat : देश का विश्वास-देश की शान, संकल्प से सिद्धि के सूत्रधार 'नरेंद्र मोदी'

PM Modi Bharat Ki Takat : राष्ट्र प्रथम और सेवाधर्म के संस्कार लेकर नरेंद्र मोदी जी ने निरंतर परिश्रम, जनसेवा और अपनी क्षमता के बल पर प्रत्येक भूमिका को सफलता से निभाया है।

Written By :  Piyush Goyal
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-10-10 15:00 IST

पीएम मोदी भारत की ताकत (फोटो- सोशल मीडिया)

PM Modi Bharat Ki Takat : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद जी के सपनों के अनुरूप भारत को जगद्गुरु और विश्वशक्ति बनाने की सोच के साथ संकल्पों को सिद्धि तक पहुंचाने का बेजोड़ काम किया है। गुजरात के मेहसाना शहर (Narendra Modi Birth Place)के छोटे से गाँव वडनगर में अभाव में पैदा हुआ एक बालक कैसे साहस, परिश्रम और दूरदर्शी सोच के बल पर दुनिया के लिए रोल मॉडल बन गया, यह मोदी जी की प्रेरक जीवन गाथा सिद्ध करती है। 

युवा अवस्था में नरेंद्र मोदी जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) से जुड़े व 1972 में संघ प्रचारक का दायित्व मिला तो पूरे उत्साह से राष्ट्र और समाज कल्याण के मिशन में जुट गए। महात्मा गांधी के 'ग्राम स्वराज्य' और सरदार वल्लभभाई पटेल की कार्यशैली से प्रेरणा ली। लगातार आगे बढ़ते गए।

135 करोड़ भारतीयों का पीएम मोदी प्रति भरोसा और प्यार

राष्ट्र प्रथम और सेवाधर्म के संस्कार लेकर नरेंद्र मोदी जी ने निरंतर परिश्रम, जनसेवा और अपनी क्षमता के बल पर प्रत्येक भूमिका को सफलता से निभाया है। 13 वर्ष गुजरात के मुख्यमंत्री और पिछले 7 वर्षों से देश के प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जी ने सार्वजनिक जीवन में जनसेवा के दो दशक पूरे कर लिए हैं, जो 135 करोड़ भारतीयों का उनके प्रति भरोसा और प्यार बताता है।   


7 अक्टूबर, 2001 को नरेंद्र मोदी जी ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार सम्भाला। अपने कार्य के बल पर राज्य के विकास पुरुष बन गए। 'गुजरात मॉडल' की देश के अंदर ही नहीं विदेशों में भी बहुत चर्चा हुई। पूरे 13 वर्ष गुजरात में विकास व समृद्धि लाने के साथ-साथ 6 करोड़ गुजरातियों का दिल जीतने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर मोदी की लोकप्रियता लगातार बढ़ती गयी।

भारत की सजग जनता ने अपने नेता को स्वीकारा भी और सराहना भी की। जब प्रधानमंत्री मोदी ने देश का नेतृत्व सम्भाला तो उन्हें विरासत में एक कमजोर अर्थव्यवस्था मिली।॥घोटालों के कारण सरकार जनता का विश्वास खो चुकी थी।

इन सब चुनौतियों को स्वीकारते हुए प्रधानमंत्री ने अपने निर्णायक नेतृत्व और दृढ़ निश्चय का परिचय दिया। सोच यह थी कि बिना भेदभाव के सरकार की योजनाओं का लाभ गरीब से गरीब व्यक्ति को भी मिल जाए। 

सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास (फोटो- सोशल मीडिया) 

"सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास" आज केवल एक नारा बनकर नहीं रह गया । बल्कि कश्मीर से कन्याकुमारी और कामरूप से कच्छ तक एक नए भारत में जीवंत होता दिखाई दे रहा है।

किसी ने नहीं सोचा था कि जम्मू कश्मीर में धारा 370 को हटाया जा सकता है। परंतु राष्ट्र हित में उठाया गया यह कदम केन्द्रशासित जम्मू-कश्मीर राज्य में आज शान्ति, समृद्धि और विकास की एक नयी गाथा लिख रहा है। 


पूरे विश्व को भारत की ताक़त का अदभुत परिचय

देश को कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से बचाने के साथ मोदी के नेतृत्व में आत्मविश्वास और पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करवाये गए। आत्मनिर्भर भारत के नारे को साकार करने का श्रेय प्रत्येक भारतवासी को उतना ही जाता है जितना उनके नेता नरेंद्र मोदी को।

आज देश में 70 प्रतिशत आबादी को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगने के साथ वैक्सीनेशन का आंकड़ा 92 करोड़ तक पहुँच गया है, जो सारी दुनिया को अचरज में डाल रहा है। यह सफलता प्रत्येक डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी के साथ देश की जनता की भी है।


जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच पर अमल कर पूरे विश्व को भारत की ताक़त का अदभुत परिचय दिया। यही नहीं, कोरोना काल में देश भर में लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को राशन और उनके खातों में पैसे पहुंचाने का जो कार्य मोदी ने किया उसे सारी दुनिया ने सराहा है। कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना के अंतर्गत 80 करोड़ जरूरतमंदों को मुफ्त राशन एक साल से अधिक अवधि से दिया जा रहा है। 

 पिछले 7 वर्षों में मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने जनहित से जुड़ी जो विकास योजनाएँ प्रभावी तरीके से लागू की हैं वो सबके सामने हैं। पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन को ज़मीन पर उतारने का काम नरेंद्र मोदी जी ने शुरू करवाया। जनता के कल्याण से जुडी जो दूरगामी योजनायें उन्होंने शुरू की वह कुछ समय के लिए और कुछ लोगों के लिए नहीं बल्कि बड़ी संख्या में एक लम्बे समय के लिए तैयार हुईं।

क्या हम यह कल्पना कर सकते हैं कि अगर बड़ी संख्या में जन धन खाते नहीं खोले गए होते या आधार, डी बी टी और डिजिटल ट्रांजैक्शन बड़े पैमाने पर शुरू ना होते या आयुष्मान भारत के माध्यम से इलाज की सुविधा ना मिल पाती तो कोरोना काल में देश इस संकट से किस तरह जूझता? ऐसा लगता है मानों प्रधानमंत्री देश पर आने वाले संकट से निपटने के लिए पहले ही योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहे थे। 

देश के गाँव और हर गरीब के प्रति संवेदना का प्रमाण

चाहे वह 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान हो या फिर अँधेरे में डूबे देश के 18,000 गांवों में बिजली पहुंचाने का मिशन या फिर धुआंमुक्त रसोई के लिए उज्ज्वला योजना, सभी योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन मोदी द्वारा जनभागीदारी से किया गया।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (फोटो- सोशल मीडिया)

साथ ही किसानों के विकास के लिए पीएम किसान सम्मान निधि, जल जीवन मिशन के माध्यम से 2024 तक हर घर तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य इत्यादि योजनायें प्रधानमंत्री के दूरदर्शी विजन और देश के गाँव और हर गरीब के प्रति संवेदना का प्रमाण हैं।

देश के प्रत्येक वर्ग चाहे किसान हो या जवान, डॉक्टर हो या वैज्ञानिक, खिलाड़ी हो या कलाकार सबके साथ संवाद और सबकी प्रतिभा तथा शक्ति को भारत की प्रगति से जोड़ने का काम नरेंद्र मोदी जी ने किया है।

फोटो- सोशल मीडिया

चुनावी नारों और वादों के बजाय देश के अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, सड़क, संचार, रोटी, कपड़ा, मकान, चूल्हा गैस और शौचालय उपलब्ध करवाने के साथ हर एक के जीवन को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदैव तत्पर दिखाई देते है।

 24 घंटे केवल देश और देशवासियों के विकास के लिए तत्पर 'कर्मयोगी' प्रधानसेवक नरेंद्र मोदी परिश्रम व जन संवेदना के बल पर रात-दिन बिना रुके बिना थके सक्रिय हैं। वैश्विक स्तर पर 135 करोड़ भारतीयों की आशाओं व आकांक्षाओं को पूरा करने में जुटे सर्वप्रिय नेता नरेंद्र मोदी भारत के हर संकल्प को सिद्धि तक पहुँचाने के सूत्रधार बनकर उभरे हैं। 

 (लेखक भारत सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री हैं)

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