उत्तर प्रदेश की सत्ता के खेल में जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने थे तब उनके पास एकाधिक ‘लाइफ लाइन’ थीं। मुलायम, शिवपाल, रामगोपाल और आज़म खान के रूप में। इससे कोई इंकार नहीं कर सकता कि अपने पांच साल के कार्यकाल में अखिलेश ने पूर्वार्ध में अपनी ‘बेचारी’ छवि बनाई और जब तब सहारा लिया इन ‘लाइफलाइनों’ का जबकि जनता यही कहती रही कि बेचारे अखिलेश को ये लोग काम नहीं करने दे रहे हैं और प्रदेश में साढ़े चार मुख्यमंत्री हैं। उत्तरार्ध में उन्होंने अपनी छवि विकास के जरिये बदलने की कोशिश की लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
योगी आदित्यनाथ जब मुख्यमंत्री बने तो उनके पास एक ही ‘लाइफ लाइन’ थी और वह थी ‘हिंदुत्व’ और सिर्फ ‘हिंदुत्व’। अब यह दीगर है कि योगी को मात्र छह माह में में ही इसके इस्तेमाल की आवश्यकता पड़ गयी और अवसर भी मिल गया दीपावली का, इसे इस्तेमाल करने का। अयोध्या में दीपावली का भव्य ‘सरकारी’ आयोजन और उससे पहले सरयू के तट पर भगवान् श्रीराम की विशाल मूर्ति की स्थापना की घोषणा, वह भी प्रदेश में नगर निकाय चुनाव के ठीक पहले दर्शाता है कि सारे संयोग बने नहीं बल्कि बनाये गए हैं।
एक बात तो स्थापित हो चुकी है कि योगी में प्रशासनिक तेवरों का पूर्णतया अभाव है और उनके तरकश में एक ही अमोघ अस्त्र है और वह है -हिंदुत्व। अब देखने वाली बात यह है कि अयोध्या में करोड़ों रुपए की दीपावली मनाने के ‘लाइफ लाइन’ नहीं बचेगी। हो सकता है कि तब तक अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कोई माहौल बन जाये लेकिन ऐसे परिस्थिति का निर्माण योगी जी के हाथ में नहीं होगा, यह निश्चित है।
इसका तात्पर्य सीधा है कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर प्रदेश को लेकर असमंजस में हैं, योगी जी को लेकर बिलकुल सहज नहीं हैं और गुजरात और हिमाचल में विधान सभा चुनावों से पहले हिंदुत्व हाथ में लेकर यलगार बोलने को तत्पर हैं। इस तरह का ‘एग्रेसिव एजेंडा’ योगी काल में पहले ही वर्ष लागू करना पार्टी को कितना लाभ पहुंचाएगा, इसका आकलन तो पार्टी कर ही चुकी होगी लेकिन ‘सबका साथ, सबका विकास’ की परिकल्पना का सच इतनी जल्दी ‘एक्सपोज़’ करने के पीछे कोई महती योजना है, इसका आकलन तो हम सब को करना है।
गौकशी, एंटी-रोमियो से होते हुए ताजमहल को विवाद में लाने, श्रीराम की भव्य मूर्ति स्थापित करने के बाद अयोध्या की दीपावली, ये मुख्यमंत्री योगी का महंत योगी अवतार है या महंत योगी का मुख्यमंत्री योगी अवतार, यह तो समय ही बताएगा। फिलहाल किसानों की कर्जमाफी और 7वें वेतन आयोग के बाद पैसे की कमी से जूझ रहे उत्तर प्रदेश को करोड़ों की अयोध्या दीपावली बहुत बहुत मुबारक हो। जय श्रीराम!
(लेखक न्यूजट्रैक/अपना भारत के कार्यकारी संपादक हैं)