Saif Ali Khan Attack Case: दौलत हारी, सेवा जीती और सैफ बच गए
Saif Ali Khan Attack Case: अपार शोहरत और बेपनाह दौलत के मालिक सैफ हजारों करोड़ की पटौडी रियासत के मालिक हैं। काफी बड़े फिल्म स्टार हैं। उनके पिता विख्यात क्रिकेटर रहे हैं। माता शर्मिला टाइगोर अपने जमाने की बड़ी फिल्म स्टार रही हैं।;
Saif Ali Khan Attack Case Update: मुंबई में फिल्म अभिनेता सैफ अली ख़ान पर उनके घर आधी रात हुए जानलेवा हमले की चर्चाएं ख़ूब हुईं। लेकिन यह बात कोई नहीं कर रहा कि हजारों करोड़ों के मालिक की दौलत शोहरत, फैन फॉलोइंग,पॉश रिहायश और लक्जरी गाड़ियां कुछ काम नहीं आईं। काम आया तो एक गरीब रिक्शे (ऑटो) वाला,उसका छोटा सा पेशा और उससे जुड़ी बड़ी सी सेवा भावना।
अपार शोहरत और बेपनाह दौलत के मालिक सैफ हजारों करोड़ की पटौडी रियासत के मालिक हैं। काफी बड़े फिल्म स्टार हैं। उनके पिता विख्यात क्रिकेटर रहे हैं। माता शर्मिला टाइगोर अपने जमाने की बड़ी फिल्म स्टार रही हैं। सैफ की पत्नी ना सिर्फ चर्चित फिल्म स्टार हैं बल्कि भारत के सबसे बड़े राजकपूर फिल्म घराने की बेटी हैं। वो अपने पिता,दादा की तरफ से से भी हजारों करोड़ की मालकिन हैं। सैफ की बेटी सारा अली खान भी मौजूदा दौर की कामयाब फिल्म एक्ट्रेस हैं।
कुल मिलाकर सैफ के पास बेपनाह दौलत और संसाधन हैं। दुनिया उन्हें पहचानती है, सम्मान देती है। राष्ट्रीय पुरस्कारों सहित उन्हें बड़े से बड़े अवार्डस ने नवाजा जा चुका है। जिधर वो गुजर जाएं वहां उनकी एक झलक देखने के लिए भीड़ लग जाती है। दर्जनों लक्जरी गाड़ियों के मालिक हैं। उनके परिवार में आधा दर्जन ड्राइवर मुलाज़िम हैं।
बीते दिनों आधी रात एक संदिग्ध ने सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर आधी रात उनपर चाकुओं से जानलेवा हमले किए। खूब खून निकल रहा था। घर से करीब तीन-चार किलोमीटर ही बड़ा अस्पताल था। ऐसे ही खून निकलता रहता और वो अस्पताल नहीं पहुंच पाते तो शायद उनकी जान नहीं बचती। तीन-चार किलोमीटर की दूरी तय करके जान बचाने के लिए अस्पताल तक पंहुचने का छोटा सा सफर तय करने के लिए कुछ काम नहीं आया। ना हजारों करोड़ की दौलत ना अपार शोहरत। ना पटौडी रियासत, ना ग्लैमर और ना ससुराल पक्ष का नामी-गिरामी कपूर खानदान।आसपास रहने वाले बड़े लोग भी काम नहीं आए। सुविधा सम्पन्न दौलतमंद पड़ोसियों की भी मदद नहीं मिल सकी। इत्तेफाक कि करोड़ों की लक्जरी गाड़ियां भी नहीं काम आ सकीं।
रात तकरीबन तीन बजे एक रिक्शेवाले की सेवा भावना भगवान बन दरवाजे के दहलीज तक पहुंच गई। एक गरीब रिक्शे (आटो) वाले ने हजारों करोड़ के मालिक पर उस वक्त असहाय, लाचार रक्तरंजित सैफ अली खान को मौत के मुंह से निकाल कर ज़िन्दगी की गोद (अस्पताल) तक पंहुचा दिया।
ये हकीकत साबित करती है कि हर जगह दौलत, सम्पत्ति,नवाबी ठाठ,शोहरत और रसूख काम नहीं आता।अमीरी गरीबी, बड़ा आदमी छोटा आदमी, खास और आम में कोई फर्क नहीं। सब अल्लाह/भगवान के बंदे हैं। कब कौन किसके काम आ जाए,कुछ नहीं कहा जा सकता।
ये भी सच है कि कर्म ही धर्म होता है। कोई भी पेशा,प्रोफेशन या काम छोटा बड़ा नहीं होता। पेशा सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं सेवा भावना के लिए भी होता है। संवैधानिक और जायज़ हर पेशे के पीछे सेवा भावना भी होती है। ‘कर्म ही पूजा है’, यानी सेवा भाव वाले प्रत्येक धंधे से ना सिर्फ हम अपना पेट भरते हैं। बल्कि ख़ुदा की इबादत या भगवान की आराधना भी करते हैं। बड़े बड़े पेशेवर जो मानवीय सेवा कर सकते हैं, उससे अधिक कथित छोटे पेशेवर कर दिखाते हैं। डाक्टर आपकी जान बचाता है, इंजीनियर आपके भौतिक साधनों की सेवा देता है। लेकिन ये इन पेशों का सेवाभाव ज्यादा महत्वपूर्ण है। डाक्टर और इंजीनियर जैसे सम्पूर्ण पेशेवर भले ही आपके लिए महत्वपूर्ण हैं। लेकिन ये आप से बड़ी फीस लेकर बड़ा काम करते हैं। किंतु कथित छोटे काम का पेशेवर कम पैसा लेकर बड़ा काम करता है। पंचर बनाने वाले से लेकर रिक्शा चलाने वाला, किसान,मजदूर, मेहनतकश, सफाईकर्मी बहुत कम पैसा लेकर आपकी जिंदगी के बड़े कामों को अंजाम देता है।
हम अकसर सड़क पर या सोशल मीडिया पर किसी रिक्शे या ऑटो वाले को किसी दबंग द्वारा पिटते हुए देखते हैं।
अब जब ऐसा दृश्य दिखेगा तो अभिनेता सैफ अली खान की जान बचाने वाले ऑटो वाले की अहमियत और उनकी सेवा की ताकत नजरों के सामने आ जाएगी।