UP Election 2022: प्रियंका के लिए यूपी चुनाव बाद बड़ी भूमिका की संभावना

प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की राजनीति मे लगभग दो साल पहले ही सक्रियता से आगे आईं, क्योंकि यह स्पष्ट होता जा रहा था कि अन्य विपक्षी दल उस गंभीरता से लोकहित के मुद्दे नहीं उठा पा रहे जैसा अपेक्षित था।

Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-01-13 10:37 GMT

कांग्रेसी नेता और प्रियंका गांधी (फोटो- सोशल मीडिया)

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश मे पिछले कुछ वर्षों से क्षेत्रीय दलों का वर्चस्व बना रहा जिसके कारण बड़े राष्ट्रीय दलों को सहयोगी की भूमिका से ही संतुष्ट रहना पड़ा। लेकिन आगामी विधान सभा चुनाव मे काँग्रेस को एक प्रमुख दावेदार के रूप में उभर गई है, जिसका श्रेय पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को जाता है।

प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की राजनीति मे लगभग दो साल पहले ही सक्रियता से आगे आईं, क्योंकि यह स्पष्ट होता जा रहा था कि अन्य विपक्षी दल उस गंभीरता से लोकहित के मुद्दे नहीं उठा पा रहे जैसा अपेक्षित था। जिस समय वे उत्तर प्रदेश के अभियान में उतरी उस समय देश का ध्यान कोविड महामारी की ओर था।

भविष्य के चुनावों में स्टार प्रचारक के रूप में

फिर भी हाथरस और सोनभद्र मामले को जोरदार तरीके से उठाकर उन्होंने अपने विरोधी खेमे को अपनी ताकत का अहसास करा दिया। जिस समय लोग कोरोना संक्रमण के कारण अपने अपने प्रदेशों को लौट रहे थे, तो उस दौरान उन्हें उनके घरों तक भेजने के लिए प्रियंका ने बसों का इंतजाम कराकर प्रभावित लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने की पेशकश की।

जिस प्रकार लखीमपुर खीरी घटना के बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश में इस मामले को उठाया वह कांग्रेस के लिए खास रहा है। प्रियंका की सक्रियता का फायदा भी आगामी विधानसभा चुनावों में मिल सकता है। पार्टी उन्हें भविष्य के चुनावों में स्टार प्रचारक के रूप में देख रही है और उनका "लड़की हूं, लड़ सकती हूं" भी नायाब है।

राजनीतिक विश्लेषकों को भी लगता है कि उत्तर प्रदेश चुनावों के बाद कांग्रेस को प्रियंका गांधी को एक बड़ी भूमिका की पेशकश करनी होगी। यह इस लिहाज से भी जरूरी है क्योंकि जो नेता राहुल गांधी के साथ तारतम्य रखने में अपने आपको असहज मानते हैं, वे अपनी बात प्रियंका गांधी से खुले मन से कहते हैं, ऐसा पार्टी के लोग कहते हैं।

इसके अलावा असंतुष्ट नेताओं को साधने में भी वह मुख्य भूमिका निभा सकती हैं। कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों को यह भी प्रतीत होता है कि प्रियंका गांधी पार्टी के भीतर संकटमोचक बन कर उभर रही है। तमाम बड़े निर्णयों में प्रियंका की राय-शुमारी की जा रही है।

इस संभावना को इससे बल मिलता है कि प्रियंका पार्टी के भीतर भी असंतोष को दबाने में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। संभवतः यही वजह है कि कांग्रेस नेता अब उनके पास फरियाद लेकर भी पहुंच रहे हैं। पार्टी भीतर ऐसे कयास लग रहे हैं कि प्रियंका को उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव बाद कोई बड़ी भूमिका दी जा सकती है।

काँग्रेस पार्टी द्वारा कुछ समय पहले पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने महिलाओं के लिए अलग से कांग्रेस का घोषणापत्र जारी किया था। 'शक्ति विधान' नाम से जारी इस घोषणा पत्र में सरकारी नौकरियों में 40 प्रतिशत आरक्षण के साथ-साथ महिलाओं के स्‍वाभिमान, स्‍वालम्‍बन, शिक्षा, सम्‍मान, सुरक्षा और सेहत के लिए कई महत्‍वपूर्ण ऐलान किए गए। आगे चल कर काँग्रेस में प्रियंका को एक बड़ी भूमिका मिले तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

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