Mission Shakti Navratri 2023: नवरात्रि पर मिशन शक्ति के माध्यम से नारी सशक्तिकरण

Mission Shakti Navratri 2023:प्रत्येक सनातनी की भांति प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी नवरात्रि में नौ दिनों का व्रत रखते हैं और गोरखनाथ पीठ में परम्परानुसार कन्या पूजन करते हैं।

Written By :  Mrityunjay Dixit
Update:2023-10-18 15:54 IST

Mission Shakti on Navratri 2023  (photo: social media )

Mission Shakti Navratri 2023: नारी सुरक्षा तथा नारी सम्मान को बढ़ावा देने एवं स्त्रियों को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने के उद्देश्य से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में नवरात्रि के पावन अवसर पर विगत तीन वर्षों से मिशन शक्ति का आयोजन किया जाता है। इस नवरात्रि पर योगी सरकार ने मिशन शक्ति अभियान के चतुर्थ चरण का श्रीगणेश किया।

प्रत्येक सनातनी की भांति प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी नवरात्रि में नौ दिनों का व्रत रखते हैं और गोरखनाथ पीठ में परम्परानुसार कन्या पूजन करते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ न केवल कन्या पूजन करते हैं । वरन प्रदेश की बेटियों का जीवन सुरक्षित, समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए भी वह संकल्पवान हैं। योगी की इच्छा है कि मां दुर्गा के नौ रूपों के अनुरूप ही प्रदेश की बेटियां का जीवन भी हो और उन्हें पर्याप्त आदर व सम्मान मिले।

मिशन शक्ति अभियान

योगी सरकार के मिशन शक्ति अभियान और उनके द्वारा की जा रही कन्या पूजन के कारण प्रदेश का विपक्ष भी दबाव का अनुभव कर रहा है। इसी दबाव को कम करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने भी नरम हिंदुत्व का नकली चोला ओढ़कर कन्या पूजन करवाने का फैसला लिया है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा महिलाओं व बेटियां के लिए चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की सफलता से प्रेरित होकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने पिछले चुनावों में “मैं लड़की हूं लड़ सकती हूं” का नारा भी दिया था । किंतु कथनी और करनी के विरोधाभासों के चलते यह नारा बुरी तरह विफल रहा।


संसद व विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाले नारी शक्ति वंदन अधिनियम -2023 के पारित हो जाने के बाद अब भाजपा ने हर विधानसभा क्षेत्र में बड़ा सम्मेलन करने की योजना बनाई है । वहीं मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं व बेटियों के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का प्रसार करने का अभियान भी चलाया जा रहा है। योगी सरकार आने के बाद प्रदेश में महिलाओं व बेटियों की सुरक्षा के लिए विविध योजनायें प्रारम्भ की गई हैं और उनका सुचारु संचालन भी किया जा रहा है।

सरकार की विभिन्न योजनाओं का परिणाम है कि आज प्रदेश में महिलाओं की आय पहले से अधिक हो गई है। विगत वित्त वर्ष में जुलाई से सितंबर के मध्य ग्रामीण महिलाओं की आय 8,936 रुपये थी। जो अप्रैल से जून 23 के बीच 20 हजार से अधिक हो गई है। केंद्र सरकार के पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे में उत्तर प्रदेश में महिलाओं की आय में लगातार वृद्धि हो रही है। ग्रामीण महिला श्रम बल भागीदारी दर के अनुसार वर्ष 2018- 19 में यह दर लगभग 20 प्रतिशत थी जो बढ़कर 2022 -23 में यह दर 56 फीसदी तक पहुंच गई है।

स्वास्थ्य से सम्बंधित योजना

मिशन शक्ति के चतुर्थ चरण में सरकार ग्रामीण और शहरी महिलाओं को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आजीविका गतिविधियों से जोड़ने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। मिशन के चतुर्थ चरण को महिला स्वास्थ के प्रति समर्पित किया गया है। इसमें महिलाओं को उनके स्वास्थ्य से सम्बंधित योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। 30 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को मधुमेह, उच्च रक्तचाप, स्तन व सर्वाइकल कैंसर का निःशुल्क परामर्श दिया जा रहा है। प्रदेश की कुपोषित बालिकाओं के लिए विशिष्ट पोषण पुनर्वास केंद्र बनाने का भी फैसला लिया गया हे।


मुख्यमंत्री योगी प्रदेश की बेटियों की सुरक्षा को लेकर बहुत ही सचेत तथा कठोर हैं । वह कई अवसरों पर वह स्पष्ट संदेश दे चुके हैं कि प्रदेश की सीमा के अंदर अगर कोई भी व्यक्ति हमारी बहिन बेटियो की सुरक्षा में किसी भी प्रकार से सेंध लगाने का प्रयास करेगा तो ऐसे तत्वों को अगले चौराहे पर यमराज प्रतीक्षा करता मिलेगा। योगी की चेतावनी का असर भी दिखाई पड़ा है। सरजू एक्सप्रेस में महिला पुलिसकर्मी से अभद्रता व छेड़छाड़ करने वाले बदमाशों का एनकाउंटर किया गया। बेटियों की सुरक्षा के लिए योगी सरकार ने पहली बार ही अपनी पहली ही बैठक में एंटी रोमियो स्कवायड का गठन किया था । जिसकी तत्परता से अब तक सैकड़ों शोहदों को दबोचा जा चुका है। एंटी रोमियो स्क्वायड शोहदों पर कहर बनकर टूटा है। लव जिहाद की शिकार बेटियां को बचाने के लिए भी पुलिस अब तत्परता से कार्यवाही कर रही है। योगी सरकार की ओर से प्रदेश की बेटियों, महिलाओं और बुजुर्गों की सुरक्षित यात्रा के लिए परिवहन विभाग की सिटी बसों में सीसीटीवी कैमरे के संग पैनिक बटन भी लगाये जा रहे हैं।

मिशन शक्ति अभियान का श्रीगणेश करते समय मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मिशन शक्ति के कारण अपराधियों पर लगाम लगाने व उनको सजा दिलाने में सफलता मिली है। महिला आरक्षी दल को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2020 में नारी सम्मान, सुरक्षा व स्वावलंबन को लेकर मिशन शक्ति अभियान की शुरुआत की गई थी। इसके तहत प्रदेश पुलिस में 20 प्रतिशत महिला कर्मियों की भर्ती को सुनिश्चित किया गया था। 1947 से लेकर 2017 तक यूपी पुलिस में महिला कार्मिक दस हजार के आसपास थीं जो अब बढ़कर 40 हजार हो गई हैं।योगी ने कहा कि अब महिला बीट गांव- गांव जाकर महिलाओं को जागरूक करने का भी काम करेंगी।

महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक कराना 

मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत प्रदेश भर में महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरुक करने का अभियान चलाया जा रहा है। बाल अधिकार सप्ताह, शक्ति संवाद, स्वावलंबन कैंप और मिशन कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है।प्रदेश में निराश्रित व विधवा महिलाओं को दी जा रही पेंशन का भी व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।प्रदेश में गरीब परिवारों की बेटियां का विवाह करवाया जा रहा है। वहीं प्रदेश की बेटियों को स्नातक तक की पढ़ाई के लिए 15 हजार रुपये की धनराशि सरकार की ओर से दी जा रही है। बेटियां की सुरक्षा के लिए जगह -जगह पिंक बूथ बनाये गये हैं। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगलम योजना के लिए करोड़ों रुपये की व्यवस्था की जाती है। महिलाओं व बेटियों को ध्यान में रखते हुए रष्ट्रीय पोषण अभियान कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। स्कूल -कालेजों में बेटियों को स्वतः सुरक्षा के गुर भी सिखाये जा रहे हैं जैसे जूडो- कराटे आदि। कालेजों में बेटियां को सुरक्षित रहने के लिए उनके कानूनी अधिकारों के बारे में भी बताया जा रहा है।


केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल से जल योजना का लाभ गरीब महिलाओं का मिल रहा है । जिन्हें काफी दूर से जल लाना पड़ता था। आज प्रदेश में तीन तलाक पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को भी उनके भरण पोषण के लिए पेंशन दी जा रही है।

योगी के नेतृत्व में नए भारत का नया उत्तर प्रदेश सफलता की नई कहानी कह रहा है। प्रदेश की महिलाओं को अब सरकार की हर योजना का लाभ शत प्रतिशत पारदर्शी रूप से मिल रहा है। केंद्र की “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” योजना के अंतर्गत यूपी में 1.90 करोड़ बेटियों को जागरुक किया गया। मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत 8.99 करोड़ महिलाओं को जागरुक किया जा चुका है। प्रदेश में 1,89,014 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं और अब इन सभी केंद्रों में कुपोषण मिटाने के लिए निःशुल्क पका भोजन भी प्राप्त होने जा रहा है।प्रदेश में महिला कल्याण के लिए अब तक 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाये गये हैं और उनमें एक करोड़ महिलाओं को जोड़ा गया है। पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत दो लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। योगी सरकार आने के बाद प्रदेश में सरकारी नौकरियों में अब तक डेढ़ लाख से अधिक महिलाओं को नौकरी प्राप्त हो चुकी है। आज प्रदेश की बेटियां जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की नई कहानियां गढ़ रही हैं।अभी एशियाई खेलों में भी प्रदेश की बेटी पारुल चौधरी ने स्वर्ण पदक जीतकर कीर्तिमान रचा। वहीं भारत के चंद्रयान की सफलता में लखनऊ की डा रितु ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।

हमारे ग्रंथों में कहा गया है कि ”यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता” अर्थात जहां नारियों का सम्मान होता है।वहां देवताओं का निवास होता है। आज यही कार्य प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। उप्र सरकार ने मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के साथ मिशन शक्ति के रूप में सामाजिक संदेश का जो माध्यम चुना है उसका सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है। आज प्रदेश की सभी महिलाएं व बेटियां अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रही हैं और कह रही हैं कि ”यूपी में योगी हैं तो डर काहे का।”

( लेखक पत्रकार है।)

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