अमर सिंह ने RSS से जुड़ी संस्था को क्यों दान कर दी करोड़ों की सम्पत्ति? यहां जानें

राज्यसभा सांसद अमर सिंह का आज अपराह्न निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका देहांत सिंगापुर में हुआ। पिछले कई सालों से वह बीमार चल रहे थे। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद से उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता गया।

Update:2020-08-01 18:57 IST

नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद अमर सिंह का आज अपराह्न निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनका देहांत सिंगापुर में हुआ। पिछले कई सालों से वह बीमार चल रहे थे। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद से उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता गया।

एक जमाने में वह दिल्ली के पावरफुल नेताओं में थे। वह काफी समय तक मुलायम सिंह के करीबी रहे। पिछले दिनों उनके निधन की झूठी खबर चल जाने पर उन्होंने जिंदादिल इंसान की तरह कहा था ‘टाइगर जिंदा’ है।

लगभग सभी दलों में अमर सिंह के मित्र थे। 90 के दशक की राजनीति उनके ही इर्द-गिर्द घुमा करती थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी उनके अच्छे रिश्ते थे।

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संघ से जुड़ी इस संस्था को अमर सिंह ने दान की थी करोड़ों की सम्पत्ति

अमर सिंह की पहचान एक मददगार के तौर पर होती है। बॉलीवुड से लेकर राजनीति और बिजनेस हर जगह पर उन्होंने जरूरत पड़ने पर लोगों की दिल खोलकर मदद की थी। सभी क्षेत्रों में उनके चाहने वाले लोग थे वे अपने हाजिर जवाबी और सदैव हसंकर जवाब देने आगे भी जाने जाते रहेंगे।

अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में उन्होंने कई नेक काम किए। जिसके लिए उनकी मौत के बाद भी उन्हें हमेशा ही याद किया जाएगा। बताते चलें कि अमर सिंह ने आजमगढ़ स्थित अपनी पैतृक संपत्ति राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी संस्था सेवा भारती संस्थान के नाम कर दी थी।

अमर सिंह ने अपने स्वर्गीय पिता की याद में उनकी संपत्ति सेवा भारती के नाम पर किया था। जब से उनके पिता की मौत हुई थी, तभी से उनका यह घर खाली रहता था। दान की गई संपत्ति की कीमत करीब 15 करोड़ आंकी गई थी।

तब अमर सिंह ने कहा था मेरे स्वर्गीय पिता की याद में मेरी संपत्ति को देकर, मैंने समाज की सेवा के प्रयासों में योगदान करने की कोशिश की है। संघ बड़ी संस्था है। उसे कुछ दान देना बहुत छोटी बात होगी।

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अंतिम दिनों में बीजेपी से बढ़ने लगी थी नजदीकियां

इसे अमर सिंह का प्रभाव कहे या फिर उनकी बात करने की शैली, जो भी उनके पास आया उनका होकर रह गया। जबकि कुछ ऐसे भी लोग रहे जो बाद में उनसे दूर होते चलें गये। अमर सिंह के पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव सभी से मधुर सम्बन्ध रहे हैं। अमर सिंह ने जब आरएसएस से जुड़ी संस्था को इतनी बड़ी सम्पत्ति दान की थी तो कुछ लोगों ने उनके इस कदम पर जमकर आलोचना की थी।

कुछ लोगों ने कहा था कि वह इस कदम से बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं। उनको नजदीक से जानने वाले कहते हैं कि अमर सिंह की पूरी राजनीतिक पारी आरएसएस के खिलाफ रही है। वे आरएसएस को सांप्रदायिक बताते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से उनका झुकाव आरएसएस के तरफ हुआ है।

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