नदवी अपना रुख बदल लें तो बोर्ड में हो सकती है पुन: वापसी : अरशद मदनी
श्री श्री रविशंकर से मुलाकात कर बाबरी मस्जिद को अयोध्या से किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने की बात कहने पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निशाने पर आए मौलाना सलमान नदवी कीे बोर्ड ने सदस्यता भंग कर दी है, लेकिन अभी उनकी वापसी के रास्ते पूरी तरह बंद नहीं हुए हैं। बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य एवं जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि अग
सहारनपुर: श्री श्री रविशंकर से मुलाकात कर बाबरी मस्जिद को अयोध्या से किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने की बात कहने पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निशाने पर आए मौलाना सलमान नदवी कीे बोर्ड ने सदस्यता भंग कर दी है, लेकिन अभी उनकी वापसी के रास्ते पूरी तरह बंद नहीं हुए हैं। बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य एवं जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि अगर मौलाना नदवी अपना रुख बदलते हुए बोर्ड के निर्णय के साथ आ जाएं तो उन्हें एक बार फिर बोर्ड सदस्य के रूप में स्वीकार किया जा सकता है।
देश में मुसलमानों की सबसे बड़ी तंजीम जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष एवं आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना अरशद मदनी ने सोमवार को एक बातचीत में कहा कि मौलाना नदवी के खिलाफ जो कार्रवाई हुई है वह बोर्ड के निर्णय के खिलाफ जाने के कारण हुई है।
अगर मौलाना सलमान अपना रुख बदल बोर्ड के फैसले को मानते है तो उनकी बोर्ड में वापसी मुमकिन है। कहा कि मैं नहीं समझता कि अगर उन्हें समझाया जाता और बैठाकर बातचीत की जाती तो वह अपनी राय पर कायम रहते।
कहा कि मौलाना सलमान से गलती यह हुई है कि वह अपनी राय पर कायम रहते हुए मीडिया के सामने पहुंच गए या उन्हें मीडिया के सामने पेश कर दिया गया। मीडिया के सामने उन्होंने जो बयान दिया वह गलत था। मदनी ने कहा कि जो कुछ हुआ वह बहुत बुरा हुआ क्योंकि मौलाना नदवी लंबे समय से बोर्ड के सदस्य रहे हैं।
मदनी ने दो टूक कहा कि अगर नदवी मीडिया के सामने न जाते और जज्बात में आकर बयान न देते तो उनके खिलाफ शायद यह कार्रवाई न हुई होती। मौलाना ने कहा कि मेरा मानना है कि अगर नदवी अब भी अपना रुख बदल लें और बोर्ड के निर्णय पर सहमत हो जाएं तो उनकी बोर्ड में पुन: वापसी हो सकती है।