फाइनल के पहले एक और सेमीफाइनल को तैयार सत्ता पक्ष और विपक्ष
यूपी में डेढ़ साल बाद होने वाले आम चुनाव के पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच एक और मुकाबला होने जा रहा है। पड़ोसी राज्य बिहार के साथ यूपी की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा होने से प्रदेश का सियासी पारा बढ़ गया हैं।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: यूपी में डेढ़ साल बाद होने वाले आम चुनाव के पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच एक और मुकाबला होने जा रहा है। पड़ोसी राज्य बिहार के साथ यूपी की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा होने से प्रदेश का सियासी पारा बढ़ गया हैं। सत्ता पक्ष अपने विकास कार्यो के सहारे इन उपचुनाव को लेकर आश्वस्त हैं वहीं विपक्ष सरकार की जनविरोधी नीतियों, जातीय उत्पीड़न और बिगडी कानून व्यवस्था के खिलाफ सत्ता पक्ष को पटकनी देने को तैयार है। इससे पहले पिछले साल जब अक्टूबर में एक साथ 11 सीटों पर उपचुनाव हुए थें तो उसमें मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी का परफारमेंस बेहतरीन कहा गया था। इस उपचुनाव में भाजपा-अपना दल को आठ, समाजवादी पार्टी को तीन और बहुजन समाज पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी।
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सपा के लिए बेहतर तो बसपा के लिए अशुभ साबित हुए थें
इससे पहले जब पिछले साल अक्टूबर महीने में उपचुनाव हुए थें तो वह समाजवादी पार्टी के लिए बेहतर तो बहुजन समाज पार्टी के लिए अशुभ साबित हुए थें। सपा ने रामपुर, जलालपुर और बाराबंकी की जैदपुर सीट पर जीत दर्ज कर मुख्य विपक्षी दल का तमगा हासिल किया था। बसपा को इस चुनाव में अपनी जलालपुर सीट भी गंवानी पड़ी थी।
कुल 11 सीटों के उपचुनाव में भाजपा ने लखनऊ कैंट, कानपुर की गोविंदनगर, सहारनपुर की गंगोह, बहराइच की बलहा, मऊ की घोसी, प्रतापगढ़ सदर, अलीगढ़ की इगलास और चित्रकूट की मानिकपुर विधानसभा सीट पर जीत हासिल कर भविष्य के संकेते दे दिए थे। खास बात ये रही कि 11 में से 5 सीटों पर सपा दूसरे नंबर पर रही, वहीं बसपा और कांग्रेस दो-दो सीटों पर दूसरे नंबर पर रहीं। इन उपचुनाव में भाजपा 35.64, सपा 22.61, बसपा 17.02, कांग्रेस 11.49 तथा अन्य को 10.56 प्रतिशत मत हालिस हुए थे।
उपचुनाव के कुछ महीने पूर्व समाजवादी पार्टी के साथ गठबन्धन कर लोकसभा चुनाव लडने वाली बहुजन समाज पार्टी 10 सीटें जीतने के बाद भी उपचुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई। बल्कि उसने अपनी जलालपुर सीट भी उसने गंवा दी थी।
यूपी की जिन आठ सीटों पर उपचुनाव होने हैं
अब यूपी की जिन आठ सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उसमें से छह भारतीय जनता पार्टी और दो समाजवादी पार्टी के कब्जे वाली सीटे हैं। इन आठ सीटों में फीरोजाबाद की टूंडला सीट भारतीय जनता पार्टी के डॉ. एसपी सिंह बघेल के त्यागपत्र देने से रिक्त है, जबकि रामपुर की स्वार सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम के जन्मतिथि विवाद में निरस्त हुई। वहीं उन्नाव की बांगरमऊ से भारतीय जनता पार्टी के कुलदीप सिंह सेंगर जीते थे।
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इस समय वह जेल में हैं जिसके कारण यहां चुनाव कराया जाना है। इसी तरह जौनपुर के मल्हनी क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव देवरिया सदर से भारतीय जनता पार्टी के जन्मेजय सिंह और बुलंदशहर से भारतीय जनता पार्टी के वीरेंद्र सिरोही के निधन के कारण रिक्त हैं, जबकि कानपुर की घाटमपुर सीट भारतीय जनता पार्टी की कमल रानी वरुण और अमरोहा की नौगावां सादात भारतीय जनता पार्टी के चेतन चौहान की कोरोना वायरस के संक्रमण के निधन से रिक्त हुई है।
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