दलित वोट के लिए विधानसभा चुनाव में होगा बीजेपी, कांग्रेस में घमासान

Update:2016-02-05 17:47 IST

Vinod Kapoor

लखनऊ: यूपी में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में दलित वोट के लिए बीजेपी, बसपा और कांग्रेस में घमासान होने की पूरी संभावना दिखाई दे रही है। पिछले 20 साल से दलित वोट पर बसपा का एकाधिकार रहा है। इसके पहले ये कांग्रेस के खाते का वोट था। अब यूपी में सत्ता पाने की छटपटाहट में बीजेपी ने इस बड़े लगभग 27 प्रतिशत वोट पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं।

पीएम ने की शुरुआत

यूपी में इसकी शुरुआत पीएम नरेन्द्र मोदी ने की क्योंकि पार्टी जीत की पूरी उम्मीद उन्हीं पर लगाए है। ये और बात है कि दिल्ली और बिहार के विधानसभा चुनाव में मोदी का जादू नहीं चल सका। पीएम बनने के बाद मोदी 22 जनवरी को पहली बार लखनऊ आए और भीमराव अंंबेडकर विश्वविधालय के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने के साथ काल्विन तालुकदार कॉलेज में ई रिक्शा बांटने के साथ अंबेडकर महासभा भी गए। उनकी अस्थि कलश पर फूल चढ़ाए। ये भी देखा गया कि ज्यादातर ई रिक्शा दलितों को ही बांटे गए, हालांकि अंबेडकर विश्वविधालय में मोदी को रोहित वेमूला की आत्महत्या के मामले में विरोध का भी सामना करना पड़ा लेकिन पीएम ने यूपी में दलित राजनीति को एक बार फिर हवा दे दी है।

मायावती ने मोदी पर किया पलटवार

दलित राजनीति को हवा मिलने के बाद बसपा प्रमुख मायावती को तुरंत सामने आना पड़ा। उन्होंने पीएम के दलित प्रेम को ढकोसला करार दिया। मायावती ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को दलितों का दुश्मन बताया। मायावती ने कहा बीजेपी और मोदी को दलितों से इतना ही प्रेम है तो प्रोमोशन में आरक्षण को जल्द मंजूर करें।

22 को फिर यूपी आएंगे पीएम

पीएम इस महीने की 22 तारीख को रविदास जयंती में हिस्सा लेने फिर यूपी आ रहे हैं। वह रविदास की जन्मस्थली वाराणसी में होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इस संबंध में रविदासिया समाज के प्रमुख प्रचारक मनदीप दास ने उनसे मुलाकात की थी। उनके साथ केन्द्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत और विजय सांपला भी थे। इस कार्यक्रम के लिए बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह को भी आमंत्रित किया गया था लेकिन पीएम के आने के कारण उनका आना स्थगित हो सकता है ।

कांग्रेस के भी रहे हैं ये वोट बैंक

कांग्रेस भी अब यूपी में अपना अस्तित्व बचाए रखने तथा पुराना रसूख पाने के लिए जूझ रही है। यूपी में दलित ब्राहम्ण और मुस्लिम कांग्रेस के खास वोट बैंक माने जाते थे। अयोध्या आन्दोलन में ब्राहम्ण और मुस्लिम वोट कांग्रेस से छिटक गए तो दलितों का वोट बैंक मायावती ले उडीं। कांग्रेस अब दलितों के 27 प्रतिशत वोट पर नजर गड़ाए है।

कांग्रेस करेगी दलित कांक्लेव का आयोजन

18 फरवरी को लखनऊ में दलित कांक्लेव का आयोजन किया गया है जिसमें उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी हिस्सा लेंगे। कांग्रेस दलित वोट हासिल करने के लिए भीम ज्योति यात्रा भी निकाल रही है। इसे पार्टी का दलितों के दरवाजे पर दस्तक देना माना जा रहा है। यात्रा के सूत्रघार पुराने नौकरशाह और अनुसूचित जाति के अध्यक्ष पी एल पुनिया हैं।

प्रोमोशन में आरक्षण का उठेगा मुद्दा

कांक्लेव में हिस्सा लेने के लिए दलित समाज के सात सौ से ज्यादा लोगों को न्योता भेजा गया है। कांक्लेव में दलित उत्पीड़न की बढ़ रही घटनाओं के अलावा प्रोमोशन में आरक्षण का मुद्दा भी उठाया जाएगा। पुनिया बसपा का नाम लिए बिना कहते हैं कि दलितों के ठेकेदार बने दलों की पोल खुलने लगी है और दलितों में कांग्रेस के खिलाफ किए गए दुष्प्रचार की परत भी उखड़ रही है। दलितों का वोट किस खाते में जाएगा ये तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में ही पता चलेगा लेकिन राजनीतिक दलों ने उनके महत्व को तो अभी बढ़ा ही दिया है।

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