BJP: लोकसभा 2024 को लेकर चित्रकूट में भारतीय जनता पार्टी का मंथन, 29 से 31 जुलाई तक इन मुद्दों पर बनेगी रणनीति
BJP: उत्तर प्रदेश में लगातार बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच भारतीय जनता पार्टी अब मिशन 2024 को लेकर बुंदेलखंड में एक बड़ी बैठक करने जा रही है. 29 से 31 जुलाई तक ये बैठक धर्मनगरी चित्रकूट में होगी.
Bharatiya Janata Party: उत्तर प्रदेश में लगातार बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच भारतीय जनता पार्टी अब मिशन 2024 को लेकर बुंदेलखंड में एक बड़ी बैठक करने जा रही है. 29 से 31 जुलाई तक ये बैठक धर्मनगरी चित्रकूट में होगी. जहां राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ ही प्रदेश के तमाम छोटे-बड़े नेता, जिलों के पदाधिकारी शामिल होंगे. इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर सभी कैबिनेट और राज्य मंत्री भी मौजूद रहेंगे. प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व एक साथ बैठक कर 2024 में कैसे ज्यादा से ज्यादा सीटें जीती जाए इस पर भी चर्चा होगी. क्योकि मिशन 2024 के लिए उत्तर प्रदेश में 80 का टारगेट रखा है.
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में यूपी के बदलते सियासी घटनाक्रम के साथ ही जिन जातियों में बीजेपी की पकड़ कमजोर है, मसलन गैर यादव ओबीसी, गैर जाटव दलित को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी कि इन्हें कैसे बीजेपी के साथ ज्यादा से ज्यादा संख्या में जोड़ा जाए. पार्टी नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं से भी इस संबंध में सुझाव भी मांगे गए हैं. दरअसल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से ऐतिहासिक जीत।
उसके बाद लोकसभा उपचुनाव में रामपुर, आजमगढ़ में हुई की जीत से बीजेपी के हौसले बुलंद हैं. इस जीत के बाद जहां सपा गठबंधन में दरार पड़ी है वहीं बीजेपी ने सपा के गढ़ में कब्जा कर या संदेश दे दिया उत्तर प्रदेश में फिलहाल अभी भारतीय जनता पार्टी का कोई विकल्प नहीं है, जनता उनके साथ है. अब 2024 के लिए इसी रणनीति पर काम करने के लिए बीजेपी की अहम बैठक होने जा रही है.
सपा-सुभासपा के तलाक पर बनेगी रणनीति
चित्रकूट में होने वाली तीन दिवसीय बैठक में समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के खत्म हुए रिश्ते को लेकर भी चर्चा की जाएगी. इसमें अखिलेश यादव और ओमप्रकाश राजभर के बीच हुए तलाक का भी मुद्दा छाया रहेगा. बीजेपी इस बात की संभावनाएं टटोलेगी कि इन दोनों के अलगाव के बाद किस तरह से उत्तर प्रदेश में पार्टी इसका फायदा उठा सकती है. यूपी में उपचुनाव के बाद जिस तरह से सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं. इस बैठक में भी यह मुख्य एजेंडा रहेगा क्योंकि बैठक में केंद्र के कई वरिष्ठ पदाधिकारी रहेंगे इस लिहाज से यह बैठक काफ़ी महत्वपूर्ण मनी जा रही है।
विधानसभा चुनाव के बाद सपा का गठबंधन
यूपी विधानसभा चुनाव उसके बाद रामपुर, आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद सपा के सहयोगी उनसे अलग होने लगे हैं. पहले महान दल के नेता केशव देव मौर्य उसके बाद ओमप्रकाश राजभर ने जिस तरह से सपा प्रमुख पर हमले करने शुरू किए उससे मजबूरन समाजवादी पार्टी को उनसे तलाक लेना पड़ा. यहां तक कि चाचा शिवपाल को भी अखिलेश यादव ने स्वतंत्र कर दिया है.
अब उनके साथ राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और अपना दल के की अध्यक्ष कृष्णा पटेल ही बची हैं. ऐसे में 2024 में बीजेपी इसे सियासी फायदे के तौर पर देख रही है. खासतौर से अखिलेश और राजभर के टूटे गठबंधन को पूर्वांचल में कैसे भुनाया जाए इसको लेकर मंथन होगा. क्योंकि विधानसभा के चुनाव में राजभर और अखिलेश के एकजुट होने से बीजेपी को नुकसान पहुंचा था.
तीन दिवसीय शिविर में बीजेपी के कई बड़े नेता होंगे शामिल चित्रकूट में 29 से 31 जुलाई तक होने वाली इस बैठक को यूं तो प्रशिक्षण शिविर नाम दिया गया है. लेकिन यह कितनी अहम बैठक है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन मंत्री बीएल संतोष से लेकर कई केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे. इसके साथ ही यूपी के मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही तमाम बड़े पदाधिकारी भी मौजूद होंगे. बैठक में कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्रियों के बीच आपसी तालमेल की जो कमी झलक रही है।
उसे कैसे दूर किया जाये यह भी तय होगा. राष्ट्रीय नेतृत्व कैबिनेट और राज्य मंत्रियों में आपसी सामंजस्य बैठाने पर बात करेगा. इसके अलावा जिलाध्यक्ष और क्षेत्रीय अध्यक्षों से भी संगठन का फीडबैक लेकर कमियां होंगी उसे दूर करने का दिशा निर्देश दिया जाएगा. क्योकि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अपना बूथ सबसे मजबूत का नारा भारतीय जनता पार्टी ने दिया है. इसके तहत जहां पर उनका बूथ कमजोर हैं उसे मजबूत किया जा रहा है.