शिवसेना की मुख्यमंत्री की मांग नहीं मान सकते हम- अमित शाह

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है। लेकिन पार्टियों ने हार नहीं मानी है और सरकार बनाने की कोशिशें अब भी जारी है। शिवसेना के बीजेपी से रिश्ते टूटने के बाद बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहली बार बयान दिया है।

Update: 2019-11-14 04:42 GMT

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है। लेकिन पार्टियों ने हार नहीं मानी है और सरकार बनाने की कोशिशें अब भी जारी है। शिवसेना के बीजेपी से रिश्ते टूटने के बाद बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहली बार बयान दिया है। अमित शाह ने कहा कि चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हमने आम सभा में कई बार कहा था कि अगर हमारा गठबंधन जीत हासिल करता है तो देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री होंगे। अमित शाह ने कहा कि शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा ऐसा नहीं कहा गया था। लेकिन अब वो नई मांग के साथ सामने आए हैं जिसे हम स्वीकार नहीं कर सकते।

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महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के राज्यपाल के बाद फैसले का भी अमित शाह ने बचाव किया। शाह ने कहा कि इससे पहले किसी भी राज्य में इतना समय नहीं दिया गया। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 18 दिन दिए। राज्यपाल ने विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही पार्टियों को आमंत्रित किया। शिवसेना, कांग्रेस-एनसीपी और न ही हमने दावा किया। उन्होंने कहा, आज भी किसी पार्टी के पास आंकड़े हैं तो वो राज्यपाल के पास जा सकता हैं।

उन्होंने कहा, इस मुद्दे पर विपक्ष राजनीति कर रहा है और एक सांविधानिक पद को इस तरह से राजनीति में घसीटना मैं नहीं मानता लोकतंत्र के लिए स्वस्थ परंपरा है।

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उन्होंने अंत में कहा, आज भी अगर किसी के पास संख्या है तो वो राज्यपाल से संपर्क कर सकता है। राज्यपाल ने किसी को भी मौका देने से इनकार नहीं किया है।

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