ए योगी जी ! अब तो विकसवा को गोदी में डाल दीजिए, बहुत मन कर रहा है

Update: 2017-12-01 11:51 GMT

आशीष शर्मा 'ऋषि'

बा अदब-बा मुलाइजा ! होशियार! खबरदार... प्रचंड जीत के रथ पर सवार योगी आदित्यनाथ पधार रहे हैं। योगी जी जीत की बहुत बहुत बधाई। कसम से दिल लूट लिए हैं आप। कहां नेता जी लोग आपको निपटाने में लगे थे। झाँसी से मेरठ और गोरखपुर तक अंदर ही अंदर भाई लोग काम लगाने में लगे थे। आपने तो सबका काम लगा दिया। मेरिट के साथ पास हो गए। इस जीत से पता नहीं कितनों के गुर्दे छिल गए होंगे।

अब न आप यूपी के सभी अस्पतालों को हिदायत दे ही डालो, जो भी नेता अपना इलाज कराने आए उसका इलाज मुफ्त में होगा। किसी को नाम भी नहीं बताया जाएगा। आपको नहीं पता बहुत से जयचंद सकते में हैं। ऐसी चौचक जीत तो नसीब वालों को मिलती है। वैसे भी आप तो पुराने नसीबों वाले हैं। क्यों सही कहा न!

अब ना आप कर ही डालो विकास ! अब तो कोई चुनाव बचा भी नहीं जो आपको जिताया जाए। यूपी वाले विकास को गोद में खिलाने के लिए पगलाए हुए हैं। उनकी गोद में डाल ही दीजिए विकसवा को। बहुत कृपा होगी।

अरे! हम तो बताए ही नहीं, हमारी पत्नी जी गोरखपुर से हैं। बात-बात पर आपके नाम की धमकी देती रहती हैं। तो हमने भी एक वार्ड को छोड़, बाकि सभी जगह बीजेपी के लिए ही वोट देने की अपील की थी। वो ना एक वार्ड वाली गलती माफ़ करिएगा। हम ऐसा इस लिए कह रहे हैं क्योंकि सुना है की आप अब बीजेपी विरोधियों को निपटाने का काम करने वाले हैं। डरे हुए हैं! कहीं हमारा नाम भी लिस्ट में हुआ तो क्या करेंगे।

वैसे आपको अंदर की बात बताए। वो न जब विधानसभा चुनाव हो रहे थे तब हमने सबसे पहले बताया था कि आप ही सीएम बनोगे। तो हमको जरा बचा कर रखिएगा।

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एक और बात अभी जब ऑफिस आ रहे थे तो रस्ते में बशीर चाचा मिल गए थे। वो भी बता रहे थे योगी बड़े भले आदमी हैं। लेकिन कुछ करते नहीं। अब तो सब कुछ दे दिए हैं उनको। जरा उनसे कहना की विकसवा को गोद में खिलाने की बड़ी चाह है। अब बशीर चाचा को लगता है कि हमारी आपसे रोज मुलाकात होती है। लेकिन ये बात हमने उनसे नहीं कही। सच में मम्मी कसम, अब उनको लगता है तो हमने भी लगने दिया।

बाकी सब ठीक है, पानी नाली गली सीवर सब कुछ चौकस काम कर रहा है। लेकिन जाम बहुत रहता है शहर में। उसका कुछ करिए। रोज-रोज ऑफिस देर से आते हैं तो सर जी बहुत नाराज हो जाते हैं। समझ रहे हैं ना ! वैसे आप हैं बहुत समझदार! इसमें हमें कोई शक नहीं है। बस लखनऊ हलवाई की लुगाई की तरह फ़ैल रहा है। उसका कुछ इंतजाम कर दीजिए।

नोटिस भी है यहां पढने के लिए

हमारे इस लेख को कहीं से भी चापलूसी या माखन मिश्री का भोग न समझा जाए। किसी की भी भावना आहत नहीं करना चाहते। ओ हां! भावना ये याद आया दीदी कैसी हो आप। हम कुशल मंगल से हैं, योगी जी ने निकाय चुनाव में झंडा लहरा दिया है, उसी की बधाईयाँ दे रहे थे।

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