EIA मसौदे पर सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को घेरा, कही ये बड़ी बात

उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार में छपे अपने लेख में सरकार पर इस मुद्दे को लेकर कई सवाल खड़े किये हैं। सोनिया गांधी ने यह भी कहा है कि बतौर गुजरात के मुख्य मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पीएम मोदी का रिकॉर्ड पर्यावरण को लेकर कभी भी अच्छा नहीं रहा है।

Update: 2020-08-13 04:45 GMT
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की फाइल फोटो

नई दिल्लीं: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार की ओर से लाए गए पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) मसौदे को लेकर हमला बोला है।

उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार में छपे अपने लेख में सरकार पर इस मुद्दे को लेकर कई सवाल खड़े किये हैं। सोनिया गांधी ने यह भी कहा है कि बतौर गुजरात के मुख्य मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पीएम मोदी का रिकॉर्ड पर्यावरण को लेकर कभी भी अच्छा नहीं रहा है।

इस सरकार का रिकॉर्ड पिछले 6 साल में ऐसा रहा है, जिसमें पर्यावरण की रक्षा करने को लेकर कोई विचार नहीं है।

हमारा देश मौजूदा समय में दुनिया में पर्यावरण के मामले में काफी पीछे है। कोरोना महामारी के कारण सरकार को इस पर विचार करने की जरूरत थी। लेकिन इसकी अनदेखी हो रही है।

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पीएम नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो

प्रकृति की रक्षा करना अहम: सोनिया गांधी

हम लोगों की ओर से प्रकृति की रक्षा करना अहम है। पीएम मोदी को इस मसौदे पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'जब आप प्रकृति की रक्षा करेंगे तभी प्रकृति भी आपकी रक्षा करती है। हाल ही में दुनिया में फैली कोरोना वायरस महामारी भी हमें नई सीख दे रही है। ऐसे में हमारा यही फर्ज है कि हम प्रकृति की रक्षा करें।

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष ने कहा कि नई पर्यावरण नीति का कोई भी विरोध नहीं कर रहा है। सरकार को इसे लाने से पहले इसके लिए वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से सलाह लेनी चाहिए थी।

चाहे कोयला खदानों का मामला हो या फिर ईआईए, सरकार की ओर से किसी की भी राय नहीं ली जा रही है। देश ने विकास की रेस में आगे बढ़ने के लिए पर्यावरण की बलि दी है। लेकिन इसकी भी एक सीमा तय होनी चाहिए।

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पीएम नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो

राहुल गांधी पहले ही उठा चुके हैं सवाल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही सरकार से इस मसौदे को वापस लेने की मांग कर चुके हैं। उन्होंने कहा है कि इसे वापस लिया जाना चाहिए।

उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया कि ईआईए-2020 के मसौदे का मकसद देश की लूट है। उन्होंने दावा किया, 'यह एक और ख़ौफ़नाक उदाहरण है कि भाजपा सरकार देश के संसाधन लूटने वाले चुनिंदा सूट-बूट वाले मित्रों के लिए क्या-क्या करती आ रही है।

राहुल गांधी ने कहा, 'देश की लूट और पर्यावरण की तबाही को रोकने के लिए ईआईए-2020 का मसौदा वापस लिया जाना चाहिए।

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