सहारनपुर: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की एसीजीएम तृतीय सीमा डुंगरकोटी की अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकर के पूर्व मंत्री एवं एमएलसी साहब सिंह सैनी व उनकी पत्नी रीटा सैनी को आरोप मुक्त कर दिया है।
ये भी देखें:शर्मनाक: 3 महीने बाप ने रौंदी नाबालिग बेटी की अस्मत, कर दिया ये हाल
तथाकथित पत्नी ने किया था मुकदमा
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री व वर्तमान में विधान परिषद सदस्य साहब सिंह सैनी व उनकी पत्नी रीटा सैनी पर सुमित्रा देवी नाम की महिला ने खुद को साहब सिंह सैनी की पत्नी होने का दावा करते हुए वर्ष 2013 में एक वाद देहरादून कोर्ट दायर किया था। उस समय साहब सिंह सैनी राजनीतिक रूप से उंचाईयों पर थे और उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री थे। समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के साथ करीबियों के चलते सपा नेतृत्व ने इसकी परवाह किये बगैर साहब सिंह सैनी को विधान परिषद सदस्य बनाया और उसके बाद उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री का दायित्व दिया।
ये भी देखें:अयोध्या : दिवाली तक खुशखबरी देंगे सीएम योगी, भागवत-शाह मीटिंग का असर !
पांच साल चला वाद
5 साल चले 494/120B इस वाद के चलते मीडिया की भी सुर्खी रहा। 25 अक्टूबर 2018 को एसीजीएम सीमा डुंगरकोटी की अदालत बचाव पक्ष के विद्वान अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद आज खुली अदालत में एसीजीएम डुंगरकोटी ने साहब सिंह सैनी व उनकी पत्नी रीता सैनी को आरोप मुक्त कर दिया।
पूर्व मंत्री व विधान परिषद सदस्य साहब सिंह सैनी ने इस फैसले पर हर्ष व्यक्त करते हुए इसे सच्चाई की जीत बताया है, कहा है कि उनको अदालत पर पूर्ण भरोसा था। साथ में यह भी कहा है कि उनकी लोकप्रियता से उनके राजनीतिक विरोधी खासे परेशान थे और ऐसे लोगों ने ही सुमित्रा को बहका कर वाद दायर करवाया था।
ये भी देखें:आजादी के बाद गांव में हुआ उजियारा तो चेहरे पर आई ख़ुशी की चमक