Politician Ambeth Rajan Biography: सम्पूर्ण राजनैतिक सफर में दलित समुदाय के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध रहें हैं अंबेथ राजन

Famous Dalit Neta Ambeth Rajan Wiki in Hindi: दलित समुदाय के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध अंबेथ राजन का राजनैतिक जीवन कैसा रहा और कौन कौन से उतार चढ़ाव उन्होंने अपने जीवन में देखें आइये जानते हैं उनके बारे में विस्तार से।;

Report :  Jyotsna Singh
Update:2025-02-09 12:20 IST

Ambeth Rajan Biography (Image Credit-Social Media)

Dalit Leader Ambeth Rajan Biography in Hindi: बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के पूर्व सहयोगी अंबेथ राजन भारतीय राजनीति में एक प्रमुख दलित नेता हैं, जिन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। ये भारत की संसद के सदस्य हैं और भारतीय संसद के ऊपरी सदन, राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं ।

उनका जन्म तमिलनाडु में हुआ, और उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की। शिक्षा पूर्ण करने के बाद, उन्होंने दलित समुदाय के उत्थान के लिए कार्य करना शुरू किया।अंबेथ राजन का जन्म 9 फरवरी 1956 को, मयिलादुथुराई जिला तमिलनाडु में हुआ था।

अंबेथ राजन का राजनैतिक सफर

श्री राजन को 2007 में राज्य सभा के लिए मनोनीत किया गया था और वे विभिन्न समितियों के सदस्य रहे हैं, जैसे महिला सशक्तिकरण, मानव संसाधन विकास मंत्री की परामर्शदात्री समिति के सदस्य, ग्रामीण विकास मंत्रालय, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति आदि।बसपा के संस्थापक कांशीराम के सचिव के रूप में, अंबेथ राजन ने पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी संगठनात्मक क्षमताओं और दलित समुदाय के प्रति समर्पण के कारण, उन्हें बसपा का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इसके अतिरिक्त, उन्हें तमिलनाडु में पार्टी के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी भी सौंपी गई।

अंबेथ राजन दो बार राज्यसभा सांसद रहे, जहां उन्होंने दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। संसद में उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने सामाजिक न्याय, शिक्षा, और स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया। जुलाई 2023 में, अंबेथ राजन ने बसपा छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का निर्णय लिया। हालांकि, कुछ ही महीनों बाद, अक्टूबर 2023 में, उन्होंने भाजपा से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी (आप) का दामन थाम लिया। आप में शामिल होने के बाद, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नीतियों और देश को नंबर एक बनाने के उनके प्रयासों से प्रभावित होकर उन्होंने यह कदम उठाया है।

अंबेथ राजन का राजनीतिक सफर विभिन्न दलों के साथ जुड़ा रहा है, लेकिन उनका मुख्य उद्देश्य हमेशा दलितों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए कार्य करना रहा है। विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ उनके अनुभव ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।

अंबेथ राजन की राजनीतिक छवि

अंबेथ राजन की राजनीतिक छवि एक समर्पित दलित नेता की रही है, जिन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ अपने करियर की शुरुआत की और पार्टी के संस्थापक सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह दो बार राज्यसभा सांसद रहे, जहां उन्होंने दलितों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए सक्रियता से आवाज उठाई।

हालांकि, बसपा छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होना और फिर पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होना, उनके राजनीतिक सफर में महत्वपूर्ण मोड़ रहे हैं। इन दल-बदल के कारण उनकी राजनीतिक छवि में कुछ हद तक अस्थिरता का संकेत मिलता है। फिर भी, उन्होंने आप में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नीतियों और भारत को नंबर एक बनाने के मिशन से प्रभावित होने की बात कही। कुल मिलाकर, अंबेथ राजन की छवि एक ऐसे नेता की है, जो दलित समुदाय के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हालिया राजनीतिक परिवर्तनों के कारण उनकी स्थिरता पर प्रश्नचिह्न भी उठे हैं।

बहुजन समाज वादी पार्टी में लंबा सफर तय करने के बाद उसका साथ छोड़ने के फैसले पर उनका कहना था कि, “मैं 35 साल से ज़्यादा समय तक बीएसपी के साथ था। कांशीराम के निधन के बाद मायावती की राजनीति बदल गई। मायावती इस हद तक बीजेपी की तरफ़ चली गई हैं कि अब बीजेपी ही उनके उम्मीदवारों के चयन को तय करने लगी है। वे बीजेपी के लिए थर्मामीटर बन गई हैं।“

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