Banda Prakash Mudiraj Wiki in Hindi: मुदिराज के समर्पण और नेतृत्व कौशल का जीताजागत प्रमाण है उनकी राजनीतिक यात्रा

Banda Prakash Mudiraj Biography in Hindi: बंदा प्रकाश मुदिराज का जन्म 18 फरवरी, 1954 को एक तेलंगाना के वारंगल जिले में सत्यनारायण के घर हुआ था । उन्होंने 1996 में काकतीय विश्वविद्यालय से अपनी पीएच.डी. की ।;

Written By :  Jyotsna Singh
Update:2025-02-14 20:04 IST

Famous Politician Banda Prakash Mudiraj Biography 

Banda Prakash Mudiraj Biography in Hindi: बंदा प्रकाश मुदिराज की राजनीतिक छवि एक अनुभवी, जमीनी और सामाजिक न्याय के प्रति समर्पित नेता की है। नीतिगत मामलों पर सक्रिय भागीदारी निभाते हुए बतौर राज्यसभा सदस्य इन्होंने कृषि, जल संसाधन, सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों के विकास से जुड़े कई मुद्दे उठाए। विधान परिषद में भी वे शिक्षा, रोजगार और ग्रामीण विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ये वर्तमान में 12 फरवरी, 2023 से तेलंगाना विधान परिषद के उपाध्यक्ष हैं। साथ ही वह 22 नवंबर, 2021 से तेलंगाना विधान परिषद के सदस्य हैं। ये भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के वरिष्ठ नेता हैं।

व्यक्तिगत जीवन

बंदा प्रकाश मुदिराज का जन्म 18 फरवरी, 1954 को एक तेलंगाना के वारंगल जिले में सत्यनारायण के घर हुआ था । उन्होंने 1996 में काकतीय विश्वविद्यालय से अपनी पीएच.डी. की । उन्होंने अनीता प्रकाश बांदा से विवाह किया। उनका पेशा शिक्षक और शिक्षाविद्, राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता और ट्रेड यूनियनिस्ट है। इन्होंने ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, कुवैत, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात जैसे कई देशों में अब तक राजनीतिक यात्राएं की हैं।

ये राजनीति के साथ लेखक एवं सह-संपादक, खेल, किताब पढ़ने का भी शौक रखते हैं।

राजनैतिक सफर

उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की । ये अपने हाई स्कूल के दिनों से ही एक सक्रिय छात्र नेता थे। 1969 में जब तेलंगाना आंदोलन अपने चरम पर था, तब एक सक्रिय छात्र नेता ने तेलंगाना प्रजा समिति के बैनर पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार का समर्थन किया। उन्होंने तेलुगु में तीन किताबें लिखीं और तीन किताबों के लेखक और सह-संपादक थे।

1981-1986 तक वे वारंगल नगर निगम के नगर पार्षद रहे । 1981-1984 तक वे वारंगल नगर निगम के उपाध्यक्ष रहे । 1982-1985 तक वे काकतीय शहरी विकास प्राधिकरण के सदस्य रहे। 1991-1994 तक, ये वारंगल में काकतीय विश्वविद्यालय में प्रबंधन बोर्ड के सदस्य थे। 1991-1994 तक, ये वारंगल में काकतीय विश्वविद्यालय में प्रबंधन बोर्ड के सदस्य थे। 2018 में, ये वारंगल के काकतीय विश्वविद्यालय की वित्त समिति के सदस्य थे। ये तेलंगाना के मुदिराज महासभा के अध्यक्ष हैं। 2018 में, उन्हें तेलंगाना से राज्यसभा का सांसद (एमपी) चुना गया । 2018-2019 तक, ये प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष (संशोधन) विधेयक पर राज्यसभा की प्रवर समिति के सदस्य थे। 2019 में, ये वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के लिए परामर्शदात्री समिति के श्रम सदस्य समिति के सदस्य थे। 2018 में, ये राज्य सभा के सदस्यों को कंप्यूटर के प्रावधान संबंधी समिति (पीसीएमआरएस) के सदस्य थे।

2019 में, वे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कल्याण संबंधी समिति के सदस्य थे। 2019 में, ये सरोगेसी (विनियमन) विधेयक पर प्रवर समिति के सदस्य थे और सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यम के लिए राष्ट्रीय बोर्ड के सदस्य थे।

इन्होंने 23 मार्च,2018 से 4 दिसंबर, 2021 तक तेलंगाना का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्यसभा में संसद सदस्य के रूप में कार्य किया। इन्होंने 33 वोटों से मतदान जीता। वह तेलंगाना मुदिराज महासभा के अध्यक्ष हैं। वह तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति से संबंधित हैं। इन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत में, बंदा प्रकाश ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के सदस्य के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई। मुदिराज समुदाय के हितों के लिए कार्य करती है।

इस दौरान, उन्होंने विभिन्न6 महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा में भाग लिया और राज्य के विकास के लिए योगदान दिया। 2021 में, उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और उसी वर्ष 22 नवंबर को तेलंगाना विधान परिषद के सदस्य बने। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने 5 अक्टूबर, 2022 को अपना नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर लिया। इस परिवर्तन के बाद, बंदा प्रकाश ने बीआरएस के सदस्य के रूप में अपनी भूमिका जारी रखी। 12 फरवरी, 2023 को, बंदा प्रकाश को सर्वसम्मति से तेलंगाना विधान परिषद का उपाध्यक्ष चुना गया। उनकी नियुक्ति के समय, मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने उनके अनुभव और नेतृत्व की सराहना की। बंदा प्रकाश मुदिराज की राजनीतिक छवि एक अनुभवी, जमीनी और सामाजिक न्याय के प्रति समर्पित नेता की है।

मुदिराज समुदाय के सशक्तिकरण के नेता

बंदा प्रकाश मुदिराज तेलंगाना मुदिराज महासभा के अध्यक्ष के पद पर रहते हु इस समुदाय के उत्थान के लिए लंबे समय से कार्य कर रहे हैं। उनके प्रयासों से मुदिराज समुदाय के अनगिनत लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और राजनीतिक भागीदारी में लाभ मिला है साथ ही रोजगार के अवसर भी हासिल हुए हैं।

अनुभवी और स्थिर राजनेता

उन्होंने राज्यसभा सांसद (2018-2021) और तेलंगाना विधान परिषद के सदस्य (2021-वर्तमान) के रूप में कार्य किया है। अपने राजनीतिक जीवन में वे कभी भी बड़े विवादों में नहीं फंसे, जिससे उनकी छवि एक स्थिर और भरोसेमंद नेता की बनी हुई है। राज्यसभा में रहते हुए उन्होंने कृषि, जल संसाधन, सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों के विकास से जुड़े कई मुद्दे उठाए। विधान परिषद में भी वे शिक्षा, रोजगार और ग्रामीण विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इन्हें जनता के बीच एक मिलनसार और जनता से जुड़ा हुआ नेता माना जाता है।

वे अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं और लोगों से सीधा संवाद करते हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता बनी रहती है। हालांकि विपक्षी दल कभी-कभी उन पर बीआरएस की नीतियों के प्रति अधिक झुकाव रखने का आरोप लगाते हैं। कुछ आलोचक मानते हैं कि वे राष्ट्रीय राजनीति की तुलना में राज्य स्तर पर अधिक सक्रिय रहे हैं। बंदा प्रकाश मुदिराज की राजनीतिक यात्रा उनके समर्पण और नेतृत्व कौशल का प्रमाण है। उन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए राज्य और समुदाय के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

Tags:    

Similar News