महाराष्ट्र की राजनीति में रातोंरात बड़ा खेल, फडणवीस फिर बने CM, पवार डिप्टी सीएम

महाराष्ट्र में शनिवार सुबह भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर सामने आया है। शनिवार सुबह बीजेपी ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम शपथ दिलाई।

Update:2019-11-23 08:26 IST

मुंबई: महाराष्ट्र में शनिवार सुबह भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा उलटफेर सामने आया है। शनिवार सुबह बीजेपी ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम शपथ दिलाई। तो वहीं अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का दोबारा मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस जी और अजित पवार जी को क्रमशः मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई। मुझे विश्वास है कि वे महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगन से काम करेंगे।

यह भी पढ़ें...राजस्थान के नागौर में भीषण सड़क हादसा, 11 लोगों की मौत, कई घायल

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने देवेंद्र फडणवीस को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि देवेंद्र फडणवीस जी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अजीत पवार जी को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर हार्दिक बधाई। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह सरकार महाराष्ट्र के विकास और कल्याण के प्रति निरंतर कटिबद्ध रहेगी और प्रदेश में प्रगति के नये मापदंड स्थापित करेगी।

फडणवीस ने शपथ लेने के बाद महाराष्ट्र की जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया था। हमारे साथ लड़ी शिवसेना ने उस जनादेश को नकार कर दूसरी जगह गठबंधन बनाने का प्रयास किया। महाराष्ट्र को स्थिर शासन देने की जरूरत थी। महाराष्ट्र को स्थायी सरकार देने का फैसला करने के लिए अजीत पवार को धन्यवाद।

यह भी पढ़ें...झारखंड में चुनाव से पहले बड़ा नक्सली हमला, 4 पुलिसकर्मी शहीद

तो वहीं डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने वाले अजित पवार ने कहा कि परिणाम दिन से लेकर आज तक कोई भी सरकार सरकार बनाने में सक्षम नहीं थी, महाराष्ट्र किसान मुद्दों सहित कई समस्याओं का सामना कर रहा था, इसलिए हमने एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया।

यह भी पढ़ें...महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बनना तय

गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुए थे और चुनाव परिणाम 24 अक्टूबर को आए थे। महाराष्ट्र में किसी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने की वजह से राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था।

शिवसेना के मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर बीजेपी से 25 साल पुराना गठबंधन तोड़ने के बाद से राज्य में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था।

Tags:    

Similar News