हार्दिक पटेल का उपवास आंदोलन शुरू, गुजरात में हाई अलर्ट

Update: 2018-08-25 11:04 GMT

अहमदाबाद: पाटीदार आरक्षण व किसानों की कर्जमाफी की मांग को लेकर पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने शनिवार को उपवास आंदोलन शुरू कर दिया है। बता दें कि इसके ऐलान के बाद शुक्रवार रात से ही गुजरात हाई अलर्ट पर है।

हार्दिक का आमरण उपवास

पाटीदार इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ाने के साथ सूरत, राजकोट, मेहसाणा आदि शहरों से अहमदाबाद आने वाले वाहनों की सघन जांच व पाटीदार युवकों की धरपकड़ की जा रही है। हार्दिक ने खुद की धरपकड़ की आशंका जताई है। पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति को अहमदाबाद व गांधीनगर में आमरण उपवास आंदोलन करने की मंजूरी नहीं मिलने के बाद हार्दिक पटेल ने अहमदाबाद एसजी हाइवे पर स्थित आवास पर आमरण उपवास की घोषणा की थी।

हार्दिक के घर के बाहर पुलिस का पहरा

हार्दिक के घर के पास भी भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दी गई है। एसजी हाइवे पर एक एसपी, 2 डिवाईएसपी, 30 पुलिस निरीक्षक, 60 उपनिरीक्षक व सैकडों की संख्या में पुलिस जवान तैनात है। कांग्रेस ने हार्दिक के उपवास आंदोलन का समर्थन दिया है जिसके बाद शनिवार शाम तक कांग्रेस के पाटीदार विधायकों के भी उपवास में शामिल होने की संभावना है। हार्दिक ने सरकार व पुलिस पर आंदोलन को तोड़ने व दबाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके उपवास में शामिल होने वाले 16 हजार पाटीदार युवकों की धरपकड़ की गई है।

हर हाल में होगा उपवास आंदोलन: हार्दिक

इसके पहले ही हार्दिक ने कहा था कि उनको जो करना है करे हर हाल में उपवास आंदोलन होगा। सूरत से अहमदाबाद आ रहे कांग्रेस पार्षद नीलेश कुंभाणी सहित सैकड़ों पाटीदार युवकों की रास्ते में ही धरपकड़ की जा चुकी है। राज्य में कई इलाकों में आगजनी की आशंका से बीआरटीएस व एस टी बसों का रद अथवा डायवर्ट किया गया है।

कांग्रेस का समर्थन दे रहा इस बात का संकेत

हार्दिक पटेल के उपवास को कांग्रेस के समर्थन से साफ हो गया है कि उपवास आंदोलन कांग्रेस के इशारे पर, कांग्रेस की मदद से हो रहा है। सरकार सभी समाज को जोड़ना चाहती है पर कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले तथा अब लोकसभा चुनाव से पहले समाज को तोड़कर राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रही है।

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पाटीदार आंदोलन समिति के उपवास को मंजूरी नहीं

गुजरात में शांति एवं कानून व्यवस्था के मद्देनजर पाटीदार आंदोलन समिति के उपवास आंदोलन को मंजूरी नहीं दी गई है। 25 अगस्त 2015 में पाटीदार महारैली के बाद राज्यभर में हिंसा, आगजनी व तोड़फोड़ की घटनाएं हुई थी। 19 अगस्त को प्रतीक उपवास के दिन भी सूरत में एक बस जलाई गई तथा तीन के कांच तोड़ दिए गए थे।

भय फैलाने का प्रयास

गुजरात के एडीजीपी आर बी ब्रम्हभट्ट के अनुसार, 16000 युवकों की धरपकड़ की बात निराधार व राज्य में भय फैलाने का प्रयास है। पुलिस ने अब तक 158 युवकों को गिरफ्तार किया गया है, ये सभी युवक पहले से हिंसा व आगजनी में शामिल होने के आरोपी हैं। कानून व शांति व्यवस्था को भंग करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्यवाही करेगी।

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