लखनऊ। अक्सर देखने को मिलता है कि आईएएस-पीसीएस अफसरों का नेताओं के साथ मधुर संबंध नहीं होते। प्रशासनिक अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों से मधुर संबंध रखने चाहिए। जनप्रतिनिधि संवैधानिक तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को उनसे मधुर सम्बन्ध स्थापित करने चाहिए।
जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के बीच प्रोटोकॉल का सम्मान भी होना चाहिए क्योंकि दोनों महत्वपूर्ण संस्थाएं है और उनके बीच संवाद रसपूर्ण होना चाहिए। विधानसभाध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विधान भवन स्थित टण्डन हॉल में प्रशासनिक सेवा के नवनियुक्त उपजिलाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सेवा में होने का आनन्द तभी प्राप्त होगा जब प्रशासनिक अधिकारियों का कार्यव्यवहार, कार्यशैली व सम्बन्ध उत्तम होंगे। जनप्रतिनिथि एवं अधिकारियों का लक्ष्य एक होता है। उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए आपसी सहयोग जरूरी है ।
दीक्षित ने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी होना एक सम्मान का विषय है क्योंकि वह जिस राज्य में जन्म लिया, जहां उनके अभिभावक निवास करते है, जहां उनकी प्रिय नदियां है और जहां उसने शिक्षा ग्रहण की है उसी राज्य में राज्य का प्रशासनिक अधिकारी बनना, समाज सेवा का मौका मिलना, सौभाग्य की बात है।