Kirti Vardhan Singh Wiki in Hindi: सपा से भाजपा तक का सफर तय करने वाले कीर्ति वर्धन सिंह, जाने इनके बारे में

Famous Politician Kirti Vardhan Singh: कीर्ति वर्धन सिंह की 'राजा भैया' के रूप में पहचान सिर्फ उनके पारिवारिक इतिहास तक सीमित नहीं है बल्कि यह उनकी लोकप्रियता, सामाजिक जुड़ाव और राजनीति में प्रभावशाली उपस्थिति के कारण भी बनी।;

Update:2025-03-01 12:57 IST

Uttar Pradesh Famous Politician Kirti Vardhan Singh

Kirti Vardhan Singh Biography in Hindi: कीर्ति वर्धन सिंह, भारत की सोलहवीं लोकसभा, सत्रहवीं लोकसभा व अट्ठारहवीं लोकसभा के लगातार तीसरी बार सांसद हैं। 2024 के चुनावों में वे उत्तर प्रदेश की गोंडा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर निर्वाचित हुए। कीर्तिवर्धन सिंह वर्तमान एनडीए (मोदी 3.0) में केंद्रीय राज्यमंत्री वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन व केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। कीर्ति वर्धन सिंह स्थानीय रूप से 'राजा भैया' के नाम से जाने जाते हैं। यह उपाधि उनके पारिवारिक इतिहास और मनकापुर की ताल्लुकदारी से जुड़े होने के कारण मिली है। कीर्ति वर्धन सिंह की 'राजा भैया' के रूप में पहचान सिर्फ उनके पारिवारिक इतिहास तक सीमित नहीं है बल्कि यह उनकी लोकप्रियता, सामाजिक जुड़ाव और राजनीति में प्रभावशाली उपस्थिति के कारण भी बनी।

व्यक्तिगत जीवन और शिक्षा

कीर्ति वर्धन सिंह का जन्म उनका जन्म 1 मार्च 1966 को लखनऊ में हुआ था। वह उत्तर प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री आनंद सिंह के पुत्र हैं। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से भूविज्ञान में एम.एससी. की डिग्री प्राप्त की है। कीर्ति वर्धन सिंह ने 16 नवंबर 2002 को मधुश्री सिंह से विवाह किया। उनका एक पुत्र है जय वर्धन सिंह। इनकी संपत्ति ₹23.27 करोड़ है, जिसमें से ₹2.32 करोड़ देनदारियां हैं, जिससे उनकी शुद्ध संपत्ति ₹20.95 करोड़ होती है।

कीर्ति वर्धन सिंह की राजनीतिक यात्रा और पर्यावरणीय प्रयास उन्हें उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व बनाते हैं।

राजनीतिक करियर

कीर्ति वर्धन सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत समाजवादी पार्टी (सपा) से की। 1998 में, उन्होंने गोंडा से 12वीं लोकसभा चुनाव जीता, भाजपा के बृजभूषण शरण सिंह को 17,555 मतों से हराया। हालांकि, 1999 के 13वीं लोकसभा चुनाव में उन्हें बृजभूषण शरण सिंह से 59,197 मतों से हार का सामना करना पड़ा।

वापसी और पार्टी परिवर्तन

2004 में, उन्होंने फिर से गोंडा से 14वीं लोकसभा चुनाव जीता, भाजपा के श्याम शुक्ला को 36,998 मतों से पराजित किया। 2009 के चुनाव में, कांग्रेस के बेनी प्रसाद वर्मा से 23,675 मतों से हारने के बाद, उन्होंने सपा छोड़कर 2014 में भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा के टिकट पर, उन्होंने 2014 और 2019 में गोंडा से लोकसभा चुनाव जीते।

मंत्रिमंडल में शामिल 

2024 में, उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में विदेश मामलों और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया।

पर्यावरणीय सक्रियता

राजनीति के अलावा, कीर्ति वर्धन सिंह एक सक्रिय पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में अवैध रेत खनन के खिलाफ राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में मामला दायर किया, जिसमें जुलाई 2018 में उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ जीत हासिल की। उनकी विशेष रुचि पर्यावरण, वन्यजीव संरक्षण, झीलों और नदी प्रणालियों की पुनर्स्थापना, ग्रामीण विकास, और शिक्षा के प्रचार में है।

2023 में ऐतिहासिक कार्यक्रम में भागीदारी

8 अप्रैल 2023 को, कीर्ति वर्धन सिंह ने एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग लेकर सुर्खियां बटोरीं। उन्होंने हरियाणा के पिंजौर हवाई अड्डे के ऊपर एक पावर्ड हैंग ग्लाइडर का संचालन किया। इस दौरान, अनुभवी स्काईडाइवर शीतल महाजन ने एयरो क्लब ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित नेशनल एयरो मॉडलिंग फेलोशिप प्रोग्राम के उद्घाटन के हिस्से के रूप में छलांग लगाई।

इस कार्यक्रम का ऐतिहासिक महत्व

यह पहली बार था जब एक सक्रिय सांसद द्वारा संचालित पावर्ड हैंग ग्लाइडर से किसी नागरिक ने छलांग लगाई। इस आयोजन को एयरो क्लब ऑफ इंडिया, जो भारत में फेडरेशन ऑफ एयरोनॉटिकल इंटरनेशनेल (FAI) का प्रतिनिधित्व करता है, ने आयोजित किया था। इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐतिहासिक मान्यता मिलने की संभावना जताई गई थी। इसने भारत में एयरो स्पोर्ट्स और मॉडलिंग के विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में पहचान बनाई।

इस भागीदारी का प्रभाव

  1. कीर्ति वर्धन सिंह को एक रोमांचक और साहसी नेता के रूप में देखा गया। उनकी यह पहल युवाओं को एयरो स्पोर्ट्स और नवाचारों की ओर आकर्षित
  2. करने में सहायक बनी। इस कार्यक्रम ने भारत में हवाई खेलों और एयरोनॉटिक्स के क्षेत्र में नई संभावनाओं के दरवाजे खोले।
  3. इस ऐतिहासिक भागीदारी ने कीर्ति वर्धन सिंह को राजनीति से परे एक साहसी और नवाचार को प्रोत्साहित करने वाले नेता के रूप में स्थापित किया।

कीर्ति वर्धन सिंह की राजनीतिक उपलब्धियां और पहचान

प्रमुख चुनावी सफलताएं:

  1. 1998: पहली बार गोंडा लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार के रूप में चुने गए।
  2. 2004: पुनः गोंडा से लोकसभा सांसद बने, भाजपा के श्याम शुक्ला को हराया।
  3. 2014: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए और फिर से गोंडा से सांसद बने।
  4. 2019: भाजपा उम्मीदवार के रूप में तीसरी बार गोंडा से लोकसभा चुनाव जीता।
  5. 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में विदेश मामलों और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री बने।

पर्यावरण और ग्रामीण विकास और बुनियादी ढांचे में योगदान

पर्यावरण की दिशा में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे कीर्ति वर्धन सिंह ने अवैध रेत खनन के खिलाफ राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) में मामला दायर किया और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ जीत हासिल की। पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन से जुड़े कई मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाई। इसके अलावा अपने क्षेत्र में सड़क, बिजली और पानी की सुविधाओं में सुधार के लिए कई परियोजनाएं शुरू कीं। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया।

राजनीतिक प्रभाव

कीर्ति वर्धन सिंह भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी में एक मजबूत नेता के रूप में उभरे। उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से संबंध रखने के कारण उनकी पकड़ मजबूत है। उनकी पहचान गोंडा के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक मानी जाती है। ये पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लगातार एक पर्यावरणविद और समाजसेवी के रूप में सक्रिय हैं। मोदी सरकार में मंत्री बनने वाले उत्तर प्रदेश के चर्चित नेताओं में से एक। सपा से भाजपा तक का सफर तय करने वाले प्रभावशाली राजनेता कीर्ति वर्धन सिंह ने अपने करियर में राजनीति, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

भाजपा में शामिल होने के बाद उनकी सत्ता और संगठन में पकड़ और मजबूत हुई, जिससे वह एक प्रभावशाली राजनेता के रूप में स्थापित हुए हैं।

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